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रीनू ठाकुर, सहायक जनसम्पर्क अधिकारी का विशेष लेख

रायपुर (khabargali) स्वच्छता दीदी हों या अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला महिलाओं ने फर्श से अर्श तक हर क्षेत्र में खुद को साबित किया है। महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम लहरा रही हैं। कालान्तर से पड़ी लैंगिक असमानता की बेडि़या अब धीरे-धीरे टूटती जा रही हैं, लेकिन कई क्षेत्रों अभी भी महिलाओं को अधिक अधिकार सपन्न बनाये जाने की जरूरत है। सही अर्थों में महिला सशक्तिकरण उस दिन होगा, जब महिलाएं बिना किसी दबाव के स्वयं से जुड़े निर्णय लेने के लिए सक्षम और योग्य बन सकें। इसके लिए छत्तीसगढ़