6 और 7 जनवरी 2024 को मायाराम सुरजन स्मृति लोकायन भवन में होगा आयोजन
रायपुर (khabargali) प्रदेश में पहली बार दलित साहित्य सम्मेलन आयोजित हो रहा है । साहित्य के जरिये होने वाला यह प्रदेश का पहला दलित विमर्श है । 6 और 7 जनवरी 2024 को मायाराम सुरजन स्मृति लोकायन भवन, राजबन्धा मैदान, रायपुर (समय सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे) में आयोजित दलित साहित्य सम्मेलन में देश के नामचीन लेखक, कवि और आलोचक शामिल होंगे ।
दो दिवसीय इस सम्मेलन का उदघाटन देश की प्रख्यात आलोचक प्रो. विमल थोरात करेंगी । विमल थोरात अपने संपादन में प्रकाशित पत्रिका दलित अस्मिता और दूसरे अन्य माध्यमों से लगातार दलित अस्मिता की आवाज़ देश विदेश में बुलंद करती रहीं हैं। इसके साथ ही देश के नामी कवि, लेखक और साहित्यकार भी इस सम्मेलन में अपने विचार रखेंगे ।
इस सम्मेलन में राष्ट्रीय स्तर के मुम्बई के विद्रोही साहित्य सम्मेलन महाराष्ट्र के संस्थापक, संस्कृतिकर्मी और पत्रकार सुबोध मोरे , मुम्बई के प्रख्यात आलोचक अरविंद सुरवड़े, नागपुर के प्रसिद्ध कवि प्रभु राजगड़कर एवं स्थानीय स्तर के देश के जानेमाने खैरागढ़ कवि गीतकार जीवन यदु, बिलासपुर के वरिष्ठ कवि कपूर वासनिक, वरिष्ठ कथाकार (देश और प्रदेश के) कैलाश बनवासी, उपन्यासकार किशनलाल एवं संकल्प पहटिया शामिल होंगे।
दो दिवसीय इस सम्मेलन में प्रथम दिन विचार गोष्ठी के साथ रचना पाठ होगा । इसी प्रकार दूसरे दिन भी विचार गोष्ठी और रचना पाठ (कविता पाठ) होगा । प्रदेश में होने वाले इस प्रथम दलित साहित्य सम्मेलन का आयोजन शहर की सांस्कृतिक-साहित्यिक संस्था अस्मिता विमर्श द्वारा किया जा रहा है। इसकी सूचना संस्था के सचिव शेखर नाग ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दिया ।
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