अंडर-19 महिला वर्ल्ड कप 2023 के दौरान भी राजधानी की आकांक्षा सत्यवंशी टीम की फिजियो थी
रायपुर /कवर्धा (खबरगली) भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर आईसीसी महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है। यह जीत न सिर्फ भारतीय क्रिकेट के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है, क्योंकि यह महिला क्रिकेट के 52 वर्षीय वर्ल्ड कप इतिहास में भारत की पहली स्वर्णिम सफलता है।इस पूरी सीरिज में खिलाडि़यों के दमखम को बनाये रखने में फिजियोथैरेपिस्ट आकांक्षा सत्यवंशी जो रायपुर, छत्तीसगढ़ की हैं, ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उनकी दोहरी सफलता है। इससे पहले अंडर-19 महिला वर्ल्ड कप 2023 के दौरान भी वह टीम की फिजियो थी। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में जन्मीं आकांक्षा जो अब शादी के रायपुर के सड्ढू में रह रही हैँ। आकांक्षा के पिता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में इंजीनियर के पद से रिटायर हुए। आकांक्षा की शादी सॉफ्टवेयर इंजीनियर से हुई है, जो भारतमाता चौक गुढ़ियारी के पास रहते हैं।
पूरे टूर्नामेंट में अहम योगदान दिया
आकांक्षा सत्यवंशी टीम के साथ फिजियोथैरेपिस्ट और स्पोर्ट्स साइंस विशेषज्ञ के रूप में जुड़ी रहीं। आकांक्षा सत्यवंशी भारतीय महिला टीम के फिटनेस और रिहैबिलिटेशन (रिकवरी) कार्यक्रम की प्रमुख विशेषज्ञों में से एक रहीं। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान खिलाड़ियों की चोटों की रोकथाम, फिजिकल फिटनेस और मानसिक एकाग्रता बनाए रखने में अहम योगदान दिया। टीम के लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के पीछे उनका वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्रोफेशनल अनुभव निर्णायक रहा। उनकी मेहनत और समर्पण के परिणामस्वरूप भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में ऊर्जा, एकजुटता और स्थिरता के साथ खेली, जिसका नतीजा विश्वविजेता बनने के रूप में सामने आया।
कवर्धा के लोगों ने आकांक्षा की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता जताई है। स्थानीय खेल प्रेमियों का कहना है कि उनकी मेहनत, संघर्ष और लगन ने यह साबित किया है कि छोटे शहरों की बेटियां भी देश के लिए स्वर्णिम इतिहास रच सकती हैं। पहले भी रही हैं राष्ट्रीय टीमों से जुड़ी आकांक्षा सत्यवंशी पूर्व में छत्तीसगढ़ महिला क्रिकेट टीम और भारतीय अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के साथ भी कार्य कर चुकी हैं। खेल विज्ञान और पुनर्वास चिकित्सा में उनकी विशेषज्ञता ने उन्हें खेल जगत में एक अलग पहचान दिलाई है। खेल के प्रति उनके समर्पण और अनुशासन ने उन्हें न केवल एक कुशल फिजियोथैरेपिस्ट बनाया है, बल्कि महिला क्रिकेट के क्षेत्र में प्रेरणास्रोत भी। आकांक्षा आज उन हजारों बेटियों के लिए प्रेरणा हैं जो खेलों में अपने भविष्य का सपना देख रही हैं। उन्होंने यह सिद्ध किया है कि दृढ़ निश्चय, मेहनत के साथ किसी भी स्तर पर सफलता हासिल किया जा सकता है।
देर रात चला जश्न
