बांग्लादेश में हो रहे हिन्दूओं के नरसंहार के खिलाफ छत्तीसगढ़ के 32 जिलों में 5 लाख से अधिक लोग 14 अगस्त को निकालेंगे आक्रोश रैली

More than 5 lakh people will take out an outrage rally on August 14 in 32 districts of Chhattisgarh against the genocide of Hindus in Bangladesh, Sarva Sanatani Samaj Raipur, Chhattisgarh, Sarva Sanatani Hindu Front's call, call to make the rally a success to protest against the violence happening with Hindus, Buddhists and other minority communities in Bangladesh, Khabargali

सर्व सनातनी हिंदू फ्रंट का आह्वान, रैली को सफल बनाने का आह्वान

कई संगठनों ने दिया आक्रोश रैली को समर्थन

प्रमुख मांगो के साथ राज्यपाल को सौंपा जाएगा ज्ञापन

रायपुर (khabargali) बांग्लादेश में हो रहे हिंदूओं के नरसंहार के विरोध में और रोहिंग्या व बांग्लादेशी जिहादियों को देश से बाहर निकालने के लिए आक्रोश रैली का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्यपाल श्री रमेन डेका को ज्ञापन भी सौंपा जाएगा। राजधानी रायपुर में 14 अगस्त बुधवार को दोपहर 2 बजे से तेलीबांधा तालाब से रैली प्रारम्भ होगी। छत्तीसगढ़ के 32 जिलों में 5 लाख से अधिक लोग कल करेंगे आक्रोश रैली का आयोजन । कई संगठनों ने आक्रोश रैली को अपना समर्थन दिया है।

विगत कुछ दिनों से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के आंदोलन के दौरान हिंदू, बौद्ध तथा वहाँ के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के साथ हो रही हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।   बांग्लादेश में हिंदू तथा अन्य अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की लक्षित हत्या, लूटपाट, आगज़नी, महिलाओं के साथ जघन्य अपराध तथा मंदिर जैसे श्रद्धास्थानों पर हमले जैसी क्रूरता असहनीय है, तथा सर्व सनातनी समाज इसकी घोर निंदा करता है।   बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अपेक्षा है कि वह तुरंत सख़्ती से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाये और पीड़ितों के जान, माल व मान के रक्षा की समुचित व्यवस्था करे। इस गंभीर समय में विश्व समुदाय तथा भारत के सभी राजनीतिक दलों से भी अनुरोध है कि बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार बने हिंदू, बौद्ध, ईसाई इत्यादि समुदायों के साथ एकजुट होकर खड़े हों।

राज्यपाल के ज्ञापन के प्रमुख बिंदु/मांग

रायपुर में आक्रोश रैली के बाद छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री रमेन डेका को ज्ञापन दिया जाएगा। ज्ञापन के प्रमुख बिंदु/मांग हैं-

1. भारत सरकार बांग्लादेश पर तत्काल प्रभाव से आर्थिक प्रतिबंध (Economic Sanctions) लगाएं। ज्ञात हो कि बांग्लादेश का सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट भारत को होता है।

2. भारत सरकार यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल, यूरोपीय यूनियन एवं समस्त ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन में यह मुद्दा तुरंत उठाएं।

3. बांग्लादेशी हिंदुओं की स्थिति पर नजर रखने एवं उन्हें हर प्रकार की सुरक्षा मुहैया कराने हेतु भारत सरकार WAR ROON (वार रूम) की स्थापना करें।

 4 .समस्त बांग्लादेशी हिंदुओं की पूर्ण सुरक्षा बांग्लादेश सरकार निश्चित करें और यदि 24 घंटे के अंदर बांग्लादेश सरकार ऐसा नहीं कर पाती है तो भारत सरकार उन्हें गंभीर परिणाम की चेतावनी दे।

5. बांग्लादेश के हिंदुओं को ससम्मान भारत मे बसाया जाय ।

6 . रोहिंग्या एवम बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकाला जाए ।

7. देश में समान नागरिकता कानून UCC लागू किया जाए।

8. प्रदेश में धर्मांतरण के विरुद्ध सख्त कानून लागू किया जाए।

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक उत्पीड़न पर कुछ बिंदु:

 1. बांग्लादेश कभी भारत का अभिन्न हिस्सा था।

2. बांग्लादेश और भारत एक अभिन्न मित्र हैं उनको अलग नहीं किया जा सकता।

3. बांग्लादेश के विकास और समृद्धि में वहां के अल्पसंख्यकों का भी बहुत बड़ा योगदान है।

4. बांग्लादेश के लोगों का गुस्सा आरक्षण व सरकार के प्रति था तो, वहां के निर्दोष अल्पसंख्यकों पर अत्याचार क्यों?

5. इस्कॉन जैसी संस्था, जो वर्षों से वहां के लाखों लोगों को निशुल्क भोजन करा रही है, उसके भी मंदिरों को जलाने के पीछे आख़िर कौन सी मानसिकता है?

6. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के घर, दुकान, मकान, कारखाने, व्यावसायिक प्रतिष्ठान तथा मन्दिरों पर अमानवीय हमले क्यों ?

7. विश्व भर के अल्पसंख्यकवादी और मानवाधिकारों के अलंबरदार, बांग्लादेश की घटना पर चुप क्यों हैं?

8. भारत में हिंदू मुस्लिम भाईचारे का राग अलापने वाले कथित मुस्लिम बुद्धिजीवी व उनसे जुड़ी संस्थाएं जैसे दारुल उलूम देवबंद, जमीयत उलमा ए हिन्द तथा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इन घटनाओं पर चुप्पी आश्चर्य जनक?

9 कहां हैं वैश्विक सिविल सोसाइटी तथा यूएनएचआरसी के लोग?

10. हमास के लिए रोने वाले और फिलिस्तीन का झंडा लहराने वाले बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न पर मौन क्यों हैं?

11. 'ऑल आइज ऑन राफा' का कैंपेन चलाने वालों को अब 'ऑल आइज ओन बांग्लादेशी हिंदू' कहने से गुरेज क्यों ?

12. बात चाहे 1947 की हो या 1971 की या फिर 2024 की, निशाने पर सिर्फ हिंदू समाज ही क्यों?

13. अराजक प्रदर्शनकारियों के निशाने पर हिंदू किन्तु, सेना व संवैधानिक संस्थाएं तमाशबीन?

14. 21 हजार पुस्तकों से भरे इंदिरा गांधी कल्चरल सेंटर को जलाने पर भी मुस्लिम बुद्धिजीवी मौन क्यों?

15. वरिष्ठ नेता व महिला प्रधानमन्त्री के अंग वस्त्रों तक की प्रदर्शनी लगाने पर भी दुनियाभर के कथित फेमिनिस्टों के होठ सील क्यों?

16. प्रदर्शनकारी हमलावर मुसलमान, पुलिस प्रशासन व शासन में मुसलमान, सरकार मुसलमानों की, कोर्ट मुसलमानों का लेकिन हमले हिन्दुओं पर क्यों?

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