केंद्रीय कैबिनेट में छत्तीसगढ़ को भी हैं उम्मीद

Cabinet khabargali

रायपुर(khabargali)। मोदी कैबिनेट का विस्तार होने वाला है। माना जा रहा है कि मंत्रियों की संख्या बढ़ाए जाते समय राज्यों के संतुलन का भी ख्याल रखा जाएगा। खासतौर पर ऐसे राज्य जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां से मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ऐसे में हमेशा से 90 फीसदी सांसद देने वाले छत्तीसगढ़ को भी केंद्रीय कैबिनेट में तवज्जो मिलने का इंतजार है। यह उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में एक समय में छत्तीसगढ़ के दो मंत्री रहे हैं। ऐसे में अब नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में भी यहां से दो मंत्री हो सकते हैं, इसकी संभावना नजर आ रही है। इसके लिए यहां के आधा दर्जन सांसदों में से किसी एक को मौका मिल सकता है। वर्तमान में केवल रेणुका सिंह केंद्रीय मंत्रिमंडल में हैं।

छत्तीसगढ़ के अलग राज्य बनने के बाद अब तक लोकसभा के चार चुनाव हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य रहा है, जहां से भाजपा के हमेशा से 90 फीसदी सांसद जीतते आए हैं। पहले लोकसभा चुनाव की बात करें तो उसके ठीक पहले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां पर जीत दर्ज कर अपनी सरकार बनाई थी। इसके बाद जब लोकसभा के चुनाव हुए तो यहां भाजपा के खाते में 11 में से 10 सीटें आईं। बाद में यही इतिहास आगे के दो चुनावों में भी दोहराया गया।

अटल कैबिनेट में दो मंत्री

केंद्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार थी, तब उस समय उनके मंत्रिमंडल में रायपुर के सांसद रमेश बैस और बिलासपुर के सांसद दिलीप सिंह जूदेव मंत्री थे। श्री जूदेव के मंत्रिमंडल से हटने के बाद उनके स्थान पर डॉ. रमन सिंह को मंत्री बनाया गया था। 2013 में छत्तीसगढ़ के चुनाव के पहले डॉ. रमन सिंह को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाकर उनके नेतृत्व में यहां चुनाव लड़ा गया और जीतने पर वे मुख्यमंत्री बने। उसके बाद यूपीए की सरकार रही। जब मोदी सरकार बनी तो छत्तीसगढ़ से विष्णुदेव साय को मंत्री बनाया गया था।

कांग्रेस लहर में भी ज्यादा सांसद

प्रदेश में 15 साल तक भाजपा का राज होने के बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली। भाजपा के हाथ 15 सीटें ही आईं। ऐसे में इस बार लगने लगा था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा का पिछला रिकार्ड बुरी तरह से टूट जाएगा। लेकिन कांग्रेस की लहर में भी भाजपा ने यहां पर 11 में से 9 सीटें जीतीं। राजनीतिक विश्लेषक इसे किसी चमत्कार की तरह ही मानते हैं। जिस राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफ ही हो गया था वहां लोकसभा चुनाव में बंपर सीटें जीतकर भाजपा ने वापसी की थी।

इन सांसदों को उम्मीद

इस समय केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर चर्चा चल रही है। इस विस्तार में जहां उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव को देखते हुए उसे महत्व मिलने की संभावना है, वहीं छत्तीसगढ़ को भी मौका मिलने की बात हो रही है। भाजपा यहां के एक और मंत्री बनाकर छत्तीसगढ़ में यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी को प्रदेश के विकास की चिंता है। आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। यहां से जो सांसद मंत्री बनने की उम्मीद में हैं और जिनके नामों की चर्चा है, उनमें पहला नाम राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का है। इसके अलावा बिलासपुर के सांसद अरूण साव, राजनांदगांव के सांसद संतोष पांडेय, रायपुर के सांसद सुनील सोनी और दुर्ग के सांसद विजय बघेल का भी नाम है। ये सभी पहली बार सांसद बने हैं। जांजगीर-चांपा लोकसभा क्षेत्र के सांसद गुहाराम अजगले का भी नाम है। वे इसके पहले भी सांसद रह चुके हैं।