अप्रवासी दूध बिगाड़ रहे हैं छत्तीसगढ़ियों की सेहत- मो. फ़िरोज़ गांधी

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अप्रवासी दूध कम्पनियों को छत्तीसगढ़ से बाहर निकालने की ...छत्तीसगढ़ दूध विक्रेता महासंघ ने की माँग!

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ दूध विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष मो. फ़िरोज़ गांधी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आग्रह किया है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को गौपालन एवं दूध उत्पादनों में आत्मनिर्भर बनाएं। छत्तीसगढ़ दूध विक्रेता महासंघ के तरफ से यह मांग की हैं कि छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रवासी दूध (अमूल,दिनशा, मदर डेयरी) की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए! छत्तीसगढ़ के बाहर से गुजरात, महाराष्ट्र के किसानों का दूध यहां महंगे दामों पर बिक रहा है। जिसके कारण उन बाहूबली बड़ी-बड़ी कंपनियों के मुकाबले छत्तीसगढ़ के ग़रीब गौपालक किसान यहां की दूध उत्पादक कंपनी एवं समितियो को कम मूल्य पर अपना माल बेचने पर मजबूर है। जिसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है।

मोहम्मद फ़िरोज़ गांधी ने मान्यवर मुख्यमंत्री जी से निवेदन किया है कि अप्रवासी दूध आपूर्ति पर तत्काल रोक लगाएं ताकि छत्तीसगढ़ के किसानों को दूध उत्पादन और बिक्री में आत्मनिर्भरता एवं उचित मूल्य मिल सके। माननीय मुख्यमंत्री जी छत्तीसगढ़ दूध विक्रेता महासंघ की इस छोटी सी अभिलाषा को पूर्ण करें ! जिससे प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति समृद्धशाली हो सके। फ़िरोज़ गांधी ने बताया कि गुजरात, महाराष्ट्र, का अप्रवासी दूध कम्पनियां मनमाने एवं अधिक दामों में दूध बेच रहे हैं। चूंकि अप्रवासीयों कंपनियों की दूध, दही, पनीर आदि में भारी मात्रा में विषैला रसायनों का प्रयोग किये जाने की संभावना है क्योंकि उनके दुग्ध पदार्थ भारी गर्मी में भी खराब नहीं होते । जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य में अप्रवासी दूध के कारण बच्चों से लेकर बुढ़े तक बीमारी के शिकार हो रहे हैं ।

फिरोज गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी से छत्तीसगढ़ शासन ने शानदार नियंत्रण दर्ज किया है , दूसरे राज्यों से लाखों श्रमिक भाई घर वापसी कर गए है। ये श्रमिक भी गौपालन एवं दूध उत्पादनों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन सकते है। दूध शरीर मे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है अगर तत्काल अप्रवासी दूध को रोका नही गया तो मिलावटी व विषैले रसायन से दूध की आयु व गाढ़ापन सफेदी बढ़ा कर जनमानस की सेहत से सदैव खिलवाड़ करते रहेंगे और प्रदेश की जनता दूध के सेवन से अनेक बीमारीयों से ग्रसित रहेंगी। अतः जनहित में तत्काल अप्रवासी दूध कम्पनियों की बिक्री पर रोक लगाई जाए । साथ ही उक्त कंपनियों को सहायता करने वाले दुग्ध महासंघ के अध्यक्ष पद पर काबिज भाजपाइयों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त किया जावे !

 

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