घोटूल से बदल रही है ग्रामीण युवाओं की जिंदगी

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घोटूल में बच्चों को खिलाड़ी , आर्मी , पुलिस , और प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही हैं .

बस्तर (khabargali @ रिपोर्ट @ लीलाधर निर्मलकर)

घोटूल यह आदिवासी कला संस्कृति , सभ्यता और शिक्षा की दर्पण है ,यदि किसी भी व्यक्ति को आदिवासी संस्कृति को जानना है तो यह घोटूल की परम्परा को सबसे पहले समझना होगा वैसे तो बस्तर के आंतरिक क्षेत्रों में घोटुल आज भी अपने बदले हुए रूप में देखा जा सकता है. लेकिन बस्तर में बाहरी दुनिया के कदम पड़ने से घोटुल का असली चेहरा बिगड़ा है. बाहरी लोगों के यहां आने और फोटो खींचने, वीडियो फिल्म बनाने के कारण ही यह परम्परा बन्द होने की कगार पर है. ऐसे में बंसीलाल नेताम और खैरखेड़ा के लोगो ने गोटूल परम्परा को नए रूप दिया है . घोटूल में जहां पहले शादी बिहाव और नाच गाने तक ही सीमित थी पर अब खैरखेड़ा की घोटूल में बच्चों को खिलाड़ी , आर्मी , पुलिस , और प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई जा रही हैं .

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120 बच्चे सपने साकार करने में लगे

खैरखेड़ा के घोटूल में 120 बच्चे अपने सपनों को साकार करने की तैयारी कर रहे . इन नौजवानों को अभ्यास कराने के लिए साइकिलिंग में विश्व रिकॉर्ड बना चुके और एथेलिस्ट बंशीलाल नेताम कोच का काम कर हैं. यहां प्रैक्टिस कर रहे युवा और गांव को लोगों की मेहनत भी रंग लाने लगी है. राज्य एथेलिस्ट प्रतियोगिता में 8 गोल्ड मेडल, 15 सिल्वर मेडल, 6 ब्रॉन्ज मेडल जीत कर भी आ चुके हैं. इतना ही नहीं हाल ही में रायपुर में चल रहे राज्य स्तरीय खेल में 2 सिल्वर मेडल और जीत गई वहीं रोजगार की बात करे तो 6 जिला पुलिस बल में भर्ती हुई और 2 आर्मी में सलेक्ट हुए है . वर्तमान में खैरखेड़ा घोटूल एकेडमी में 30 स्टेट प्लेयर्स और 11नेशनल लेवल प्लेयर्स ने अपनी प्रतिभा की जौहर दिखा चुके हैं . अब इंटरनेशनल लेवल में दस्तक देना बाकी है .

घोटूल में नहीं होता है भेदभाव

घोटूल में वैसे तो आमतौर से मुरिया , मड़िया और गोड़ समुदाय के लोग जाते है पर खैरखेड़ा घोटूल खेल एकेडमी में किसी तरह की किसी पर कोई बन्दिश नहीं है .यहाँ महिला पुरुष दोनों को ही समान अभ्यास कराया जाता है . इसकी सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की यहाँ 50 किलोमीटर दूर से युवा प्रैक्टिस करने आते है . घोटुल खेल एकेडमी में प्रैक्टिस के लिए आई कल्पना भास्कर ने बताया कि वे रोज सुबह 4 बजे घोटुल आती हैं. यहां एक्सरसाइज, रनिंग और शारीरिक अभ्यास करती हैं. उसने बताया कि उसका शुरू से ही खेलों में रुझान था. लेकिन स्कूल में मोटिवेशन नहीं मिलता था. अब घोटुल खेल एकेडमी में आकर काफी खुश हैं. घोटुल खेल अकेडमी शहर में जहां बच्चे भारी-भरकम फीस देकर खेल एकेडमी में प्रैक्टिस करते हैं वहीं गांव के ये बच्चे घोटुल में ही सुबह 5 बजे 8 बजे प्रैक्टिस करने के साथ रोजगार सम्बन्धित शिक्षा ले रहे है .बंसी लाल नेताम ने बताया कि यह 10 साल के बच्चे से लेकर 28 साल के युवा तक प्रैक्टिस कर रहे है , बल्कि एथलेटिक्स खेलो के जरिए जिले का नाम भी रोशन कर रहे हैं .

