चेन्नई (khabargali) पूर्व केंद्रीय मंत्री और DMK से लोकसभा सांसद ए. राजा ने सनातन धर्म को लेकर बेहद ही विवादित बयान दिया है। UPA सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके ए. राजा ने एक सभा में कथित तौर पर सनातन धर्म की तुलना HIV (एड्स) और कोढ़ यानी कुष्ठ रोग से की है। ए. राजा ने उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म को लेकर की गई टिप्पणी को मामूली बताया और कहा कि यदि आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कड़ी टिप्पणी करूंगा।’’ यहां तक कि ए. राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सनातन धर्म का पालन करने की वकालत करते हैं और यदि उन्होंने इसका पालन किया होता तो उन्होंने इतने सारे विदेशी देशों का दौरा नहीं किया होता। आइए जानते हैं क्या है ए. राजा का सनातन धर्म को लेकर कमेंट का पूरा मामला।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान केंद्रीय मंत्री रहे राजा ने बुधवार को कहा, ‘यदि सनातन धर्म पर घृणित शब्दों में टिप्पणी की जाये; एक समय कुष्ठ रोग और एचआईवी को कलंक माना जाता था और जहां तक हमारा सवाल है, इसे (सनातन) एचआईवी और कुष्ठ रोग की तरह माना जाना चाहिए जिस पर सामाजिक कलंक था।’
उन्होंने कहा, ‘उदयनिधि की टिप्पणी मामूली थी और यदि आप मुझसे पूछेंगे तो मैं कड़ी टिप्पणी करूंगा।’ राजा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सनातन धर्म का पालन करने की वकालत करते हैं और यदि उन्होंने इसका पालन किया होता, तो उन्होंने इतने सारे विदेशी देशों का दौरा नहीं किया होता। राजा ने कहा, ‘एक अच्छे हिंदू को समुद्र पार करके दूसरे देश में नहीं जाना चाहिए। आपका (मोदी) काम जगह-जगह जाना है।’ उन्होंने कहा कि मोदी ने सनातन धर्म के सिद्धांतों का उल्लंघन किया और विदेशों का दौरा किया और अब वह इसकी रक्षा करने का दावा कर रहे हैं जो एक धोखा है। द्रमुक के वरिष्ठ नेता ने मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली में शंकरार्चायों की उपस्थिति में वर्णाश्रम और सनातन धर्म पर बहस करने की अपनी चुनौती दोहराई।
कांग्रेस ने ए राजा की टिप्पणी से असहमति जताई
कांग्रेस ने ए राजा की सनातन धर्म से संबंधित कथित विवादित टिप्पणी से असहमति जताते हुए कहा कि वह सर्वधर्म समभाव में विश्वास करती है और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सभी घटक दल सभी धर्मों का सम्मान करते हैं। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से पहले भी कह चुके हैं और फिर दोहरा रहे हैं कि हम इस तरह की टिप्पणियों के साथ नहीं हैं। कांग्रेस का हर धर्म और सोच को साथ लेकर चलने का इतिहास रहा है। हम सर्वधर्म समभाव में विश्वास करते हैं। कांग्रेस समझती है कि यह देश सतरंगी देश है जहां सबका एक स्थान है। किसी को कम दिखाना और किसी को ज्यादा दिखाना, न तो संविधान इसकी अनुमति देता है, न ही कांग्रेस की ऐसी परंपरा है। इसलिए हम ऐसी टिप्पणियों से सहमत नहीं हैं।’
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