12वीं परीक्षा हुई रद्द तो कॉलेजो में एडमिशन की बढ़ी चिंता

College admission khabargali

नई दिल्ली (khabargali)। बारहवीं के बोर्ड की टेंशन, नतीजों का बेसब्री से इंतज़ार, फिर कॉलेज में एडमिशन के लिए भागदौड़ और ऊंची-ऊंची कटऑफ़ लिस्ट, हर साल दिखने वाला ये माहौल इस बार कुछ अलग होगा.

इस बार ना तो बोर्ड की परीक्षाएं हैं और ना ही उस तरह की भागदौड़. क्योंकि अब बारहवीं के बोर्ड की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं. कोरोना वायरस से बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई ने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की घोषणा कर दी है. इसके बाद आईसीएसई और सीआईएससीई भी बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर चुके हैं.

पीएम नरेंद्र मोदी ने 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने की घोषणा के बाद अधिकारियों को परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर निर्देश दिए हैं.बताया गया है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों की एक कमेटी अब इससे संबंधित मापदंड तैयार करेगी.

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कैसे होती है ऐडमिशन 

अभी तक उच्च शिक्षा में विभिन्न कोर्सेज़ में दो तरह से प्रवेश मिलता है. एक कटऑफ़ के आधार पर यानि बारहवीं के अंकों के आधार पर कटऑफ़ लिस्ट तैयार होती है और उसके अनुसार एडमिशन मिलता है.

दूसरा पेशेवर कोर्सेज़ में प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर. इसमें बारहवीं के नंबरों की वेटेज हो भी सकती है और नहीं भी, लेकिन प्रवेश परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर कोर्स में एडमिशन मिलता है. जैसे जेईई, नीट परीक्षा, बीबीए, पत्रकारिता और लैंग्वेज कोर्स आदि. जानकार मानते हैं कि 12वीं की परीक्षाओं को रद्द करना 10वीं की परीक्षाओं को रद्द करने से अलग है. 10वीं के बाद स्कूल में ही एडमिशन होता है लेकिन 12वीं के बाद उच्च शिक्षा के लिए चयन होता है.ऐसे में ये देखना भी ज़रूरी हो जाता है कि परीक्षाएं रद्द होने का उच्च शिक्षा में प्रवेश पर क्या असर पड़ेगा.