गाड़ियों की लाइट और भाड़े के जेनरेटर चलाकर परीक्षा केंद्र में उजाला किया गया
नई दिल्ली ( khabargali) अभी तक सरकारी अस्पतालों में मोमबत्ती और मोबाइल की रोशनी में ऑपरशन की खबरें आती रहती थीं। बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा कल से शुरू हो गई है।अभी परीक्षा को हुए दो दिन भी नहीं हुए कि सुशासन की सरकार के शिक्षा विभाग का काल सच सामने आ गया।सुशासन सरकार पहले दिन ही परीक्षा का आयोजन ठीक से नहीं करा सकी है।इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है।
यह मामला किशोर कॉलेज मोतिहारी परीक्षा केंद्र का हैं जहां बच्चों ने रात 8 बजे तक परीक्षा दी। इतना ही नहीं सुशासन सरकार की व्यवस्था इतनी जबरदस्त थी कि बिजली गुल होने के कारण गाड़ियों की हेडलाइट और भाड़े के जेनरेटर चलाकर परीक्षा केंद्र में उजाला किया गया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि इसे लेकर जिलाधिकारी ने सफाई भी दी है।
मोतिहारी के महाराजा हरेंद्र किशोर कॉलेज पर दूसरी पाली में इंटरमीडिएट की परीक्षा थी। केंद्राधीक्षक नवनीत कुमार झा ने बताया कि यहां छात्राओं का सेंटर था। दूसरी पाली में करीब 12 सौ परीक्षार्थियों की परीक्षा थी। ऊपर हॉल में बैठने के लिए सीटिंग प्लान किया गया था। लेकिन बैठने को लेकर समस्या हो गई। इसके बाद हंगामा मचने लगा। हंगामा बढ़ा तो प्रशासन को सूचना दी गयी। सूचना मिलने पर सदर एसडीओ सौरव सुमन यादव व डीईओ संजय कुमार पहुंचे। अधिकारियों के समझाने पर करीब 4:30 बजे से परीक्षा शुरू हो पाई। हंगामे के कारण परीक्षा दो घंटे से अधिक समय की देरी से शुरू हुई।
देर शाम डीएम शीर्षत कपिल अशोक भी परीक्षा केंद्र पर पहुंचे। उन्होंने केंद्राधीक्षक को बदलते हुए निलंबन की कार्रवाई का आदेश डीईओ को दिया। परीक्षा देरी से शुरू होने के कारण अंधेरा हो गया और बिजली नहीं होने से परीक्षार्थियों को परेशानी होने लगी। इस पर वहां मौजूद गाड़ियों की लाइट जलाकर परीक्षा किसी प्रकार पूरी कराई गई।
फ्रीस्किंग के बाद ही मिला प्रवेश
परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों के प्रवेश द्वार पर पूरी तरह फ्रीस्किंग के बाद ही अंदर प्रवेश मिल रहा था। यह सुनिश्चित किया जा रहा था कि एडमिट कार्ड छोड़कर परीक्षार्थी किसी प्रकार का चीट-पूर्जा व अन्य कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान लेकर अंदर नहीं जाए। केंद्राधीक्षक व वीक्षक इस पर नजर रख रहे थे।
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