राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव: आदिवासी थाप पर थिरका छत्तीसगढ़

National Tribal Dance Festival 2019
National Tribal Dance Festival

25 राज्यों, 3 केंद्रशासित राज्यों सहित बंगलादेश, युगांडा, मालदीप बेलारूस,थाईलैंड और श्री लंका के लगभग 18 सौ लोकसांस्कृतिक कलाकारों के प्रदर्शनों ने लोगों को बांधा जादुई आकर्षण में

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया गया है, शुक्रवार को साइंस कॉलेज मैदान में लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने 3 दिनों तक चलने वाले नृत्य महोत्सव का विधिवत शुभारंभ किया, कार्यक्रम की अध्यक्षता  मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने की। आदिवासी अंचल के लोगों को आपस मे जोड़ने साथ ही अनेकता में एकता इस कथन को सत्य करते हुए जन विकास के उद्देश्य से इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जहाँ 25 राज्यों 3 केंद्रशासित राज्यों सहित बंगलादेश, युगांडा, मालदीप बेलारूस,थाईलैंड और श्री लंका के लगभग 18 सौ लोक कलाकार शामिल हुए हैं। यहाँ सांसद श्री गांधी ने कांगेस के जनविकास के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी अंचल के लोगो के लिए सरकार ने सही कदम उठाएं हैं, जहाँ एक ओर जमीन वापस करने के साथ-साथ तेंदुपत्ता पर पारिश्रमिक दर भी बढ़ाई है, इसके अलावा कुपोषण को दूर करने के लिए सुपोषण अभियान व मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना चलाई जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल जी ने कहा कि हम आदिवासीयों की कला,सांस्कृति, परंपरा, व धरोहर को संरक्षित करने का कार्य कर रहें हैं। इसके अलावा उन्होंने अनेकता में एकता को ही राष्ट्र की ताकत बताया है।

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संस्कृति के रंग में रंग कर थिरके राहुल

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव पर पहुँचे सांसद श्री राहुल गांधी का आदिवासियों ने परम्परागत वाद्य यंत्रों से उनका स्वागत किया। जहां यंत्रों और सांस्कृतिक पेशकश में सांसद गांधी में मुख्यमंत्री बधेल जी के साथ थिरक उठे। वह कलाकार के वाद्य यंत्र स्वंय बजाने लगे व कलाकारों के साथ कदम से कदम मिलाकर नृत्य किया।

आदिवासी नृत्य महोत्सव प्रथम दिवस

कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार की सुबह 10 बजे हुई, जहाँ प्रथम घण्टे में अतिथियों का आगमन हुआ, जहाँ  अतिथितियों का स्वागत झांकियों की अदभुत प्रस्तुति से हुआ, प्रस्तुति के पूर्व माननीय अतिथितियों ने कार्यक्रम का उद्बोधन किया। कार्यक्रम के प्रथम चरण में सर्वप्रथम छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य की प्रस्तुती कलाकारों ने दी, ततपश्चात लद्दाख का लोक नृत्य *मेंटकस्तानमो* देखने को मिला जो कि छत्तीसगढ़ के परिवेश के लिए अत्यंत अलग अनुभव था, सिक्किम के कलाकारों ने शादियों में होने वाले सिक्किम के लोक नृत्य "केलांग" की खूबसूरत प्रस्तुति दी साथ ही यूगांडा के कलाकारों ने अपने वाद्य यंत्रों से जनता का मन मोह लिया साथ अरुणांचल प्रदेश एवं बेलारूस से आये लोक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियां जनता के समक्ष रखीं । इसके अलावा आज पूरे दिन बिहार से कर्मा नृत्य, महाराष्ट्र का रेला नृत्य, झारखंड का सदफ़ा नृत्य, राजस्थान का लोकगीत सहित कई मनमोहक प्रस्तुतियां देखने को मिलीं।

विदेश के लोगों में छत्तीसगढ़ की छवि

उगांडा से आये "कईकारा" की टीम ने कार्यक्रम में वाद्य यंत्रों के साथ मांगूंजू लोकनृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति दी। कईकारा से बात-चीत में उन्होंने छत्तीसगढ़ के विषय मे पूछने पर  बताया कि छत्तीसगढ़ के लोग अत्यंत प्रतिभावि व सरल स्वभाव के हैं। अतः  कार्यक्रम की सराहना करते हुए भारत देश की की संस्कृति को भी सराहा। इसके अलावा अन्य राज्य के लोगों ने भी रायपुर को मेगासिटीस की तुलना में रहने योग्य बेहतर स्थान बताया।

Tribal Dance Festival 2019 stamp

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव पर विशेष डाक टिकट जारी

रायपुर 27 दिसम्बर 2019/ भारतीय डाक विभाग द्वारा आज राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019 पर विशेष डाक टिकट जारी किया गया। उल्लेखनीय है कि राजधानी रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में आज लोकसभा सांसद श्री राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में इस महोत्सव का शुभारंभ किया। विशेष डाक टिकट के अनावरण के अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, विधायक श्री मोहन मरकाम, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री भक्त चरणदास, तेलंगाना विधायक सुश्री अनुसुईया सहित डाक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और संस्कृति विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