प्रदेश की पहली घोटूल खेल एकेडमी

यह छत्तीसगढ़ की ऐसा पहला घोटूल खेल एकेडमी है जो गरीब तबके के बच्चो को फ्री में खेल के साथ आर्मी और वर्तमान में कंपटीशन एग्जाम की तैयारी कराया जा रहा है.  घोटूल के माध्यम से लगभग 50 किलोमीटर से लोग यहां सीखने आते हैं और इसका लाभ उठा रहे हैं . इसी तरह से ग्राम खेजरोली और हम लोग रुड़की में भी संचालन किया जा रहा है . घोटूल खेल एकेडमी के जरिए लोग ना सिर्फ लाभ उठा रहे हैं बल्कि शराब , गुटका, तंबाखू जैसे बुरी आदतों से भी दूर हट रहे हैं . जिसका असर भी यहां के बच्चों में डिसिप्लिन के रूप देखी जा सकती है यह घोटूल मात्र 1 साल में ही बस्तर अंचल में सबसे ज्यादा मैडम जीत चुकी है . यह स्टेट लेवल से लेकर नेशनल लेवल तक के प्लेयर तैयार कराए जा रहे हैं , आज जिले में घोटूल खेल एकेडमी से क्षेत्र में काफी परिवर्तन आया है .और यहां उम्र 10 साल से लेकर 28 से 30 साल तक के युवा खेल एकेडमी में खेल के साथ फिटनेस योगा और कॉन्पिटिशन की एग्जाम के साथ आर्मी भर्ती के बेसिक ट्रेनिंग के लाभ ले रहे है .

घोटूल खेल एकेडमी के संस्थापक और कोच बंसीलाल नेताम ने बताया कि वह खेल और फिटनेस की प्रेमी है और खुद वर्ल्ड रिकॉर्ड सायकल लिस्ट रह चुके हैं और वर्तमान में पुलिस विभाग कांकेर में पदस्थ है . बंसीलाल नेताम ने बताया कि वह खुद एक अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स बनना चाहते थे लेकिन वह किसी कारण अपने सपनों को पूरा नहीं पाए . लेकिन अब वो इस क्षेत्र के प्रतिभावान बच्चों को इस मुकाम तक ले जाना चाहते है जिसे वह खुद नहीं कर पाए. और बंसी लाल नेताम की यह जुनून अब जमीन पर सार्थक होते धीरे धीरे दिख रही है .

 घोटूल खेल एकेडमी की उपलब्धि

 घोटूल खेल एकेडमी छत्तीसगढ़ में अपने तरह की पहले ऐसे खेल एकेडमी जहां बच्चों को खेल से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं तक की तैयारी चल रही हैं मात्र 11 माह में ही स्टेट लेवल में 28 से ज्यादा मेडल जीत चुकी है . यहाँ सभी को फ्री में सिखाया जाता है .युवती मीनाक्षी दर्रो कहती हैं कि उसका सपना फॉरेस्ट रेंजर बनने का है. पहले दौड़ नहीं पाती थी. लेकिन अब यहां प्रैक्टिस करने के बाद फर्राटे से दौड़ती हैं. उसने बताया कि कोच बहुत कुछ सिखाते हैं. मोटिवेट भी करते हैं.

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गांववालों का भी मिल रहा सहयोग

गांव के घोटुल समिति के अध्यक्ष शिव तुमरेटी ने बताया कि 2019 में 4 हजार 5 सौ 96 एकड़ का CFR (सामुदायिक वन संसाधनों पर अधिकार पत्र ) मिला है. गांव के लोगों ने बैठक की. छात्रों को खेल की प्रैक्टिस दिलाने बंशी नेताम से संपर्क किया. वे भी बच्चों को सिखाने के लिए राजी हो गए. एक साल से सभी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. युवक-युवती भी जी-जान से मेहनत कर रहे हैं. इसी की बदौलत बच्चों का सेलेक्शन भी हो रहा है. और अब यह बच्चे पहले से ज्यादा डेवलप हो गए है . यह घोटूल को संचालन में बंसी लाल नेताम के साथ गांव के सभी वर्ग के लोगो ने बहुत बढ़िया काम किया है इसी का नतीजा है कि आज यहाँ बच्चे अपनी स्वेक्षा से यह आ रहे हैं.

