इंटेलेक्चुअल फोरम ऑफ छत्तीसगढ़ की हुई बैठक, समाज को देंगे नई दिशा एवं नये समाधान

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राजधानी में बुद्धिजीवियों ने वैचारिक एवं बौद्धिक पटल की स्थापना की

रायपुर (khabargali) प्रदेश के बुद्धिजीवियों ने समाज को नई दिशा एवं नये समाधान देने के लिए एक वैचारिक एवं बौद्धिक पटल की स्थापना की है। इस पटल का नाम है इंटेलेक्चुअल फोरम ऑफ छत्तीसगढ़, जिसमें समाज के लगभग सभी वर्गों के बुद्धिजीवी शामिल हैं। समाज हित में सकारात्मक एवं रचनात्मक दिशा में कार्य करने वाले एक समूह बनने के उद्देश्य से स्थापित इस फोरम की पहली बैठक रविवार को सेंटर फॉर स्टडीज़ ऑन हॉलिस्टिक डेवलपमेंट के मंथन सभागार में आयोजित हुई थी। इस फोरम ने बैठक में अपने लक्ष्यों को तय करते हुए यह घोषणा की कि वे सभी मिलकर समाज को सही दिशा दिखाने के साथ-साथ व्यवस्थाओं में भी सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में प्रयास करेंगे।

बुद्धिजीवियों के इस फोरम के संयोजक एवं क्रेडा के पूर्व सीईओ डॉ शैलेन्द्र शुक्ला ने बताया कि यह फोरम केवल सुझावों एवं विचारों पर ही नहीं, बल्कि क्रियान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का बुद्धिजीवी वर्ग एक ऐसे फोरम से जुड़ने में उत्सुक है, जो समाज के विकास एवं उनके उत्थान के लिए कार्य करना चाहता है, यही कारण है कि इस फोरम की पहली बैठक में शिक्षा से लेकर अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक कार्यों से लेकर विधि एवं चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े वरिष्ठ एवं गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया।

फोरम के संरक्षक के तौर पर प्रो. डॉ बीके स्थापक (पूर्व कुलपति, छग स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय), प्रो. डॉ एसके पांडे (पूर्व कुलपति, पं.रविवि) एवंभास्कर राव कीन्हेकर (एलआईसी से सेवानिवृत्त, सामाजिक कार्यकर्ता) इस बैठक में उपस्थित रहे। इनके अतिरिक्त इंटेलेक्चुअल फोरम ऑफ छत्तीसगढ़ की इस पहली बैठक में 25 से अधिक लोग शामिल हुए, जिसमें वरिष्ठ प्राध्यापकगण, चिकित्सक, व्यवसायी, सेवानिवृत्त आईएफएस, उद्यमी, अधिवक्ता, पत्रकार, लेखक, शिक्षक जैसे गणमान्य बुद्धिजीवी उपस्थित हुए।

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