ईओडब्ल्यू ने साढ़े चार घंटे तक शिल्पा शेट्टी से की पूछताछ, 60 करोड़ की ठगी का मामला

Shilpa Shetty questioned by EOW for four and a half hours in connection with a Rs 60 crore fraud case. Hindi latest news big News khabargali

मुंबई (खबरगली)  60 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी से लंबी पूछताछ की है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, ईओडब्ल्यू की एक टीम शिल्पा शेट्टी के आवास पर पहुंची, जहां करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ चली। इस दौरान पुलिस ने अभिनेत्री से उनकी एडवरटाइजिंग कंपनी के बैंक खाते से जुड़े कथित लेन-देन को लेकर कई सवाल पूछे।

पूछताछ के दौरान शिल्पा शेट्टी ने अपनी कंपनी से जुड़े वित्तीय लेनदेन की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी। इसके अलावा उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जांच अधिकारियों को सौंपे हैं, जिनकी फिलहाल जांच की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेजों का बारीकी से वेरिफिकेशन किया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन ट्रांजेक्शनों में कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई।

बता दें कि मुंबई के कारोबारी दीपक कोठारी ने अगस्त में जुहू पुलिस स्टेशन में शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। कोठारी का आरोप है कि वर्ष 2015 से 2023 के बीच उन्होंने शिल्पा और कुंद्रा की कंपनी 'बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड' में 60.48 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इन लोगों की मुलाकात एक एजेंट राजेश आर्या के जरिए हुई थी। उस वक्त शिल्पा और राज कुंद्रा कंपनी के डायरेक्टर थे और शिल्पा के पास कंपनी के 87 प्रतिशत से अधिक शेयर थे।

कोठारी ने आरोप लगाया कि शुरू में यह रकम लोन के रूप में दी गई थी, जिस पर सालाना 12 प्रतिशत ब्याज तय हुआ था। लेकिन बाद में शिल्पा और कुंद्रा ने टैक्स संबंधी कारणों का हवाला देते हुए इस रकम को इन्वेस्टमेंट के रूप में दर्ज करने को कहा और हर महीने तय रिटर्न देने का वादा किया। कोठारी ने अप्रैल 2015 में 31.95 करोड़ रुपये की पहली किश्त दी और फिर जुलाई 2015 से मार्च 2016 के बीच 28.54 करोड़ रुपये और ट्रांसफर किए। कुल मिलाकर उन्होंने 60.48 करोड़ रुपये की रकम दी, साथ ही 3.19 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी भी चुकाई।

इस मामले में जुहू पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। चूंकि मामला बड़ी रकम से जुड़ा है, इसलिए इसे आर्थिक अपराध शाखा को सौंपा गया। ईओडब्ल्यू अब तक इस मामले की जांच गहराई से कर रही है। 
 

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