मुंबई (khabargali बॉम्बे हाईकोर्ट ने कामकाजी पत्रकारों को अनुचित श्रम प्रथा रोकथाम अधिनियम के तहत परिभाषित कर्मचारियों के दायरे से बाहर करार दिया है। हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि पत्रकार सामान्य श्रमिक नहीं हैं, बल्कि उन्हें एक विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में महाराष्ट्र के अनुचित श्रम प्रथा रोकथाम अधिनियम के तहत विवाद निवारण की मांग नहीं कर सकते हैं। पत्रकारों के श्रम संबंधी विवादों का निपटारा श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम, 1955 के तहत स्थापित व्यवस्था के तहत औद्योगिक विवाद अधिनियम के तहत किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने औद्योगिक अदालत के समक्ष एक कामकाजी पत्रकार की शिकायत को लेकर सुनवाई नहीं किए जाने के फैसले को उचित ठहराते हुए कहा कि अगर पत्रकारों को कोई श्रम या औद्योगिक विवाद खत्म करना है, तो श्रमजीवी पत्रकार अधिनियम के तहत दी गई व्यवस्थाओं का इस्तेमाल करें।
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