बड़ी खबर: देश के 5 राज्यों में अब तक एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू की पुष्टि

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इंसानों में भी जा सकता है लाइलाज वायरस

बर्ड फ्लू को लेकर छत्तीसगढ़ भी अलर्ट ! दिशा-निर्देश जारी

नई दिल्ली/ रायपुर (khabargali) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच देश में एक और वायरस A-1 इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू दस्तक दे चुका है। अब तक 5 राज्यों में इसकी पुष्टि हो चुकी है। यह वायरस पक्षियों से इंसानों में भी जा सकता है, इसलिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से इसे रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पशुपालन राज्यमंत्री संजीव बालियान ने बुधवार को बताया कि इसका कोई इलाज नहीं है इसलिए सभी राज्य सरकारों को बचाव और रोकथाम वाले कदम उठाने को कहे गए हैं। उन्हें मरे हुए पक्षियों को उचित तरीके से दफनाने के निर्देश भी दिए गए हैं। जानवरों और पक्षियों में फैलने की आशंका के मद्देनजर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए हर मुमकिन कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस बीच कई राज्यों में अलर्ट के बीच पॉल्ट्री फॉर्मिंग पर भारी मार की भी खबरें आ रही हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने तो दक्षिण भारत से मुर्गे-मुर्गियों के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है।

इन 5 राज्यों में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि

बालियान ने बताया कि अभी तक राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इन राज्यों में कई कौओं और बगुलों एवं प्रवासी पक्षियों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि एवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू भारत के लिए कोई नया नहीं है। उन्होंने कहा कि 2015 के बाद से देश में हर साल जाड़े के दिनों में इस बीमारी के कुछ केस मिलते हैं।

यहाँ पोल्ट्री तक पहुंचा बर्ड फ्लू

केरल और हरियाणा में पोल्ट्री में बर्ड फ्लू के केस सामने आए हैं। केरल में बत्तख में बर्ड फ्लू पाया गया है जबकि हरियाणा में मुर्गियों में। केरल में बर्ड फ्लू को राज्य-विशिष्ट आपदा घोषित किया गया है।

विशेषज्ञों की सलाह

कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का संक्रमण कोरोना से कहीं ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि बर्ड फ्लू के कुछ स्ट्रेन (H1N1 और H7N9) इंसानों के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। इससे संक्रमित लोगों में लगभग 40 फीसदी तक की मौत हो सकती है। इससे बचने का सबसे सुरक्षित तरीका यही है कि इस दौरान अंडा, चिकन, अधपका मांस खाने से पूरी तरह परहेज रखना चाहिए। 160 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान पर पका भोजन सुरक्षित होता है। अगर आसपास में किसी पक्षी की असामान्य मौत होती है तो उसे सीधे छूने से बचना चाहिए। हालांकि केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने मीडिया से कहा कि चिकन और अंडे को लेकर डरने की कोई जरूरत नहीं है। इन्हें अच्छी तरह से उबालकर खा सकते हैं।

बर्ड फ्लू को लेकर छत्तीसगढ़ भी अलर्ट, दिशा-निर्देश जारी

देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद छत्तीसगढ़ में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ पशु संचालनालय की ओर से 9 बिंदुओं पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। राज्य के सीमावर्ती इलाकों को खास तौर पर अमला को सक्रिय रहना होगा। गाइड-लाइन में पोल्ट्री फार्म, जू-पार्क, जंगल सफारी में विशेष सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए गए हैं।

जारी गाइडलाइन के प्रमुख बिंदू

1. भारत सरकार के विभागीय वेबसाईट (www.dahd.nic.in) से, बर्ड फ्लू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के संबंध में दिये गए कार्ययोजना का साक्षर पालन करें..

2. भारत सरकार के गाइड लाईन्स में दिये गए सैम्पल साईज का पालन करते हुए नमूने एकत्र कर पाक्षिक अन्तराल में, राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, रायपुर को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करे।

3. विकारीय सामग्री विक्रय करने वाले बाजार ,बतख पालन वाले क्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाकों में विशेष निगरानी करावें। अचानक पक्षियों मे (बतख, कौवे, कुक्कुट एवं प्रवासी पक्षियां) बड़ी संख्या में मृत्यु होने पर बायो-सेक्यूरिटी नियमों का पालन करते हुए मृत पक्षियों का नमुना एकत्र कर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, पंडरी, रायपुर से समन्वय बना कर NIHSAD Bhopal को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।

4. वन विभाग से समन्वय स्थापित कर अक्सर अप्रवासी पक्षियों के देखे जाने वाले क्षेत्र जैसे- राष्ट्रीय अभ्यारण्य, पोखर, झील को चिन्हाकित कर उन क्षेत्रों के समीप के poultry population के surveillance (निगरानी) and sero surveillance हेतु विशेष कार्ययोजना बना कर उस पर अमल करें।

5. प्रचार प्रसार द्वारा पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को बर्डफ्लू रोग के zoonotic importance एवं रोकथाम संबंधी जानकारी से अवगत करावें।

6. बैकयार्ड पोल्ट्री एवं व्यवसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को, पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु की सूचना तुरन्त निकटतम पशु चिकित्सा संस्था में देने संबंधी जानकारी देवें।

7. भारत सरकार के गाइड लाइन्स में रोग उदभेद की स्थिति से निपटने आवश्यक उपकरण, रसायन एवं पी.पी.ई किट तैयार रखें।

8. जिले के शासकीय व निजी पोल्ट्री प्रक्षेत्र, पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्र इत्यादि में जैव सुरक्षा के सभी नियमों से अवगत करावे एवं उनका पालन किये जाने संबंधी निर्देश पारित करें।

9. बर्ड पलू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम के संबंध में किये गए कार्यों का प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरी को पाक्षिक (15 दिवस अन्तराल में) प्रस्तुत करे।