रेमडेसिविर इन्जेक्शन की कालाबाजारी रुक नही रही, 14 से 15 हजार मे बिक रही एक इन्जेक्शन

Remdesivir-khabargali

निजी अस्पतालों के कर्मचारी चुरा रहे मरीजों को आवंटित इन्जेक्शन 

रायपुर(khabargali)। छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की भयावहता के बीच एंटी वायरल इंजेक्शन रेमडेसिविर की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है। निजी अस्पतालों के कर्मचारी मरीज को आवंटित दवा चुराकर तीन गुना दाम पर बेच रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी ने शुक्रवार को ऐसा ही एक मामला पकड़ा। शिकायत ड्रग कंट्रोलर और रायपुर IG तक पहुंची है। विकास तिवारी ने बताया, उन्हें फाफाडीह इलाके में एक व्यक्ति द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की सूचना मिली थी। उन लोगों ने उसे पकड़ा तो पता चला कि उसे इंजेक्शन के तीन वायल एक निजी अस्पताल की कर्मचारी ने उपलब्ध कराया है।

15 हजार तक एक इन्जेक्शन 

5400 और 4800 रुपया अधिकतम खुदरा मूल्य वाले इंजेक्शन वॉयल को वह आदमी 15 हजार रुपये में बेचने की कोशिश कर रहा था। पूछताछ में सामने आया है कि एक व्यक्ति को रेमडेसिविर के छह इंजेक्शन लगने होते हैं। अस्पतालों के कर्मचारी मरीज को आवंटित दवा में से 2 से 3 इंजेक्शन चुरा लेते हैं। उसकी जगह पर मरीज को कोई दूसरा इंजेक्शन लगा दिया जा रहा है। चुराया हुआ इंजेक्शन ब्लैक में तीन गुने दाम पर बेच दिया जा रहा है।

विकास तिवारी ने बताया, उन्होंने ड्रग कंट्रोलर और रायपुर पुलिस के IG को इस तरह की कालाबाजारी की सूचना दे दी है।

केवल अस्पतालों में ही मिल रही दवा

छत्तीसगढ़ में पखवाड़े भर से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी से हाहाकार मचा हुआ है। दुकानों पर कई गुना कीमत पर इंजेक्शन बेचे जाने की शिकायत सरकार ने खुले बाजार में इसकी बिक्री पर रोक लगा दिया। अब यह स्टाकिस्टों की ओर से केवल अस्पतालों में ही भेजा जा रहा है।

भिलाई में दवा बेचते डॉक्टर पकड़ा गया

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने शुक्रवार को भिलाई में दो लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा है। उसमें एक व्यक्ति बस्तर में पदस्थ एक डॉक्टर बताया जा रहा है। डॉ. पीयूष शुक्ला और तुलेश्वर पटेल को चार वायल इंजेक्शन के साथ पकड़ा गया है। वे लोग इंजेक्शन के प्रति वायल 14 हजार रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे थे।

विशेषज्ञों ने कहा, हर मरीज को रेमडेसिविर की जरूरत नहीं

रायपुर स्थित डाॅ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के क्रिटिकल केयर विषेषज्ञ डाॅ. ओपी सुंदरानी ने कहा, हर कोरोना मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन की आवश्यकता नही होती है। इससे केवल मॉडरेटली सीवियर और सीवीयर कोविड मरीजों को लाभ हो सकता है। यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि रेमडेसिविर लगाने से मरीज ठीक ही हो जाएगा। ऐसा किसी रिसर्च में प्रमाणित नही हुआ है। उन्होंने कहा, इस इंजेक्शन को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नही है। इस दवाई से कुछ मरीजों में रिकवरी तेज हो जाती है यह पता चला है। लेकिन ऐसा कुछ ही मरीजों में हुआ है।

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