देवव्रत सिंह ने अपने करियर की शुरुआत बतौर पत्रकार की थी..जानें उनसे जुड़े रोचक तथ्य

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मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी, गायक, और ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट थे देवव्रत

खैरागढ़ (khabargali) राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक और राजा देवव्रत सिंह (52) का बुधवार देर रात हार्ट अटैक से निधन हो गया। दीपावली के अवसर पर वह अपने निवास पर ही थे। उन्होंने शाम तक लोगों से मुलाकात की और परिवार के सदस्यों से बातचीत करते रहे। देर रात करीब 3 बजे अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। सीने में दर्द होने पर उन्हें खैरागढ़ सिविल अस्पताल ले जा रहे थे। बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विधानसभा चुनाव 2018 से पहले ही देवव्रत सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ में शामिल हुए थे। खैरागढ़ सीट के विधायक होने के साथ ही उनकी पहचान एक ओजस्वी प्रवक्ता के रूप में थी। छत्तीसगढ़ की सियासत में उन्होंने काफी कम उम्र में ही एक अलग पहचान बना ली थी। सिंह के निधन की खबर के बाद से उनके समर्थकों में शोक की लहर है।

चार बार विधायक, एक बार सांसद रहे

विधायक देवव्रत सिंह खैरागढ़ विधानसभा सीट से चार बार विधायक निर्वाचित हुए। एक बार राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद भी रहे। वह भारतीय खाद्य निगम के अध्यक्ष भी थे। साथ ही कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। 1995 से 1998 तक खैरागढ़ से मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे। 1998 से 2003 तक पहले मध्य प्रदेश, फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य रहे। 2007 से 2009 तक राजनांदगांव से लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने।

राहुल गांधी के रहे हैं करीबी

देवव्रत सिंह के कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं से करीबी संबंध रहे हैं। एक समय उनके राहुल गांधी और पूरे परिवार से काफी करीबी रिश्ते बताए जाते थे। बताया जाता था कि देवव्रत सिंह के महल में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी भी ठहर चुकी हैं। देवव्रत सिंह का दूसरा विवाह उत्तर प्रदेश के चर्चित विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की बहन विभा सिंह से हुआ था। इसी कारण वो राजा भैया के भी करीबी रहे हैं। देवव्रत छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह के भी रिश्तेदार थे।

लोग प्यार से देवव्रत बाबा कहते थे

शाही ठाठ-बाठ के साथ जीने वाले देवव्रत को खैरागढ़ के ग्रामीणों से भी काफी लगाव था। कई बार देखा गया कि अपने दौरे के बीच वो इलाके के लोगों का नाम पुकार उन्हें संबोधित करते थे, अक्सर ग्रामीणों के साथ बैठकर भोजन करते थे। देवव्रत सिंह को खैरागढ़ इलाके में लोग प्यार से देवव्रत बाबा कहते रहे हैं।

छत्तीसगढ़ का सबसे महंगा तलाक

देवव्रत सिंह की पहली शादी पद्मा देवी सिंह से हुई थी। साल 2016 में देवव्रत सिंह और उनकी पत्नी के बीच आपसी विवाद बढ़ने की वजह से तलाक हो गया था। पत्नी से अलग होने के बाद देवव्रत को करीब 11 करोड़ का हर्जाना देना पड़ा। यह छत्तीसगढ़ का अब तक का सबसे महंगा तलाक माना जाता है। इस तलाक में चार करोड़ रुपए की लागत में दिल्ली में बना मकान भी उन्होंने अपनी पत्नी के नाम कर दिया था और लगभग साढे़ छह करोड़ रुपए उन्होंने बैंक के जरिए पद्मा देवी सिंह को दिए थे। देवव्रत की बेटी शताक्षी उन्हीं के साथ खैरागढ़ में रह रही थी।

मशहूर क्रिकेट खिलाड़ी रह चुके थे

बहुत कम लोग जानते हैं कि देवव्रत सिंह नेशनल लेवल के क्रिकेटर और गाने के थे शौकीन थे। उन्होंने क्रिकेट के नेशनल टूर्नामेंट में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करते हुए सीके नायडू ट्रॉफी में जीत भी हासिल की थी। वो अक्सर अपने दौरों के बीच गांव में बच्चों को क्रिकेट खेलता देख रुक जाते, खुद बल्ला थामकर चौके-छक्के लगाया करते थे।देवव्रत म्यूजिक के शौकीन थे, हाल ही में उन्होंने एक समारोह में जीवन के दिन छोटे सही हम भी मगर दिलवाले सॉन्ग बड़ी खूबसूरती से गाया था।

ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट भी थे

एमकॉम और डीएमएम की पढ़ाई के बाद जापान जाकर देवव्रत सिंह ने होंडा कंपनी में फोर स्ट्रोक इंजन टेक्नोलॉजी में ट्रेनिंग भी ली थी। खेती के अलावा मोटरसाइकिल डीलरशिप का व्यवसाय भी देवव्रत सिंह का परिवार संभालता है। देवव्रत सिंह ने अपने करियर की शुरुआत बतौर पत्रकार की थी उन्होंने एमपी क्रॉनिकल और राष्ट्रीय सहारा जैसी न्यूज़ एजेंसी में काम भी किया था।

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