लोगों ने उन पैसों का उपयोग अपनी जरूरतों के लिए किया.. जैसे सब्जी, फल, दूध की बिक्री बढ़ी
बिहार व गुजरात दौरे से लौटे समिति के सदस्य
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ की सियासत में शराबबंदी एक अहम मुद्दा है, जो कई साल से राजनीति में गरमा-गरमी मचाए हुए है। दरअसल कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र के अनुसार राज्य में शराबबंदी किया जाना था, लेकिन सरकार के चार साल बीतने के बाद भी शराबबंदी पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर पड़ताल करने सरकार द्वारा गठित समिति के सदस्य विभिन्न् राज्यों का दौरा कर रहे हैं। राजनीतिक समिति ने गुजरात और बिहार का दौरा कर लिया है।
इस समिति के अध्यक्ष व ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि शराबबंदी के बाद बिहार के कई क्षेत्रों में लोगों के रहन-सहन में सुधार आया है। दौरे के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि शराब के कारोबार से राज्य को पांच हजार करोड़ रुपये प्रतिवर्ष राजस्व मिल रहा था, लेकिन लोग 10 हजार करोड़ रुपये शराब पर खर्च कर रहे थे। शराबबंदी लागू होते ही लोगों ने उन पैसों का उपयोग अपनी जरूरतों के लिए किया। जैसे सब्जी, फल, दूध की बिक्री बढ़ी है। लोगों की दिनचर्या बदलने की वजह से खान-पान, शिक्षा, रहन-सहन में सुधार देखा गया। शराबबंदी को लेकर बिहार में अभी भी सरकार की ओर से जागरूकता का अभियान जारी है।
बिहार दौरे के दौरान प्रतिनिधिमंडल में ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा, संसदीय सचिव रश्मि सिंह, शिशुपाल सोरी, कुंवर सिंह निषाद, द्वारिकाधीश यादव, दलेश्वर साहू और पुरुषोत्तम कंवर के साथ आबकारी आयुक्त निरंजन दास समेत अन्य अधिकारी शामिल थे। अब सामाजिक और आर्थिक स्थिति का जायजा लेने के लिए राजनीतिक समिति की टीम मिजोरम जाएगी। इससे पहले बिहार दौरे की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री सेे राजस्व में बेतहाशा बढ़ोतरी
छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री सेे सरकार को मिलने वाले राजस्व में बेतहाशा बढ़ोतरी होती दिख रही है। छत्तीसगढ़ में आबकारी विभाग को सभी तरह की शराब से राजस्व का लक्ष्य 2022-23 वित्तीय वर्ष मार्च 2023 के लिए 6 हजार करोड़ रुपए का रखा गया है, लेकिन आबकारी विभाग का आकलन है कि इस वित्तीय वर्ष में शराब से राजस्व पिछले साल के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक होने जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले अब तक 1600 करोड़ का राजस्व अधिक मिला है। रिकार्ड के मुताबिक 2014-15 से लेकर अब तक किसी भी साल में आबकारी राजस्व में इतनी ग्रोथ कभी नहीं देखी गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में लिखित जवाब दिया था। इसके अनुसार 2019-20 में चार हजार 952 करोड़ 79 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। 2020-21 में 4 हजार 636 करोड़ 90 लाख रुपये, 2021-22 में 5 हजार 110 करोड़ 15 लाख रुपये प्राप्त हुआ। वहीं 2022-23 में 1 अप्रैल से 6 फरवरी 2023 तक 5 हजार 525 करोड़ 99 लाख रुपये का राजस्व सरकार के खाते में गया है।
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