अब छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू की दस्तक.. 11 मरीज मिले .. विभाग ने बुलाई आपात बैठक

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स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने लोगों को विभिन्न मौसमी बीमारियों से सावधान और सचेत रहने की अपील की

रायपुर (khabargali) कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू ने भी दस्तक दे दी है। प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित सात जिलों में 11 मरीज मिले हैं। इन मरीजों की जांच और इलाज जारी है। इधर बदली परिस्थितियों में स्वास्थ्य विभाग ने जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने लोगों को मंकी-पॉक्स, कोविड-19 और स्वाइन फ्लू के साथ ही बारिश के मौसम में होने वाले विभिन्न मौसमी बीमारियों से सावधान और सचेत रहने की अपील की है।

उन्होंने कहा है कि बरसात में लगातार होने वाले मौसमी बदलाव के कारण कई तरह की संक्रमणजनित बीमारियां होती हैं। इससे बचने और सावधान रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस संबंध में सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और सिविल सर्जन्स को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। सभी जिलों को इसके लिए अलर्ट भी किया गया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मंकी-पॉक्स का एक संदिग्ध प्रकरण सामने आया था। जांच के बाद उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है?। देश के दूसरे हिस्सों में मंकी-पॉक्स के आठ मामले आए हैं। अत: इस बारे में पर्याप्त सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वाइन फ्लू के 11 प्रकरणों की पहचान हुई है, जिनमें से दो मरीज इलाज के बाद स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं। शेष नौ मरीजों का रायपुर के निजी अस्पताल में उपचार चल रहा है। स्वाइन फ्लू के इन मामलों को संज्ञान में लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

सिंहदेव ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग अवश्य करें। साथ ही हाथों की साफ-सफाई व कोविड-19 एप्रोप्रिएट बिहैवियर का गंभीरता से पालन करें। स्वाइन फ्लू भी कोरोना की तरह फेफड़ों को प्रभावित करता है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सुकमा जिले में किडनी रोगों से प्रभावितों के गांव के पानी की प्रारंभिक जांच में आयरन और फ्लोराइड की अधिकता पाई गई है। वहां के जल में अन्य भारी तत्वों की जांच के लिए सैंपल लैब भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट तीन दिन में आने की उम्मीद है। सुकमा जिला प्रशासन को इस संबंध में अलर्ट करने के साथ ही प्रभावितों को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।

इधर महामारी नियंत्रण विभाग के संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, अभी सात जिलों से स्वाइन फ्लू रिपोर्ट हुआ है। इसमें 4 लोग रायपुर के हैं। रायगढ़ में दो और धमतरी, दुर्ग, दंतेवाड़ा, राजनांदगांव और बस्तर जिले में एक-एक मरीज का पता चला है। उनका इलाज कर रहे अस्पतालों ने अभी शुरुआती जानकारी दी है। बताया गया कि इनमें से 2 ठीक हो चुके। जबकि 9 मरीजों का इलाज रायपुर के अस्पतालों में ही चल रहा है। जल्दी ही एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम को इसकी रिपोर्ट कर दी जाएगी।

डॉ. मिश्रा ने बताया, सभी जिलों में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इसमें स्वाइन फ्लू की रोकथाम और इलाज के संबंध में जानकारी देने के साथ ही सभी प्रोटोकॉल बताए जाएंगे। सर्विलांस कार्यक्रम पर भी जोर रहेगा ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया, स्वाइन फ्लू भी सामान्य इंफ्लूएंजा यानी सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों वाला ही होता है। अंतर यह है कि सामान्य सर्दी-जुकाम अधिकतम तीन दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन स्वाइन फ्लू में यह कई दिनों तक चलता है। इससे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचता है। छोटे बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और दिल, किडनी, फेफड़े आदि की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए यह फ्लू घातक हो सकता है।

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