मंत्री कवासी लखमा ने दी बधाई

कवासी लखमा उद्योग मंत्री व आबकारी मंत्री ने राजधानी रायपुर से तिरंगे झंडे के साथ पूर्वी सिक्किम (गैंकटोक) के लिए रवाना किया, जहाँ पर पूरे भारत देश के 40 सदस्यों की टीम में छत्तीसगढ़ प्रदेश के उ.ब. कांकेर जिले के घोटूल स्पोर्ट्स अकेडमी ग्राम खैरखेड़ा के 7 सदस्यों का चयन हुआ है. जो कि कोच बंसी लाल नेताम के दिशा निर्देश व खुद कोच भी इस टीम का अगुवाई करेंगे . जिसका सिक्किम मे केंद्रीय सरकार के अंर्तगत आर्मी द्वारा पर्वतारोहण का 58 दिनों का है जिसमे बेसिक कोर्स 28 दिन और एडवांस कोर्स 30 दिन की तैयारी करने जा रहे है.

घोटूल स्पोर्ट्स एकेडमी के प्रशिक्षार्थियों से मिलने जिला पुलिश अधीक्षक सलभ सिन्हा व जिला अपर कलेक्टर सुरेंद्र बैध ग्राम खैरखेड़ा पहुंचे . जहाँ जिला पुलिस अधीक्षक ने बच्चो को शुभकामनाएं देते हुए उनके फिजिकल व मेडिकल प्रशिक्षण के बारे में जानकारी लिए . उन्होंने एकेडमी के कोच बंसी लाल नेताम से प्रशिक्षण के बारे में पूछा. एकेडमी के बच्चो को सैन्य बल, एथेलेटिक्स,सेना, पुलिस बल व पढ़ाई के क्षेत्र में भविष्य बनाने पर जोर दिया. पर्वतारोहण के लिए निकली 7 लड़कियों के कोच बंशी नेताम ने बताया कि हमारी 8 सदस्यीय टीम बेसिक एडवांस पर्वतारोहण के लिए रवाना हो रही है. आने वाले समय में एवरेस्ट प्रिपरेशन का कोर्स करने वाले हैं . ग्राम खैरखेड़ा के ग्रामीण व पालक समिति ने बच्चों को आशीर्वाद दिये। घोटूल स्पोर्ट्स एकेडमी खैरखेड़ा चारामा के प्राकृतिक माहौल में बस्तर अंचल में निः शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमे घोटूल स्पोर्ट्स एकेडमी में अल्प समय के प्रशिक्षण उपरांत ही इस वर्ष 14 बच्चों का चयन राष्ट्रीय खेल गोवा के लिए, 5 बच्चों का चयन मनाली से लद्दाख साइकिल रेस के लिए, 07 बच्चे एवरेस्ट फतह अभियान के तहत उतरकांशी उत्तराखंड के लिए तथा साथ ही किलिमंजारो पर्वत तंजानिया अभियान में भी कुछ बच्चे भाग लेंगे . अभी वर्तमान में कांकेर जिला में तीन घोटूल खेल एकेडमी है जिसमें सबसे ज्यादा बच्चे किरगोली में है इसे खुले महज दो माह ही हुए है और यह 150से ज्यादा बच्चे अलग अलग मोटिव के साथ प्रैक्टिस करने आते है . कोच बंसी लाल नेताम ने बताया कि यह अभी और भी खेल एकेडमी खोलने की तैयारी चल रही है और खैरखॆडा की सफलता को देखते ही बहुत से लोग अलग अलग जगह एकेडमी खोलने की ऑफ़र भी कर रहे है .