ईश्वर साहू के शपथ के दौरान ईश्वर ही सत्य है का नारा गूंजा
छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र, 90 विधायकों ने ली शपथ, रमन सिंह बने विस अध्यक्ष
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा का पहला सत्र मंगलवार से शुरु हो गया। सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ के सभी 90 विधायकों को शपथ दिलाई। इस दौरान कई विधायकों ने जहां छत्तीसगढ़ी तथा वहीं कुछ विधायक हिन्दी व संस्कृत में शपथ ग्रहण किया। इस दौरान सदन में जय श्रीराम, जय छत्तीसगढ़, जय जगन्नाथ, साहेब बंदगी के जयकारों से गूंज उठा।
सबसे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संसदीय परंपरा की शपथ ली। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली। वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भी छत्तीसगढ़ी भाषा मे आसंदी के सामने शपथ ली। उसके बाद डिप्टी सीएम अरूण साव और विजय शर्मा ने शपथ लिया। इन दोनों ने भी छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली।
सदन में अभिनेता से नेता बने अनुज शर्मा छत्तीसगढ़ी परिधान में पहली बार पैदल चल कर विधानसभा पहुंचे। वहीं साजा विधानसभा के विधायक ईश्वर साहू के शपथ के दौरान ईश्वर ही सत्य है का नारा गूंजा। वहीं सदन में सभापति नियुक्त विक्रम उसेंडी, धर्मजीत सिंह, लखेश्वर बघेल और दलेश्वर साहू ने छत्तीसगढ़ी भाषा में शपथ ली। सदन में आज ज्यादातर सदस्यों ने छत्तीसगढ़ी में शपथ ली। रायगढ विधायक ओपी चौधरी से छत्तीसगढ़ी में ली शपथ, तो वहीं विद्यावती सिदार और प्रेमचंद पटेल संस्कृत में शपथ ली। खरसिया विधायक उमेश पटेल ने छत्तीसगढ़ी में शपथ, रामकुमार टोप्पो, रायमुनि भगत, गोमती साय ने शपथ ली।
डा.रमन सिंह निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने गए
डा.रमन सिंह को छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। वे निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। सीएम साय और नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत उन्हें आसंदी तक लेकर पहुंचे। इस दौरान महंत ने कहा आप जहां बैठे हैं वो मेरा अतीत है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत, बृजमोहन अग्रवाल, अजय चंद्राकर और केदार कश्यप ने रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा था।
भूपेश बघेल ने कहा- हिसाब बराबर हो गया
रमन सिंह के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने उन्हें बधाई दी। बघेल ने कहा " रमन सिंह का लंबा अनुभव, लोकसभा सदस्य, राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में रहा है। इस पवित्र सदन में कई नई परंपराओं का निर्वहन हुआ है जब रिजल्ट आया तो मैं सोच रहा था की मैं अकेला ही भूतपूर्व मुख्यमंत्री रहूंगा लेकिन आपने रहने नहीं दिया हम दोनों की भूमिकाएं बदल गई इसीलिए हिसाब किताब बराबर हो गया।"
तो महंत ने कहा- जहां आप बैठे वो मेरा अतीत
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने नए विस अध्यक्ष रमन सिंह के लिए कहा - हम सब आपके स्वभाव को जानते हैं। आप एक बेहतर इंसान हैं। छत्तीसगढ़ की अपने 15 साल तक सेवा की है। ये हम सबने देखा है। छत्तीसगढ़ के लोगों के बीच आपका प्रभाव प्रशंसनीय रहा है, मैं आपके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं। आज आप जहां पर बैठें हैं वो मेरा अतीत है, आज मैं यहां हूं ये मेरा वर्तमान है। वर्तमान का हमेशा अतीत के प्रति आदर और सद्भाव रहेगा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं मेरे साथी हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे। इधर-उधर की बातें आपसे निष्पक्षता से हो ऐसा हम चाहते हैं हमने अपने कार्यकाल के दौरान आधे से ज्यादा समय इधर को दिया। इसलिए आपसे अपेक्षा रखते हैं कि इस बात का ध्यान रखेंगे। चरणदास महंत ने कहा जब हम दोनों सांसद थे तब हम दोनों के बीच अच्छी मित्रता थी जो सबको खटकती थी। आपकी हमारी दोस्ती को बहुत लोगों की नजर लगी थी। मैं आपको एक बात याद दिलाना चाहता हूं, आप संसद सदस्य से अध्यक्ष तब थोड़ी दरार आने लगी जब आप मुख्यमंत्री बने तब दरार बढ़ गई। महंत ने रमन सिंह के लिए लाइनें कही ..जो हमने तुम्हें करार था तुम्हें याद हो के ना हो।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल का अभिभाषण
सत्र के दूसरे दिन 20 दिसंबर को राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन का अभिभाषण होगा। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लाया जाएगा। इसी दिन सीएम विष्णुदेव साय अनुपूरक बजट पेश करेंगे। उसके बाद मंत्रियों का परिचय और सरकारी कामकाज निपटाए जाएंगे।
अनुपूरक बजट पर चर्चा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे और आखिरी दिन अनुपूरक बजट के अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। मतदान और विनियोग विधेयक पर पुनर्स्थापन होगा। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के बाद सरकारी काम निपटाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ की छठी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कुल तीन बैठकें होंगी। कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ विधायक चरणदास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है।
छत्तीसगढ़ विधानसभा की सुरक्षा सख़्त
दिल्ली में संसद सुरक्षा कांड के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा की सुरक्षा सख्त कर दी गई है। वीआईपी गेट से सिर्फ विधायक ही प्रवेश करेंगे। विधानसभा परिसर में प्रवेश की अनुमति सिर्फ इंट्री पास रखने वालों को ही मिलेगी। वहीं विधायकों और उनके परिवार के सदस्यों के साथ आने वाले कार्यकर्ताओं के लिए विधानसभा परिसर के सभागार में व्यवस्था की गई है।
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