बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ में आरक्षण अब 76 फ़ीसदी, विधानसभा में पारित हुआ विधेयक

Reservation in Chhattisgarh is now 76%, bill passed in assembly, CM Bhupesh Baghel

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण विधेयक सर्व सम्मति से पारित हो गया है. राज्यपाल की मंज़ूरी के लिए बिल भेजा जाएगा. अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 फ़ीसदी, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 फ़ीसदी, ओबीसी वर्ग के लिए 27 फ़ीसदी और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 फ़ीसदी आरक्षण का प्रावधान है. बताते चलें कि तमिलनाडु में 69, महाराष्ट्र में 68 फ़ीसदी आरक्षण है.

आरक्षण विधेयक पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को बधाई देता हूं बहुत अच्छा बोले, बेहतर सुझाव दिए. विपक्ष को दो महीना 10 दिन बहुत बड़ा लगा, लेकिन 2012 में आरक्षण लागू करने के बाद 6 साल इन्हें बहुत कम लगा.हमारे मंत्री आज ही राजभवन जाएंगे. राज्यपाल से बिल पर दस्तख़त करने का आग्रह करेंगे. आरक्षण बिल की मंशा भी उन्हीं की थी.

भूपेश बघेल ने कहा कि अनुसूची 9 में शामिल करने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने पक्ष-विपक्ष के सभी सदस्य मिलकर चलें. छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में जो लोग रह रहे हैं. उनकी स्थिति कमजोर है. आरक्षण में उन्हें स्थान दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से कहा कि जनगणना करा लें. हम भी संख्या के आधार पर SC वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण देंगे.

बीजेपी को घेरा

सीएम ने भूपेश बघेल ने कहा कि बीजेपी के पास अपने प्रभारियों को बताने के लिए कुछ नहीं है. इसलिए आरोप लगा रहे हैं. आरक्षण मामले में कुणाल शुक्ला पर विपक्षी सवाल खड़े कर रहे हैं, जबकि सच यह है कि आरक्षण मामले में 41 लोग कोर्ट गए थे. उनमें से एक नाम कुणाल शुक्ला का है. मुख्यमंत्री ने कहा - बीजेपी शासन काल में आरक्षण का विषय था. बीजेपी में मंत्रियों की कमेटी बनी, लेकिन कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में सबमिट नहीं की. क्वावांटिफाबल डाटा आयोग 7 साल में बीजेपी नहीं बना पाई. जब हमारी सरकार आई तो हमने आयोग बनाया और उसकी रिपोर्ट भी 3 साल में आ भी गई, जबकि 2 साल कोरोना में बीता है.

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने ये कहा

इससे पहले चर्चा के दौरान आरक्षण विधेयकों पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा, क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट विधानसभा में पेश ही नहीं की गई. सदन को उसकी कोई जानकारी नहीं है. सरकार कह रही है जनसंख्या के अनुपात को आरक्षण का आधार बनाया है तो बिना डाटा के कैसे आधार बना दिय. पहले डाटा पेश कर देते। फिर कानून बना लेते .सरकार को इतनी हड़बड़ी क्यों थी।चर्चा के दौरान सरकार से विपक्ष ने SC वर्ग को 16 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग की.

धर्मजीत ने दिया यह सुझाव

वहीं विधायक धर्मजीत सिंह ने अनुसूचित जाति का आरक्षण 13 से बढ़ाकर 16 और ईडब्ल्यूएस का आरक्षण 4 फ़ीसदी से बढ़ाकर 10 फ़ीसदी कर दिया जाए.धर्मजीत ने सुझाव में कहा कि आरक्षण को लेकर कोई कोर्ट में याचिका लगाए इससे पहले कैविएट दाखिल कर दिया जाए.

Category