टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार एक्सीडेंट में मौत

Former Tata Sons chairman Cyrus Mistry dies in car accident, Anahita Pandole, Mumbai-Ahmedabad National Highway, Maharashtra, Palghar, Khabargali

बिगड़ा बैलेंस, फिर डिवाइडर से टकराई कार, जानें कौन कर रहा था ड्राइव?

मुंबई (khabargali) टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का रविवार को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। मुंबई-अहमदाबाद नेशनल हाइवे, महाराष्ट्र के पालघर के पास उनकी कार एक डिवाइडर से टकराई और कार में सवार 4 लोगों में से साइरस मिस्त्री और उनके करीबी दोस्त जहांगीर दिनशॉ पंडोले की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी दो को अस्पताल पहुंचाया गया है। यह हादसा सायरस के पिता पालोनजी शापूरजी मिस्त्री की मौत के करीब 3 माह के भीतर हुआ। बीते 28 जून को 94 साल की उम्र में अरबपति पालोनजी मिस्त्री का निधन हो गया था। मिस्त्री परिवार के सबसे छोटे बेटे सायरस ने बेहद कम समय में शापूरजी ग्रुप को सफलता की नई बुलंदियों तक पहुंचाया।

कौन कर रहा था कार ड्राइव?

जब ये दुर्घटना हुई तो ये मर्सडीज कार (MH 47 AB 6705) गुजरात से मुंबई की ओर जा रही थी। जैसे ही ये सूर्या नदी के पुल पर पहुंची तो चरोटी के पास डिवाइडर से टकरा गई। कार को ड्राइव अनाहिता पंडोले कर रही थीं। वो इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुई हैं. उनके पति दारियस पंडोले को भी अनाहिता के साथ घायल अवस्था में वापी के रैम्बो अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आयरलैंड में जन्म, लंदन में पढ़ाई

आमतौर पर अरबपति मीडिया की चर्चा के केंद्र में रहते हैं लेकिन इसके उलट सायरस मिस्त्री इस चकाचौंध से दूर रहते थे। वह अपने पिता-पलोनजी शापूरजी मिस्‍त्री के नक्शेकदम पर चलते हुए कारोबार की बारीकियां समझते थे। यह भी दिलचस्प है कि सायरस मिस्त्री का जन्म आयरलैंड में हुआ था। दरअसल, पलोनजी मिस्‍त्री ने आयरिश महिला से शादी की और बाद में आयरलैंड के नागरिक हो गए। वहीं, सायरस मिस्त्री की पढ़ाई लंदन से हुई। उन्होंने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की। घर में छोटा बेटा होने की वजह से सायरस को दुलार मिलता था। बता दें कि पलोनजी शापूरजी के दो बेटे- शापूर और साइरस मिस्‍त्री और दो बेटियां- लैला और अल्‍लू हैं।

परिवार के कारोबार में एंट्री

सायरस ने परिवार के कारोबार में 1991 में काम करना शुरू किया। वह 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप के निदेशक नियुक्त हुए। सायरस की अगुवाई में पलोनजी ग्रुप का कारोबार भारत समेत दुनिया भर में मजबूती से फैला।

टाटा ग्रुप में एंट्री

टाटा ग्रुप में सायरस मिस्‍त्री ने 2006 में एंट्री की। दरअसल, पालोनजी परिवार के पास टाटा सन्स में 18.4% हिस्सेदारी है। यही वजह है कि टाटा ग्रुप में परिवार का दबदबा रहा। साल 2012 के दिसंबर महीने में सायरस मिस्त्री ने टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर कमान संभाली। यह पहली बार था जब पालोनजी परिवार के किसी शख्स को टाटा ग्रुप में इतना बड़ा पद मिला था। अहम बात ये है कि टाटा ग्रुप ने 18 महीने की खोज के बाद इस पद के लिए सायरस मिस्‍त्री का चयन किया था। हालांकि, बाद में सायरस मिस्त्री को इस्तीफा देना पड़ा और पद की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक गई। इस लड़ाई में सायरस को शिकस्त और टाटा ग्रुप को जीत मिली।