जैविक विधि से तैयार किए गए गुड़ के इस व्यवसाय से खूब मुनाफा कमाया संजय सैनी ने
नई दिल्ली (khabargali) क्या आप यकीन करेंगे कि गुड़ भी 57 प्रकार का हो सकता है. शायद नहीं, लेकिन एक किसान ने अपनी सोच से ये सच कर दिखाया है. मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में लगी प्रदर्शनी में एक किसान ने जब 57 प्रकार का 80 रुपये से पांच हजार रुपए किलो वाले गुड़ का स्टॉल लगाया तो लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं. यह उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में रहने वाले किसान संजय सैनी की अलग सोच और लगन का सबूत है. संजय ₹80 किलो से लेकर ₹5000 किलो तक का गुण बेच रहे हैं. इस किसान ने गुड़ से अपनी आय दोगुनी, तीन गुनी नहीं कई गुना बढ़ा ली है. इनके गुड़ को जिसने भी खाया वो 'वाह' कह उठा.
पांच हजार रुपए प्रति किलो का सुगंधा स्वर्णभस्म गुड़
किसान संजय सैनी ने सुगंधा स्वर्णभस्म वाला गुड़ भी तैयार किया है. स्वर्णभस्म वाले गुड़ की कीमत पांच हजार रुपए प्रति किलो है. स्वर्ण भस्म को शुद्ध सोने से आयुर्वेदिक विधियों जैसे शोधन, मारण, पुट आदि के माध्यम से तैयार किया जाता है. ये हृदय के लिए, बांझपन को दूर करने के लिए, रक्त को शुद्ध करने के लिए, मानसिक स्वास्थ्य के लिए, कैंसर उपचार, यौन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और त्वचा समस्याओं आदि को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है. भस्म बनाते समय प्रयुक्त विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियां सहायक औषधि का भी काम करती हैं. मानसिक रोगों में स्वर्ण भस्म स्मृति, एकाग्रता, समंवय और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करती है. स्वर्ण भस्म को अवसाद, मस्तिष्क की सूजन और मधुमेह के कारण न्यूरोपैथी जैसी स्थितियों के विरुद्ध भी उपयोग किया जाता है. ऐसे में स्वर्णभस्म वाला गुड़ आपके बेहद काम आ सकता है.
जड़ी-बूटी और ड्राई फ्रूट वाला गुड़
हींग और जड़ी बूटी वाला गुड़ भी संजय सैनी ने तैयार किया है. यही नहीं ड्राई फ्रूट वाला गुड़ भी इस किसान ने तैयार किया जो हाथों हाथ बाजार में बिक रहा है. उनके पास विभिन्न राज्यों से गुड़ के ऑर्डर आ रहे हैं. संजय सैनी का कहना है कि अब तो उनके गुड़ की डिमांड लोग अपने घरों के फंक्शन में भी करने लगे हैं.
सौ मर्ज की दवा है गुड़
किसान का कहना है कि गुड़ हमारी सेहत दुरुस्त रखता है. किसान ने बताया कि अगर हम मेथी का गुड़ इस्तेमाल करते हैं तो कभी आर्थेराइटिस नहीं होगा. अगर हम सौंफ धनिया आजवाइन का गुड़ दोपहर में इस्तेमाल करते हैं तो कभी पित्त की बीमारी नहीं होगी. और शाम को अगर लौंग, जावित्री, सोंठ, काली मिर्च का गुड़ इस्तेमाल करते हैं तो कफ नहीं बनेगा.
दूसरों को भी दिया रोजगार
जैविक विधि से तैयार किए गए इस गुड़ ने संजय सैनी को खूब मुनाफा दिया है. सैनी ने बताया कि पिछले वर्ष जैविक विधि से तैयार किए गए गन्ने से बनाए गए गुड़ की पूरे हिंदुस्तान में उन्होंने लगभग 17 साल की मांग को पूरा किया है. उन्होंने संघर्ष कर bio-energy परिसर लिमिटेड कंपनी बनायी है. वे खुद तो इससे लखपति हुए ही हैं, कंपनी में 14 लोगों को रोजगार भी दे रखा है. इसमें लगभग 600 किसानों का शेयर है, जो मुनाफे में हिस्सा पाते हैं.
हमें इतना वक्त नहीं है कि हम जाकर नारेबाजी करें
संजय सैनी से जब किसान आंदोलन के बारे में पूछा तो जवाब मिला साहब हमें इतना वक्त नहीं है कि हम जाकर नारेबाजी करें. हमें तो अपनी आय को कई गुना करके दिखाना है. इस किसान ने अपनी सोच से एक मिसाल कायम की है. इस किसान से अन्य किसानों को भी सीख लेनी चाहिए कि आय दोगुनी या फिर कई गुनी कैसे की जाती है.
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