मथुरा विवाद को लेकर खारिज याचिका बहाल

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प्रयागराज (khabargali) इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि पर कथित तौर पर निर्मित शाही ईदगाह को हटाने की मांग वाली याचिका बहाल कर दी है। इस याचिका की बहाली का आदेश 17 फरवरी 2022 को पारित किया गया। मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खंडपीठ ने इस आधार पर यह याचिका बहाल की कि इसे बहाल करने का आवेदन बिना किसी देरी के दाखिल किया गया था। मुख्य याचिका 19 जनवरी 2021 को दायर की गई थी, लेकिन याचिकाकर्ता के हाजिर नहीं होने की वजह से इसे खारिज कर दिया गया था। हालांकि, याचिका बहाल करने का आवेदन इसके तुरंत बाद दाखिल कर दिया गया था।

अदालत ने कहा, “उस आवेदन में बताए गए कारण के मद्देनजर याचिका बहाल की जाती है और 19 जनवरी 2021 को मुख्य याचिका को खारिज करने का आदेश वापस लिया जाता है। इस याचिका पर सुनवाई 25 जुलाई 2022 को की जाएगी।”

मौर्य ने ट्वीट किया था

वहीं मथुरा को लेकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था कि अब मथुरा की बारी है। अब संतों में भी मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि को लेकर हलचल तेज हो चुकी है। संत समाज रविवार को श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने और वहां पर विशाल कॉरिडोर बनाने की मांग को लेकर एकजुट होने जा रहा हैं। मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि जमीन विवाद का मामला कोर्ट में दाखिल है। इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास ने किया आह्वान

कृष्ण जन्मभूमि से सटी हुई मस्जिद को हटाए जाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के आह्वान पर रविवार को संतों की एक बड़ी बैठक वृंदावन में होने जा रही है। जिसमें देश के बड़े-बड़े और ब्रज क्षेत्र के संत मौजूद रहेंगे। यह बैठक वृंदावन के सुदामा कुटी आश्रम में श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के बैनर तले सुतीक्षण दास महाराज की अध्यक्षता में होगी. इस बैठक में सभी संत एकमत होकर कृष्ण जन्मभूमि पर विशाल कॉरिडोर बनाने की मांग रखेंगे। बैठक के बारे में जानकारी देते हुए श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने बताया कि संतो की एक बड़ी बैठक सुदामा कुटी में आहूत की जाएगी। इस बैठक में सरकार से श्री कृष्ण जन्म भूमि को मुक्त करके विशाल कॉरिडोर बनाने की मांग संत समाज करेगा।