बिलासपुर (खबरगली) बिलासपुर जिले के लालखदान गतौरा के पास 4 नवम्बर को बड़ा ट्रेन हादसा हुआ था। कोरबा से बिलासपुर आ रही एक मेमू ट्रेन गतौरा सेक्शन में सामने चल रही मालगाड़ी से जा टकराई थी। इस हादसे में मुख्य पायलट समेत 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच अब खबर आ रही है कि मेमू ट्रेन हादसे की जांच में गुरुवार को बड़ा ट्विस्ट आया।
कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) बीके मिश्रा ने अचानक बिलासपुर पहुंचकर रेलवे अस्पताल में हादसे की इकलौती चश्मदीद गवाह, असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज का बयान दर्ज किया। यह बयान पूरी तरह गोपनीय तरीके से बंद कमरे में लिया गया, इस दौरान मीडिया को अस्पताल परिसर तक में प्रवेश नहीं दिया गया।
23 दिन तक पूछताछ
जानकारी के मुताबिक रश्मि राज के बयान में सिग्नलिंग सिस्टम की गंभीर खामियां और ऑपरेशनल लापरवाही के कई अहम सुराग मिले है लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे अभी तक इन्हें सार्वजनिक नहीं कर रहा है। हादसे के तुरंत बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के अधिकारी लगातार ये दावा कर रहे हैं कि रश्मि राज की हालत गंभीर होने के कारण उनका बयान नहीं लिया जा सका है। 23 दिन तक सिर्फ औपचारिक पूछताछ होती रही। अचानक गुरुवार सुबह CRS बीके मिश्रा बिना किसी पूर्व सूचना के अस्पताल पहुंचे और बयान दर्ज कर लिया।
हादसे का कारण क्या था
हादसा या तो सिग्नलिंग सिस्टम की त्रुटि या फिर मानवीय गलती के कारण हुआ हो सकता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी। घटना की जांच के लिए रेलवे ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें सुरक्षा और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। टीम ने ट्रैक, सिग्नलिंग उपकरण और इंजन रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि हादसे के समय ट्रेन किस गति से चल रही थी, क्योंकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर के वक्त ट्रेन की रफ्तार काफी तेज थी।
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