जयपुर बम ब्लास्ट में 71लोगों की जान लेने वाले चारों दोषियों को फांसी की सजा

series of bomb blasts at eight places in Pink City

13 मई 2008 को गुलाबी नगरी में आठ जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 185 घायल हुए थे

जयपुर (khabargali) आखिरकार 11 साल बाद जयपुर को इंसाफ मिल गया। 13 मई, 2008 को पिंकसिटी को सीरियल बम ब्लास्ट से दहलाने वाले गुनाहगारों को विशेष कोर्ट  के जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने शुक्रवार को सजा सुनाई।  विशेष कोर्ट ने चारों दोषियों फांसी की सजा सुनाई गई है। जयपुर बम ब्लास्ट 2008 के चारों दोषियों को 11 साल सात माह बाद शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई गई है। विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार शर्मा ने सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर रहमान और सलमान को सजा सुनाई है। ब्लास्ट के चारों आरोपितों को बुधवार को दोषी ठहराए जाने के बाद गुरुवार को सजा के बिंदुओं पर बहस हुई थी। बहस से पहले चारों दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया था। 

महज 15 मिनट में दहल गया था गुलाबी शहर

गुलाबी शहर के नाम से पहचाने जाने वाले जयपुर शहर में 13 मई 2008 की शाम को 15 मिनट का मंजर खौफनाक था। इस समय में तीन से चार किलोमीटर क्षेत्र में जयपुर का ऐतिहासिक परकोटा क्षेत्र दहल गया था। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 घायल हुए थे। खौफ के सौदागरों ने मंदिरों में आरती के लिए जा रहे लोगों, व्यस्त बाजारों में सड़क पर कारोबार करने वाले गरीब लोगों और उन मासूमों को निशाना बनाया, जो कभी सोच भी नहीं सकते थे कि जयपुर में ऐसा भी कुछ हो सकता है। इन धमाकों के बाद दो दिन तक जयपुर में कफ्र्यू रहा, लेकिन यह हटते ही शहर सामान्य हो गया। 11 साल पहले हुए श्रृंखलाबद्ध आठ बम धमाकों के मामले में बुधवार को विशेष अदालत ने पांच आरोपितों में से चार को दोषी करार दिया। ये चारों उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। एक को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। धमाकों के 10 आरोपित थे, जिनमें से दो सितंबर 2008 में दिल्ली के बटला हाउस एनकाउंटर में मारे गए थे और तीन अब भी फरार हैं।  

इन्हें हुई फांसी की सजा

1. मुहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन, निवासी सरायमीर, आजमगढ़। दिसंबर 2008 में गिरफ्तारी हुई।
2. मुहम्मद सरवर आजमी, निवासी-चांद पट्टी, आजमगढ़। जनवरी 2009 में गिरफ्तारी। 
आरोप- चांदपोल हनुमान मंदिर के सामने बम रखा।
3. सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी, निवासी-आजमगढ़। अप्रैल 2009 में गिरफ्तारी। 
आरोप- फूल वालों का खंदा क्षेत्र में बम रखा।
4. मुहम्मद सलमान, निवासी- निजामाबाद, सरायमीर आजमगढ़। दिसंबर 2010 में गिरफ्तारी। 
आरोप- षड्यंत्र में शामिल, सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर के पास बम रखा।

ईमेल कर जिम्मेदारी लेने वाला दोषमुक्त

धमाकों के अगले दिन इंडियन मुजाहिदीन के नाम से ईमेल कर इन विस्फोटों की जिम्मेदारी लेने वाले मुहम्मद शहबाज अहमद, निवासी-लखनऊ को विशेष कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया। उसे सितंबर 2008 में गिरफ्तार किया गया था। अभियोजन उसके खिलाफ सुबूत पेश नहीं कर सका।

बाटला हाउस एनकाउंटर में ये मारे गए

मुहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साजिद।

ये तीन हैं फरार 

मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मुहम्मद खालिद।


 

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