अब बीजेपी को बड़ा झटका..मुकुल रॉय TMC में हुए शामिल

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कोलकाता (khabargali)देश की राजनीति में नेताओं का इधर से उधर होने का सिलसिला जारी है. बीजेपी के बड़े नेता मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापसी कर ली हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सांसद अभिषेक बनर्जी तृणमूल भवन पहुंच गए हैं. मुकुल रॉय भी तृणमूल भवन में पहुंच गए हैं. इस संबंध में ममता बनर्जी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं. उनके साथ मुकुल रॉय भी मौजूद हैं.पश्चिम बंगाल में चुनाव हारने के बाद इस घटनाक्रम से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को एक बड़ा झटका लगा है.

चुनाव के नतीजों के बाद ही मुकुल रॉय फिर से टीएमसी में वापस आने चाहते थे. टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा था कि ऐसे बहुत से लोग हैं, जो अभिषेक बनर्जी के संपर्क में हैं और वापस आना चाहते हैं,मुझे लगता है कि पार्टी छोड़कर लौटने वालों को दो कैटिगरीज में बांटा जा सकता है, ये हैं- सॉफ्टलाइनर और हार्डलाइनर.' टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा था कि सॉफ्टलाइनर वे हैं, जिन्होंने पार्टी तो छोड़ी, लेकिन कभी ममता बनर्जी का अपमान नहीं किया, हार्डलाइनर वे हैं, जिन्होंने ममता बनर्जी के बारे में सार्वजनिक रूप से बयान दिए. मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी पर निजी तौर पर कोई आरोप नहीं लगाए थे. उन्हें सॉफ्टलाइनर माना जाता है. पिछले दिनों कोलकाता में हुई बीजेपी की मीटिंग में मुकुल रॉय नहीं पहुंचे थे. इसके अलावा ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी मुकुल रॉय की पत्नी को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे. इन दो घटनाओं के बाद से कयास लग रहे थे कि मुकुल रॉय बीजेपी छोड़ सकते हैं. मुकुल रॉय टीएमसी छोड़ने वाले सबसे पहले नेता थे.

TMC ने मुकुल रॉय को निकाला था बाहर

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में टीएमसी ने मुकुल रॉय को 6 साल के लिए बाहर कर दिया था. TMC में मुकुल रॉय का कद कभी ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर का हुआ करता था. उन्होंने टीएमसी छोड़ी तो बीजेपी का दामन थाम लिया, वे 1998 से ही बंगाल की राजनीति में हैं. मुकुल रॉय का नाम नारदा स्टिंग केस में भी आया था. मुकुल रॉय अपने करियर की शुरुआत में यूथ कांग्रेस में हुआ करते थे, उस दौर में ममता बनर्जी भी यूथ कांग्रेस में ही थीं. तभी से मुकुल और ममता के बीच राजनीतिक करीबियां बढ़ी थीं. अपने पिता के पीछे पीछे ही उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने सुभ्रांशु को टिकट भी दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए.