महाबलीपुरम में PM मोदी ने किया शी जिनपिंग का स्वागत, रिश्तों में दिखी गर्मजोशी

Xi Jinping
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चीनी राजदूत ने दौरे से पहले दिया बड़ा बयान ‘भारत-चीन कभी एक दूसरे के लिए खतरा नहीं’

 महाबलीपुरम (khabargali) तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 50 किलोमीटर दूर महाबलीपुरम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अनौपचारिक मुलाकात होने वाली है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग करीब दोपहर ढाई बजे चेन्नई पहुंचें. चीन के वुहान के बाद महाबलिपुरम में मोदी और जिनपिंग के बीच ये दूसरी अनौपचारिक मुलाकात है.. चेन्नई एयरपोर्ट पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का स्वागत तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने किया.   राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगवानी के लिए पीएम मोदी चेन्नई के महाबलीपुरम पहुंचे और उनका जोरदार स्वागत किया.  पीएम मोदी ने जिनपिंग को अर्जुन तपस्थली के बारे में बताया. शाम 6 बजे पीएम मोदी-जिंनपिंग सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए.  शी जिनपिंग के स्वागत में पीएम मोदी ने चीनी भाषा में ट्वीट किया है और दोनों देशों में रिश्ते और मजबूत होने की उम्मीद जताई है. गौरतलब है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले दोनों देशों के बीच में जम्मू-कश्मीर के मसले को लेकर विवाद हुआ. चीन ने जम्मू-कश्मीर के मसले को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के हिसाब से सुलझाने को कहा तो भारत ने जवाब दिया कि कोई दूसरा देश इस मसले पर ना बोले. अब शी जिनपिंग के भारत आने से ठीक पहले भारत में चीन के एंबेसडर सुन वेंगदोंग ने कहा है कि भारत और चीन कभी भी एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं, दोनों देश क्षेत्र की एकता के लिए ताकतवर शक्ति हैं.

स्वागत में कलाकारों ने केरल के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य चेंदा मेलम पेश किया

एयरपोर्ट पर 350 से ज्यादा सांस्कृतिक कलाकार जिनपिंग के स्वागत में प्रस्तुति दिया.  40 पारंपरिक भरतनाट्यम कलाकारों ने स्वागत मुद्राओं में नृत्य किया. साथ ही कलाकारों ने केरल के प्रसिद्ध पारंपरिक नृत्य चेंदा मेलम पेश किया चीनी राष्ट्रपति कार में सवार होकर हवाई अड्डे से होटल और फिर वहां से महाबलीपुरम के सफर पर निकले. 

स्वागत के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां 

महाबलीपुरम में होने वाली मुलाकात में मेहमान नवाजी के इंतजाम भी खास हैं. मेहमान नेता के लिए पीएम समंदर किनारे बने शोर टेम्पल में ही रात्रिभोज देंगे और इसके लिए मंदिर और उसके प्रांगण में विशेष सजावट की गई है. शाम पौने सात बजे शोर टेम्पल अहाते में होने वाले इस भोज आयोजन के लिए खास शामियाना बनाया गया है और की गई है विशेष सजावट. दक्षिण भारतीय शैली में गेंदे व गुलाब के फूलों और पारंपरिक रांगोली से की गई है शामियाने की सजावट.
महाबलीपुरम में पंच रथ के पास मोदी-जिनपिंग के स्वागत के लिए बागवानी विभाग ने एक विशाल गेट को सजाया. इसकी सजावट में 18 प्रकार की सब्जियां और फलों का प्रयोग किया गया. इन फलों और सब्जियों को तमिलनाडु के विभिन्न इलाकों से मंगाया गया है. विभाग के 200 स्टाफ मेंबर्स और ट्रेनी ने मिलकर 10 घंटे से ज्यादा समय तक इस गेट को सजाने में मेहनत की है. 

डोकलाम के बाद अब होगी मुलाकात

इससे पहले साल 2018 में 27 और 28 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग वुहान में मिले थे. इस मुलाक़ात ने साल 2017 में डोकलाम को लेकर उपजे कुछ गतिरोधों को कम करने में भूमिका अदा की थी. उसके बाद से यह अगली बैठक होने जा रही है.

महाबलीपुरम को ही क्‍यों चुना गया?

 दरअसल, इसके पीछे एक खास वजह है. दक्षिण भारत के इस प्राचीन शहर का चीन से काफी पुराना रिश्‍ता रहा है. महाबलीपुरम का चीन के साथ करीब 2000 साल पुराना रिश्‍ता है. कहते हैं कि महाबलीपुरम से चीन के व्यापारिक रिश्ते करीब 2000 साल पुराने हैं. समंदर किनारे बसे इस बंदरगाह वाले शहर के आसपास में चीनी सिक्‍के भी मिले थे.

