आबकारी विभाग ने कहा शराब दुकान में संचालित नहीं है आहाता
आरटीआई में अधिवक्ता तनवानी ने आहता संचालन के संबंध में आबकारी विभाग से मांगी थी जानकारी
अवैध आहतें से राजस्व का नुकसान, अपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर भी लग रहा है प्रश्न चिन्ह
अवैध आहताओं को बंद कराने उच्च न्यायालय में लगाएंगे याचिका - एड विवेक तनवानी
रायपुर (khabargali) एक तरफ तो राजधानी के शहर भर में शराब दुकानों के साथ धड़ल्ले से अहाता (चखना सेंटर) संचालित है जहां पर खुलेआम शराब परोसने का और चखना बेचने का कार्य किया जा रहा है, चखना सेंटर में आए दिन मारपीट लड़ाई झगड़ा एवं अनेक अपराधिक घटनाएं घटती है। वहीं दूसरी तरफ जब शहर के अधिवक्ता विवेक तनवानी ने इस संबंध में आबकारी विभाग से सूचना के अधिकार में शहर भर की शराब दुकानों में संचालित अहातें के संबंध में जानकारी मांगी तब विभाग के द्वारा अपने जवाब में दो टूक जानकारी दिया कि शहर की शराब दुकानों में आहता संचालित नहीं है, विभाग के द्वारा किसी भी व्यक्ति/ लोगों को आहता संचालित करने हेतु लाइसेंस प्रदान नहीं किया गया है और ना ही वर्ष 2022- 23 की आबकारी नीति में आहता संचालन करने हेतु लाइसेंस प्रदान करने की प्रक्रिया और प्रावधान है।
अधिवक्ता विवेक तनावनी ने कहा आबकारी विभाग की बात माने तो ऐसे स्थिति में आखिर शहर भर में जो आहतें खुलेआम संचालित हो रहा है और शराब परोसने का काम किया जा रहा है उन लोगों को किसने लाइसेंस दिया है ? किसके अनुमति से सरकार की आबकारी नीति के विरुद्ध आहतें संचालित की जा रही है ? कुल मिलाकर इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि विभाग के लोगों के साथ सांठगांठ किए बिना अवैध रूप से यह आहतें संचालित नहीं हो सकती है।
अधिवक्ता विवेक तनवानी ने कहा अवैध आहतें के कारण शहर में अपराध बढ़े हैं, शासन के राजस्व का लाखों करोड़ों रूपयों की भी हानि हो रही है और खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा हो रहा है। इसलिए जल्द ही हमारे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में शहर भर में अवैध रूप से संचालित आहतें को बंद कराने याचिका प्रस्तुत की जाएगी।
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