CM भूपेश बघेल नाराज कहा- नहीं चलेगी सौदेबाजी
रायपुर (khabargali) महंगाई भत्ता और गृह भाड़ा भत्ता की मांग को लेकर सोमवार को ढ़ाई लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी प्रदेशभर में हड़ताल में शामिल रहे। हड़ताल की वजह से सरकारी कार्यालयों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित रहा। तहसील लेकर पंजीयन, विधिक सेवाएं, खाद्य और राजस्व संबंधित कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों ने हड़ताल को समर्थन दिया है। कई और विभाग के कर्मचारियों ने आज समर्थ दिया है मतलब कल से और भी इनकी संख्या बढ़ जायेगी। इसका असर रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई, राजनांदगांव, कोरबा, रायगढ़, अंबिकापुर, सरगुजा, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कर्वधा सहित अन्य जिलों में देखा गया। जिले के साथ ही ब्लाक मुख्यालयों में अधिकारी-कर्मचारी धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए।
राजधानी में भी बूढ़ातालाब स्थित धरना-स्थल पर कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के मुताबिक अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे भी जारी रहेगा। अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने 34 प्रतिशत महंगाई भत्ते की मांग रखी है। फेडरेशन के पदाधिकारियों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से सिर्फ 22 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सिर्फ छह प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने की घोषणा की है। इससे महंगाई भत्ता बढ़कर 28 प्रतिशत हो जाएगा,लेकिन फेडरेशन इससे संतुष्ट नहीं है। एक अन्य मांग में सातवें वेतनमान और केंद्रीय विभागों के मुताबिक गृहभाड़ा भत्ता की मांग रखी गई है।
उल्लेखनीय है कि इस हड़ताल को छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी महासंघ ने समर्थन नहीं दिया है। इधर सरकारी कार्यालयों में कामकाज न होने से लोग परेशान होते रहे। दूर के क्षेत्रों से आए लोगों को यहां से खाली हाथ लौटना पड़ा। लोगों का कहना है कि राज्य सरकार आए दिनों होने वाले हड़तालों पर ठोस निर्णय ले। अन्यथा सामान्य लोगों को इसी तरह से परेशान होना पड़ेगा।
CM भूपेश बघेल ने यह कहा
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कर्मचारियों की मांग को देखते हुए सरकार ने 6% DA बढ़ाने की घोषणा कर दी है, जिसका कर्मचारियों के आधे संगठन ने स्वागत भी किया है, लेकिन कुछ कर्मचारी संगठन सौदेबाजी करते हुए उसे और बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, जो की सही नहीं है। सरकार ने अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखकर फैसला लिया है। इसके अलावा सरकार की सारी योजनाओं का लाभ कर्मचारियों को मिल रहा है। फिर भी कर्मचारी सौदेबाजी करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की। सप्ताह में पांच दिन ही काम की छूट दी। साथ ही कर्मचारियों के हित में लगातार फैसले कर रहे हैं। इतना करने के बाद भी कोई हड़ताल करना चाहे तो उसकी इच्छा है। इसके बाद शासन अपना काम करेगा। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कर्मचारियों के आंदोलन को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिनके पास रोजगार है वह भी दुखी हैं, जो बेरोजगार हैं वह भी दुखी हैं। कर्मचारी अपने DA की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, जो की जायज है।
- Log in to post comments