रविवार को मिली जीत के बाद दोपहर लगभग 3 बजे खाने की टेबल पर बैठी आकांक्षा ने फोन हुई चर्चा में बताया कि जीत का जश्न पूरी रात चलता रहा। बमुश्किल ढाई से तीन घंटे की नींद मिली। उसके बाद सोमवार को भी व्यस्तता रही। चर्चा में उन्होंने कहा कि फिजियोथैरेपी की पढ़ाई उन्होंने पं. जवाहरलाल नेहरू स्मृति मेडिकल कॉलेज(जेएनएम) रायपुर से की। इसके बाद मास्टर डिग्री के लिए उन्होंने ओडिशा के कटक स्थित स्वामी विवेकानंद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिहेबिलिटेशन ट्रेनिंग व रिसर्च सेंटर मंे पढ़ाई की। यहां से न्यूरोरिहेबिलिटेशन एवं मस्कुलोस्केलेटन मंे विशेष दक्षता प्राप्त करने के बाद जनवरी 2019 से सितंबर 2020 तक छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ की महिला क्रिकेट टीम की एकेडमिक फिजियो रही।
छत्तीसगढ़ क्रिकेट के प्रवक्ता राजेश दवे ने बताया कि यहां फिजियो रहते आकांक्षा को उसके प्रदर्शन के आधार पर बीसीसीआई का ऑफर मिला था। उन्होंने अक्टूबर 2019 में सहायक फिजियो के रूप में भारतीय महिला सीनियर टीम के न्यूजीलैंड दौरे के साथ क्रिकेट में अपना करियर शुरू किया। महिला क्रिकेट प्रीमियर लीग 2023 में गुजरात जायंट्स टीम के लिए भी फिजियो के रूप में काम किया है। वह बंगलुरू के नेशनल क्रिकेट एकडेमी से भी जुड़ी है।
तापसी को मिताली राज की भूमिका के लिए तैयार किया था
आकांक्षा ने वर्ष 2022 की बायोपिक फिल्म शाबाश मिठू के लिए एक्ट्रेस तापसी पन्नू के साथ भी काम किया है। इस फिल्म में आकांक्षा ने तापसी को इंडियन महिला क्रिकेटर मिताली राज की भूमिका के लिए तैयार किया था। । स्पोर्ट्स फिजियो में पांच साल का अनुभव : राजधानी के स्पोर्ट्स फिजियो डॉ. प्रशांत चतुर्वेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ में आकांक्षा उनके साथ ही थी। उनको खेल के दौरान लगने वाली चोटों के रोकथाम, पुनर्वास तथा प्राथमिक उपचार और उपचार योजना में अच्छा खासा अनुभव है। वह रायपुर के राहत रिहेबिलिटेशन सेंटर में मुख्य फिजियोथैरेपिस्ट थी।
तकनीक के साथ शारीरिक दक्षता की भी परीक्षा
मैच के दौरान एक-एक रन जुटाने क्रीज पर दौड़ने के लिए पैरों की ग्रिप के साथ काप्स व थाई मसल्स की मजबूती तथा गेंद को बाउंड्रीलाइन के बाहर भेजने के लिए हाथ और कंधों को मजबूत बनाने के लिए आकांक्षा ने एक-एक खिलाडि़यों पर जमकर मेहनत की। इतना ही नहीं मैच के दौरान मिनट नहीं, सेकंड की स्पीड में डाई मारकर कैच लपकने के लिए महिला क्रिकेटर्स के शरीर को लचीला बनाने में भी इन्होंने जमकर पसीना बहाया। बाउंड्री से सीधे विकेट पर थ्रो करने के लिए सटीक निशाने की प्रैक्टिस में भी आकांक्षा ने खिलाडि़यों की एकाग्रता को बनाये रखने में योग का सहारा लिया। उनकी ये मेहनत पूरे टूर्नामेंट में दिखी।
सीएम साय ने ट्वीट कर दी बधाई
विश्व कप विजेता भारतीय महिला टीम की मुख्य फिजियोथैरेपिस्ट छत्तीसगढ़ की आकांक्षा सत्यवंशी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों की फिटनेस के प्रति उनका समर्पण और उनकी विशेषज्ञता इस ऐतिहासिक जीत में उनके महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करती है। छत्तीसगढ़ की यह बेटी आज पूरे देश का मान बढ़ा रही है। आपकी इस उपलब्धि पर पूरा छत्तीसगढ़ गर्वित है।
उपमुयमंत्री विजय शर्मा ने भी दी बधाई
छत्तीसगढ़ के उपमुयमंत्री विजय शर्मा ने आकांक्षा सत्यवंशी की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी और कहा कि उन्होंने न केवल कवर्धा बल्कि पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम की इस ऐतिहासिक सफलता में कवर्धा की बेटी आकांक्षा की भूमिका प्रेरणादायी है। उनके समर्पण और पेशेवर निष्ठा ने इस जीत को संभव बनाया है। पूरा छत्तीसगढ़ आज उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है।
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