
नई दिल्ली (खबरगली) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग को लेकर बड़े बदलाव की घोषणा की है। अब यदि किसी वाहन में फास्टैग नहीं है या उसका बैलेंस कम है तो टोल पर दोगुना शुल्क नहीं देना होगा। इसके बजाय वाहन चालक सिर्फ 1.25 गुना टोल शुल्क का भुगतान कर सकता है। इसके लिए अब UPI से भी पेमेंट करने की सुविधा उपलब्ध होगी। यह नया नियम 15 नवंबर 2025 से लागू होगा।
नए नियम से मिलेगी बड़ी राहत
फास्टैग की पहुंच अब लगभग 98% हो चुकी है जिससे टोल बूथों पर इंतजार समय घटकर औसतन 47 सेकेंड रह गया है। पुराने नियम के अनुसार, फास्टैग न होने या बैलेंस न होने पर वाहन चालकों को दोगुना टोल शुल्क देना पड़ता था। नए नियम के लागू होने के बाद यह जुर्माना सिर्फ सवा गुना ही रहेगा, जिससे आम जनता को काफी राहत मिलेगी।
केंद्रीय मंत्रालय का उद्देश्य नकद भुगतान में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकना है। वर्तमान में टोल बूथों पर नकद पेमेंट के कारण हर साल करीब 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान होता है। नए नियम के अनुसार, फास्टैग न होने पर यूपीआई से भुगतान किया जा सकेगा जिससे लेनदेन पूरी तरह पारदर्शी होगा।
इलेक्ट्रॉनिक टोल सिस्टम में गड़बड़ी पर कोई शुल्क नहीं
यदि टोल प्लाजा पार करते समय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रहण सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी होती है और पेमेंट नहीं हो पाता तो वाहन चालक से कोई टोल शुल्क नहीं लिया जाएगा। यानी वाहन को मुफ्त में टोल पार करने की अनुमति मिलेगी।
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