सिंहदेव-बृहस्पत सिंह एपिसोड सुलझने के बजाए पहुँचा भविष्य के गर्भ में...अब तक ये हुआ घटनाक्रम

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रायपुर (khabargali) पंजाब,राजस्थान में पार्टी नेताओं की खटपट के बाद अब छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी में दो वरिष्ठ नेताओं की आपसी लड़ाई को लेकर राजनीतिक गलियारों में इन दिनों बड़ी गहमागहमी चल रही है। जबकि मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी से लेकर सीएम तक ने बैठक की है पर सिंहदेव-बृहस्पति सिंह एपिसोड सुलझने के बजाए उलझता जा रहा है..अब सबकी नजर इस घटनाक्रम पर लगी है कि आगे- आगे क्या होगा..?

घटनाक्रम ऐसे शुरू हुआ

कांग्रेस के आदिवासी विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव पर बड़ा आरोप लगाया है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव मेरी हत्या कराना चाहते हैं। पार्टी आलाकमान उन्हें सिंहदेव को मंत्री पद से हटाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पार्टी में तेज हलचल हो गई है। बात दिल्ली तक दोनों पक्षों की ओर से पहुंच चुकी है और पार्टी सूत्र बता रहे हैं कि आलाकमान ने इस विषय पर गहरी नाराजगी जताई है। आखिर बात सीधे मीडिया तक क्यों पहुंची?

कांग्रेस प्रभारी पुनिया दिल्ली जाते लौटे थे

सोमवार को कांग्रेस प्रभारी पुनिया पहले दिल्ली जाने के लिए निकल गए थे इस मामले की जानकारी पाते ही वापस आए और टीएस सिंहदेव व बृहस्पति सिंह से अलग-अलग चर्चा की फिर मुख्यमंत्री के मौजूदगी में चर्चा हुई। तब जबकि पुनिया समेत संगठन के दो अन्य बड़े नेता रायपुर में मौजूद थे। पुनिया ने आलाकमान की बात दोनों नेताओं को बता दी है। पार्टी की एकता बनी रहे,जो भी बातें हो वह पार्टी फोरम में ही होना चाहिए। पार्टी की बात बाहर ले जाना और किसी पर बगैर सबूत हत्या जैसा आरोप लगाना काफी निंदनीय है।

दोनों के समर्थक आमने सामने

इधर बृहस्पति सिंह के लगातार हमालवर होने के बाद अब सिंहदेव समर्थक भी खुलकर सामने आ गए हैं उन्होने सीधे सोनिया व राहुल गांधी को दिल्ली शिकायत भेजते हुए विधायक के खिलाफ ही कार्रवाई की मांग कर दी है। इधर विपक्ष ने इस पूरे मामले में सरकार को कटघरे पर खड़ा करते हुए कहा है कि आज तक ऐसा कभी नहीं हुआ.उन्हे स्पष्ट रूप से जवाब देना होगा।

सदन छोड़ बंगले पहुँचे और बाहर लगाया नो एंट्री का बोर्ड

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मंगलवार उस वक्त विकट स्थिति पैदा हो गई जब स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव,उन पर लगे कथित आरोप के संदर्भ में गृहमंत्री के द्वारा सदन में पढ़े जा रहे बयान के बीच भावुक हो गए। इस बीच विपक्ष हंगामा कर रहा था,सिंहदेव उठे और सिर्फ इतना कहा कि बहुत हो गया मै भी एक इंसान हूं। जब तक शासन की ओर से इस पूरे मामले में स्पष्ट जवाब नहीं आ जाता वे सदन में नहीं लौटेंगे जैसे ही वे बाहर की ओर जाने लगे प्रेमसाय सिंह टेकाम व कुछ अन्य सदस्य उन्हे मनाने की कोशिश करते रहे लेकिन वे अपने गाड़ी में बैठकर बंगले लौट गए। इसके बाद शोर शराबा के बीच सदन कल तक के लिए स्थगित हो गया। वहीं सिंहदेव के बंगले के बाहर नो एंट्री का बोर्ड लगा दिया गया है।

सदन छोड़ते वक्त ये कहा

स्वास्थ्य मंत्री ने सदन छोड़कर जाते हुए कहा कि मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं,शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है। मैं नहीं समझता हूँ कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता।  तत्काल में मुख्यमंत्री ने अपने सहयोगी मंत्रियों के साथ बैठक की और सिंहदेव को वापस आने के लिए आग्रह किया ।

फिर सीएम व साथी मंत्रियों के आग्रह पर वापस लौटे

सिंहदेव विधानसभा छोड़कर बंगले लौटे ही थे कि फिर सीएम व साथी मंत्रियों के आग्रह पर बिलासपुर विधायक शैलेष पाण्डेय के साथ फिर से वापस लौटे। लगभग पौने दो घंटे तक बैठक में चर्चा होते रही लेकिन बात बनी नहीं ऐसा सिंहदेव के बातों से लगता है जो बैठक के बाद फिर वापस बंगले लौट गए ।

फिर बंगले लौटे , कहा- अपनी बातों पर अभी भी कायम हूं

उत्सुकतावश जुटे मीडियाकर्मियों ने जब उनसे पूछा कि क्या विवाद सुलझ गया तो उन्होने कहा कि ये तो भविष्य के गर्भ में है। क्या सदन में कल उनकी वापसी होगी..उन्होने कहा कि बैठक में मैने अपनी बातें कह दी है,मै अपनी बातों पर अभी भी कायम हूं.आगे जैसी परिस्थिति बनेगी वैसा देखा जायेगा।

विपक्ष को ढाई साल में पहला मौका मिला

कांग्रेस सरकार बनने के बाद ढाई साल में पहली बार ऐसा हुआ कि पार्टी के आंतरिक मामलों को लेकर बोलने का मौका विपक्ष को मिला यहां तक कि मानसून सत्र के पहले दिन यह विषय विवादित रुप से बहस का मुद्दा भी बन गया।

मामले में रविंद्र चौबे ने ये कहा

छत्तीसगढ़ विधानसभा में बृहस्पत सिंह विवाद मामले में स्वास्थ्य मंत्री के सदन छोड़कर चले जाने के बाद संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बृहस्पत सिंह ने कहीं भी एफआईआर कराने की बता नहीं की है और न ही पार्टी में सिंहदेव के खिलाफ शिकायत, मुझे लगता हैं कि सिंहदेव को गलतफहमी हुई है। सिंहदेव और मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ चर्चा हो रही है,सभी को उम्मीद है कि यह मामला जल्द सुलझ जाएगा।