नई दिल्ली (khabargali) आने वाले दिनों में जहां देश में प्राइवेट ट्रेनें शुरू होने जा रही है, यात्रियों को जिसमें शायद ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी वहीं इन ट्रेनों से यात्रा करना महंगा साबित होने वाला है. असल में एयरलाइसं कंपनियों की तरह पर प्राइवेट ट्रेनें भी अपना किराया खुद तय कर सकेंगी. सरकार उनको आपरेट करने वाली कंपनियों को किराया तय करने की छूट देने जा रही है.
भारतीय रेल बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव (Indian Rail Board Chairman VK Yadav) ने मीडिया को बताया कि प्राइवेट कंपनियों को अपनी तरह से किराया तय करने की छूट होगी. हालांकि उन रूट पर अगर एसी बसें और प्लेन की भी सुविधा है तो किराया तय करने के पहले कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना होगा. उल्लेखनीय है कि देश के गरीबों का बड़ा हिस्सा परिवहन के लिए रेलवे के व्यापक नेटवर्क पर निर्भर करता है. आपको बता दें कि भारत ने इस परियोजना में रुचि रखने वाली कंपनियों को जुलाई में 151 ट्रेनों के माध्यम से 109 ओरिजिन डेस्टिनेशनल पर यात्री ट्रेनें चलाने के लिए अपनी इच्छा जाहिर करने को था. नई दिल्ली और मुंबई सहित रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए भी निवेशकों की रुचि मांगी है.
ये कंपनियां चाहती हैं देश में ट्रेन चलाना
भारतीय रेल बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव वीके यादव ने बताया कि एल्सटॉम, बॉम्बार्डियर इंक, जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने इन परियोजनाओं में इच्छा दिखाई है. भारत के रेल मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, ये परियोजनाएं अगले 5 साल में 7.5 बिलियन डॉलर से अधिक का निवेश ला सकती हैं. वर्षों से चली आ रही लापरवाही और इनएफिसिएंट ब्यूरोक्रेसी की वजह के चलते मोदी सरकार ने निजी कंपनियों को स्टेशनों के आधुनिकीकरण से लेकर ट्रेनों परिचालन ट्रेनों तक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है.
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