उनकी देह से शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद के विद्यार्थी करेंगे अध्ययन
रायपुर (khabargali) देह नश्वर है और कर्म अमर। राजधानी के निवासी 78 वर्षीय ठाकुर जय बहादुर सिंह अब इस रूप में याद रहेंगे। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार मंगलवार 22 मार्च को उनके निधन के पश्चात बुधवार 23 मार्च को उनके स्वजन ने शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद को उनका देहदान किया। अब उनका शरीर मेडिकल छात्रों के लिए परीक्षण में काम आएगा।
गायत्री नगर, रायपुर निवासी ठाकुर जय बहादुर सिंह जो कि रिटायर्ड सीनियर डिविजनल अकाउंट ऑफिसर थे उनका मंगलवार, दिनाँक 22 मार्च 2022 को देवलोकगमन हो गया । वे संजय प्रताप सिंह, अजय प्रताप सिंह (एडव्होकेट), सुयश प्रताप सिंह, सुधारानी सिंह, संध्यारानी सिंह एवँ स्नेहलता सिंह के पिता थे। स्व जय बहादुर सिंह जी ने अपने परिवारजनों के समक्ष मृत्यु पश्चात देह दान की इच्छा व्यक्त की थी, अतः उनकी इच्छा के अनुसार कल 23 मार्च 2022 को उनके निवास A-16 गायत्री नगर रायपुर से अपराह्न 2 बजे मेडिकल कॉलेज में उनका देह दान किया गया।
स्व ठाकुर जय बहादुर सिंह के ज्येष्ठ पुत्र संजय प्रताप सिंह ने बताया कि पिताजी चाहते थे कि जब वह दुनिया से जाएं तो शरीर समाज के काम आए। चिकित्सा के छात्र उनकी देह से शारीरिक संरचना सीखकर डाक्टर बनें।
ठाकुर जय बहादुर सिंह जी की देह लेने शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय महासमुंद के शरीर रचना विभाग के सह प्राध्यापक डॉ दीप्ति गौतम व सहायक प्राध्यापक डॉ कुंज बिहारी पटेल वहाँ मौजूद थे। दोनों प्राध्यापक द्वय ने ख़बरगली से कहा कि हमारे निर्मित चिकित्सा महाविद्यालय के छात्रों के अध्ययन के लिए पहली देह दान में मिली है। महाविद्यालय ठाकुर परिवार का आभारी हैं, परिवार का यह फैसला अनुकरणीय है।
क्यों जरूरी है देहदान
देहदान से मेडिकल के छात्रों को परीक्षण में मदद मिलती है। मेडिकल छात्र बीमारियां और उसके उपचार का पता लगाते हैं। नई दवाओं का प्रयोग और आपरेशन की नई विधि का प्रयोग भी पार्थिव शरीर पर होता है।
निवास स्थान से महाविद्यालय तक का अंतिम सफर
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