ट्रेनों को सही समय से चलाना

संसद की गरिमा विहीन होते देख देश के नागरिक दुखी हैं। आखिरकार जनसमस्याओं को नजरअंदाज कर संसद के कीमती समय को क्यों बर्बाद कर रहे हैं जनप्रतिनिधि। इसे लेकर आम लोगों में शिकायत बढ़ती जा रही है।