इस मायने में  महत्वपूर्ण है महाबलीपुरम

महाबलीपुरम या मामल्‍लपुरम  प्रसिद्ध पल्‍लव राजवंश की नगरी थी. इसके चीन के साथ व्‍यापारिक के साथ ही रक्षा संबंध भी. इतिहासकार मानते हैं कि पल्‍लव शासकों ने चेन्‍नई से 50 किमी दूर स्थित मामल्‍लपुरम के द्वार चीन समेत दक्षिण पूर्वी एशियाओं मुल्‍कों के लिए खोल दिए थे, ताकि उनका सामान आयात किया जा सके.
चीन के मशहूर दार्शनिक ह्वेन त्सांग भी 7वीं सदी में यहां आए थे. वह एक चीनी यात्री थे, जोकि एक दार्शनिक, घूमंतु और बेहतरीन अनुवादक भी था. इतिहासकारों द्वारा बताया जाता है कि ह्वेन त्सांग को सपने में भारत आने की प्रेरणा मिली, जिसके बाद वह भारत आए और भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े सभी पवित्र स्थलों का दौरा भी किया. इसके बाद उन्‍होंने उपमहाद्वीप के पूर्व एवं पश्चिम से लगे इलाकों की यात्रा भी की. उन्‍होंने बौद्ध धर्मग्रंथों का संस्कृत से चीनी अनुवाद भी किया. माना जाता है कि ह्वेन त्सांग भारत से 657 पुस्तकों की पांडुलिपियां अपने साथ ले गया था. चीन वापस जाने के बाद उसने अपना बाकी जीवन इन ग्रंथों का अनुवाद करने में बिता दिया.

शोर मंदिर पहुंचे

शोर मंदिर पहुंचे पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति पंच रथ और अर्जुन तपस्या स्थल देखने के बाद पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति 700-728 ईस्वी के दौरान समुद्र के निकट निर्मित शोर मंदिर पहुंच चुके हैं. यह महाबलीपुरम का प्रमुख तीर्थ स्थान है. मंदिर में तीन स्थल हैं, जिनमें दो भगवान शिव और एक भगवान विष्णु को समर्पित है.  इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नारियल का पानी पिया. साथ ही दोनों नेताओं ने बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ठहाके लगाते नजर आए.

पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को घुमाया पंच रथ 

महाबलीपुरम में पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पंच रथ, अर्जुन तपस्या स्थल और शोर मंदिर घुमाया. इस दौरान पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को इन स्थलों के महत्व को भी बताया. पंच रथ को ठोस चट्टानों को काटकर बनाया गया है. यह सभी अंखड मंदिर के रूप में मुक्त तौर पर खड़े किए गए हैं. इसका हालांकि पांच पांडव भाइयों युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव और उनकी पत्नी द्रौपदी के अलावा भारतीय महाकाव्य महाभारत के साथ कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है. पंच रथ के बीच में एक विशाल हाथी और शेर की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं. 

जिनपिंग को दिखाया 'कृष्ण का माखन लड्डू' और अर्जुन तपस्या स्थल 

महाबलिपुरम के शानदार स्मारकों में से एक है. यहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी. पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति को उस जगह से अवगत कराया, जहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी. यहां एक बड़े शिलाखंड पर हिंदू देवताओं के अलावा शिकारियों, ऋषियों, जानवरों और अन्य के चित्र उकेरे गए हैं. मोदी ने जिनपिंग को कृष्ण का माखन लड्डू भी दिखाया , उन्हे बताया कि  इसकी ऊंचाई 6 मीटर और चौड़ाई करीब 5 मीटर है. इसका वजन 250 टन है.
 

यह है मोदी-जिनपिंग की मुलाकात का पूरा शेड्यूल

1- चीनी राष्ट्रपति दोपहर 2.00 बजे चेन्नई हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे और होटल जाएंगे।
2- शाम 5.00 बजे प्रधानमंत्री मोदी उनको तीन ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा पर लेकर जाएंगे।
3- प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग शोर टेंपल जाएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखेंगे।
4- शोर टेंपल लॉन में बैठकर ही प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग बातचीत करेंगे।
5- प्रधानमंत्री मोदी शोर टेंपल परिसर में ही चीनी राष्ट्रपति के लिए डिनर आयोजित करेंगे।
6- शनिवार सुबह दोनों नेता फिशरमैंस कोव रिजॉर्ट में अकेले बातचीत करेंगे।
7- इसके बाद भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी। 


 

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