
सीएम भूपेश बघेल भड़के, केंद्रीय एजेंसियों को दी सख्त चेतावनी…!
रायपुर (khabargali) आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखी एक पोस्ट प्रदेश में बेहद चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल ईडी और आईटी की जांच के रडार में आए राज्य के अफसरों और कारोबारियों ने शिकायत की है कि पूछताछ के दौरान उन्हें द्वारा शरीरिक प्रताड़ना दी जा रही है। ऐसे अति गंभीर आरोपों की जानकारी सीएम भूपेश बघेल को दी गई जिसके बाद रविवार को सीएम की इस मुद्दे पर गहरी नाराजगी सामने आई है !

पोस्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ में केंद्रीय एजेंसियां प्रवर्तन निदेशालय-ED और आयकर विभाग-IT राज्य के अफसरों और कारोबारियों से बयान लेने के लिए मुर्गा बनाकर पीट रही हैं ? इस प्रश्न के साथ यह भी आरोप लगाए गए हैं कि, पिटाई से कई लोगों की हड्डी टूट गई है। कई लोगों को सुनाई देना बंद हो गया है।
सीएम ने दी चेतावनी
उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा, “विधिक ढंग से जांच में हमारा पूर्ण सहयोग रहेगा। लेकिन ऐसी शिकायतें हमें आगे भी प्राप्त होंगी, तो राज्य की पुलिस विधिक रूप से कार्रवाई हेतु विवश होगी” मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा, केंद्रीय एजेंसियां देश के नागरिकों की ताकत होती हैं। यदि इन ताकतों से नागरिक डरने लगें तो निश्चित ही यह नकारात्मक शक्ति देश को कमजोर करती है। ED और इनकम टैक्स जैसी एजेंसियां भ्रष्टाचार करने वालों पर कानूनी कार्रवाई करें, हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन जिस प्रकार से ED और इनकम टैक्स के अधिकारियों द्वारा लोगों से पूछताछ के दौरान गैर कानूनी कृत्य सामने आ रहे हैं, वो बिल्कुल भी स्वीकार करने योग्य नहीं हैं।
इन घटनाओं से प्रदेश की जनता गुस्से में: भूपेश
लोगों को वहीं समन देकर जबरन घर से उठाना। उनको मुर्गा बनाना, मार-पीट कर दवाब डालकर मन चाहा बयान दिलवाने को बाध्य करना। आजीवन जेल में सड़ने की धमकी देना। बिना खाना-पानी के देर रात तक रोक कर रखना जैसे गंभीर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। वे स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना CRPF को साथ लेकर छापा मारी कर रहे हैं। अधिकारियों से शिकायत प्राप्त हुई है, कुछ लोगों को रॉड से पीट रहे हैं, किसी का पैर टूटा है तो किसी को सुनाई देना बंद हो गया है। इन घटनाओं से प्रदेश की जनता बहुत गुस्से में है। राजनीतिक षड्यंत्र की पूर्ति के उद्देश्य से झूठे प्रकरण बनाने का खेल प्रतीत हो रहा है।
केंद्र सरकार से शिकायत करने का निर्देश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि भारत सरकार को इन सब घटनाओं की जानकारी दी जाए और अवैधानिक कृत्यों पर रोक लगायी जाए। जिससे भी पूछताछ हो, उसकी विडियोग्राफ़ी हो। विधिक ढंग से जांच में हमारा पूर्ण सहयोग रहेगा। यदि ऐसी शिकायतें हमें आगे भी प्राप्त होंगी, तो राज्य की पुलिस विधिक रूप से कार्रवाई हेतु विवश होगी। हमारे नागरिकों की सुरक्षा हेतु हम कृत संकल्पित हैं। सनद रहे।
सितंबर मेें भी चेतावनी दे चुके हैं मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 26 सितम्बर को भिलाई में अग्रसेन जयंती समारोह में शामिल हुए थे। वहां कुछ कारोबारियों ने उनसे कहा, आयकर विभाग, डाइरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस और प्रवर्तन निदेशालय जिन लोगों को बुला रही हैं, उन्हें धमकी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने उस दिन कहा, यह उचित नहीं है। बाद में रायपुर में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, सेंट्रल एजेंसी आए उनका स्वागत है। उन्हें बनाया ही इसलिए गया है कि कहीं गलत हो रहा हो तो उसपर कार्रवाई करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो अधिकारी आए वह यहां के लोगों को धमकाये-चमकाए। वे व्यापार कर रहे हैं, उद्योग चला रहे हैं तो यह अपराध नहीं है। उनसे अपराधियों जैसा व्यवहार करना बिल्कुल गलत बात है। अगर छत्तीसगढ़ सरकार को शिकायत मिलती है तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
IAS समीर विश्नोई की पत्नी पहले ही कर चुकी हैं शिकायत
प्रवर्तन निदेशालय-ED ने छत्तीसगढ़ में 11 अक्टूबर को छापामार कार्रवाई शुरू की। कोयला परिवहन में मनी लांड्रिंग की जांच करते हुए एजेंसी ने 13 अक्टूबर को IAS अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और ट्रांसपोर्टर-वकील लक्ष्मीकांत तिवारी को गिरफ्तार किया। समीर विश्नोई की पत्नी प्रीति ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात कर शिकायत की। उसमें उन्होंने कहा था, ED के अफसर जबरन उनके घर में घुसे। फिर पति-पत्नी को ED के दफ्तर ले जाकर कुछ कांग्रेस नेताओं और कारोबारियों, अधिकारियों का नाम लेने को कहा गया। उन्होने ऐसा करने से इंकार कर दिया। उसके बाद ED के अधिकारी ने कहा, अगर हमारे अनुसार बयान नहीं दोगे तो तुम लोग और तुम्हारे परिवार वालों को जिंदगी भर जेल में सड़ा देंगे।
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