 
रायपुर(खबरगली) छत्तीसगढ़ी सिनेमा जगत के लोकप्रिय अभिनेता सलीम अंसारी,जिन्हें दर्शक प्यार से ‘सलीम चाचा’ कहकर पुकारते थे, अब हमारे बीच नहीं रहे। छत्तीसगढ़ी फिल्मों की दुनिया में उनका नाम अभिनय, सहजता और सादगी के प्रतीक के रूप में लिया जाता है। रायपुर के रहने वाले सलीम अंसारी ने अपने अभिनय सफर की शुरुआत सन् 2004 में फिल्म ‘मया देदे मयारू’ से की थी।
थिएटर से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सलीम चाचा ने बाद में एल्बम और फिल्मों में अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया। सलीम अंसारी ने सतीश जैन निर्देशित झन भुलव मां बाप ला’ में एक्टिंग की और उसके बाद से उनकी हर फिल्म चाहे वो छत्तीसगढ़ी हो या भोजपुरी, सभी में नजर आए। उन्होंने लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उनकी सहज अभिनय शैली और हास्य से भरे संवादों ने उन्हें हर उम्र के दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
सलीम अंसारी ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था , मैं थिएटर से आया हूं। बहुत साल थिएटर किया, फिर एल्बम में काम किया। एल्बम गिने नहीं जा सकते। फिर फिल्मों में आया। लोगों ने मेरे काम को पसंद किया, यही सबसे बड़ा पुरस्कार है।
अंसारी की पढ़ाई रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से हुई। वे वहां साइकिल स्टैंड भी देखते थे। शरारती छात्रों के बीच उनका भय बना रहता था। उनका एक सरकारी एड करू हे.. खूब पॉपुलर हुआ था।
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