शिल्पग्राम बना लोगों और मेहमान कलाकारों की पहली पसंद

 राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शानदान एवं भव्य द्वार तथा यहां आयोजित शिल्पग्राम का द्वार भी छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति को प्रदर्शित करने के साथ-साथ आकर्षण और कौतूहल पैदा करता है। महोत्सव में आने वाले बड़ी संख्या में दर्शक इस प्रदर्शनी और शिल्पग्राम कभी अवलोकन करते और कभी देश की कला-संस्कृति माटी की महक महसूस करते है। 

शिल्पग्राम में प्रदर्शनी के साथ-साथ बुनकरों द्वारा बनाए गए वस्त्र, कांस्य, लोह, बेलमेटल, बांस और मिट्टी के बने कला संस्कृति प्रतीक स्वरूप सामग्रियां की विविधता भी सहज आकर्षण का केन्द्र बन रही है। इस शिल्पग्राम में कुल 36 स्टाॅल लगाए गए हैं। जिसमें 14 स्टाॅल हाथकरघा बुनकरों, 12 हस्तशिल्प के स्टाॅल, 4 माटीकला बोर्ड, एक रेशम प्रभाग का स्टाॅल और दो खादीग्राम बोर्ड के स्टाॅल लगाए गए हंै। खादीग्राम बोर्ड के स्टाॅल में सरगुजा के भित्ती चित्र का विशेष रूप से प्रदर्शन किया गया है। साथ ही माटीकला बोर्ड के द्वारा मिट्टी से बर्तन बनाए जाने की विधि का प्रदर्शन किया जा रहा है। इन स्टाॅलों में बिलासा हैण्डलूम्स के रनिंग मटेरियल्स का एक स्टाॅल, कोसा साड़ियों का एक स्टाॅल, रेडिमेंट गारमेंटस का एक स्टाॅल व एक स्टाॅल फर्नीसिंग डबल बेड सीट के और विशेष रूप  से नेचुरल डाई से तैयार किए गए वस्त्रों का स्टाॅल लगाया गया है। इस महोत्सव में आए मेहमान प्रतिभागियों और राजधानी वासियों की पहली पसंद शिल्पग्राम बना हुआ है। इस शिल्पग्राम में महोत्सव के प्रथम दिवस में ही लगभग 4 लाख रूपए के हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री हुई है।   

आज इस प्रदर्शनी और शिल्पग्राम का कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चैबे सहित अथितिगणों और बड़ी संख्या में नागरिकों ने अवलोकन किया और इसका आनन्द उठाया।

आज दूसरे दिन के कार्यक्रम

महोत्सव के दूसरे दिन 28 दिसम्बर को साइंस कॉलेज मैदान में लद्दाख, सिक्किम, अरूणाचल प्रदेश, बेलारूस और छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा रंगारंग प्रस्तुति दी जाएगी। महोत्सव में सुबह नौ बजे से मंचीय कार्यक्रम चल रहा है। दोपहर 12.50 बजे तक गुजरात का वसावा नृत्य, आंध्रप्रदेश का ढिमसा नृत्य, त्रिपुरा का ममिता नृत्य, झारखण्ड का पायका नृत्य, तमिलनाडु का टोडा नृत्य, आरूणाचल प्रदेश का आदि नृत्य, राजस्थान का गवरी नृत्य, छत्तीसगढ़ के कोण्डागांव का हुल्की नृत्य सहित असम और मध्यप्रदेश राज्य के नृत्य की प्रस्तुत होगी।
दोपहर 12.50 बजे से 1.40 बजे तक श्रीलंका, थाईलैण्ड एवं मालदीव देशों से आमंत्रित कलाकारों द्वारा गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक गुजरात के कलाकारों द्वारा राठवा नृत्य, हिमांचल प्रदेश का किन्नौरा नृत्य, पश्चिम बंगाल का संथाली नृत्य एवं मध्यप्रदेश और कर्नाटक राज्य का नृत्य प्रस्तुत की जाएगी।

शाम 5 बजे से 7.30 बजे तक सिक्किम का नृत्य, ओडिसा का दुरवा नृत्य, बिहार का करमा नृत्य, अण्डमान निकोबार का निकोबारी नृत्य, तेलंगाना का माथुरी नृत्य, त्रिपुरा का होजागिरी नृत्य, उत्तराखण्ड का हारूल नृत्य, मणिपुर का थांगकुल नृत्य, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के कलाकारों द्वारा दंडामि माड़िया नृत्य प्रस्तुत की जाएगी।

7.30 बजे से 8.15 बजे तक अतिथियों के आगमन पर मंचीय कार्यक्रम होगा। रात्रि 8.15 बजे से 9 बजे तक बंाग्लादेश, युगांडा एवं बेलारूस देशों से आमंत्रित कलाकारों द्वारा गैर प्रतियोगी सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत की जाएगी।

ये होंगे आज के अतिथि

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन 28 दिसम्बर को आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल अनुसुईया उइके मुख्य अतिथि होंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे। विशिष्ट अतिथि संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, केन्द्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, सांसद सुनील सोनी, छाया वर्मा, विधायक सत्यनारायण शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, धनेन्द्र साहू, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, जिला पंचायत की अध्यक्ष शारदा वर्मा और रायपुर नगर निगम के महापौर प्रमोद दुबे उपस्थित रहेंगे।
 

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