बड़ी खबर : कानून में आने वाले हैं ये 15 बड़े बदलाव

These 15 major changes are going to come in the law, hanging of a person convicted of raping a minor, abolition of sedition law, Amit Shah introduced three new bills in the Lok Sabha by repealing the laws related to the British legislative process, khabargali

नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को फांसी, देशद्रोह कानून का खात्मा

अमित शाह ने लोकसभा में अंंग्रेजों के विधान प्रक्रिया से जुड़े कानूनों को रद्द करके तीन नए विधेयक किए पेश

नई दिल्ली (khabargali) लोकसभा में चल रहे मानसून सत्र के आखिरी दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कानून संबंधित तीन विधेयक पेश किये हैं। जिसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 बिल, भारती नागरिक सुरक्षा सहिंता, 2023 बिल और भारतीय साक्ष्य अधिनियम बिल शामिल हैं। अमित शाह ने कहा, ‘इन तीनों बिलों को स्टैंडिंग कमेटी में भेजी जाएगी। इसके अलावा उन्होंने कहा, ‘आजादी के अमृतकाल की शुरुआत हो चुकी है. पुराने कानून में केवल सजा थी। अंग्रेजों के तीनों कानून बदलेंगे। पुराने कानून में बदलाव के लिए बिल पेश किया गया है।’

अमित शाह ने कहा, ‘इस नए बिल के साथ आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट खत्म हो जाएंगे। नए कानून का मकसद इंसाफ देना होगा। महिलाओं और बच्चों को न्याय मिलेगा।’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के प्रण के अनुरूप इन विधेयकों को लाया गया है जो जनता के लिए न्याय प्रणाली को सुगम और सरल बनाएंगे।

कानून में आने वाले हैं ये 15 बड़े बदलाव

1. देशद्रोह जैसे कानून निरस्त करने जा रही है सरकार

2. दोषसिद्धि की दर को 90 प्रतिशत से ज्यादा किया जाएगा।

3. सात साल से ज्यादा की सजा वाले जुर्म में अपराध स्थल पर फोरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा। हर जिले में तीन चल फोरेंसिक दल तैनात करने का विचार

4. पहली बार छोटे-मोटे अपराधों के लिए दी जाने वाली सजाओं में सामुदायिक सेवा भी शामिल

5. नए विधेयक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले से दोषियों को फांसी भी

6. 18 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ यौन शोषण मामले में मौत की सजा का प्रावधान जोड़ा जाएगा

7. 120 दिनों की एक तय सीमा में सरकारी कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी जाएगी

8. वकील, पुलिस, न्याय करने वालों को भी जवाबदेह रखा गया, महिलाओं, बच्चों के लिए विशेष प्रावधान

9. तलाशी और जब्ती में वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी तथा पुलिस द्वारा ऐसी रिकार्डिंग के बिना दर्ज आरोप पत्र मान्य नहीं होगा

10. घोषित अपराधियों की संपत्ति की कुर्क की जाएगी और संगठित अपराध में कठोर सजा का प्रावधान रहेगा

11. यौन हिंसा के मामलों में पीडि़त का बयान और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी

12. सात साल या अधिक कारावास की सजा वाले अपराध के मामले में पीडि़त का पक्ष सुने बिना कोई सरकार मामले को वापस नहीं ले सकेगी

13. तीन साल तक की सजा वाली धाराओं का समरी ट्रायल होगा, इससे मामले की सुनवाई और फैसला जल्द आ जाएगा। 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच को समाप्त किया जाएगा। आरोप लगने के 30 दिन के भीतर न्यायाधीश को फैसला सुनाना होगा और इसे एक सप्ताह के अंदर ऑनलाइन अपलोड करना होगा

14. गलत पहचान बताकर यौन संबंध बनाने वालों को अपराध की श्रेणी में लाया जाएगा और सामूहिक बलात्कार के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास सुनाया जाएगा

15. सत्र अदालत जिसे भगोड़ा घोषित करेगी, उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा और सजा सुनाई जाएगी।’

अंग्रेजों के कानून का मकसद दंड देना था, न्याय करना नहीं : अमित शाह

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में ही हम सबका मार्गदर्शन किया था कि अंग्रेजों के बनाए हुए जितने भी कानून हैं उन पर सोच-विचार और चर्चा करके उन्हें आज के समय के अनुरूप और भारतीय समाज के हित में बनाया जाना चाहिए। वहीं से ये प्रक्रिया शुरू हुई।’’ शाह ने कहा कि ये कानून अंग्रेज शासन को मजबूत करने एवं उनकी रक्षा के लिए उन्होंने बनाए थे। उन्होंने कहा कि इनका उद्देश्य दंड देना था, न्याय देना नहीं था।

गृह मंत्री ने कहा कि सरकार लंबे विचार-विमर्श और मंथन के बाद तीनों नये विधेयक लेकर आई है और इनके माध्यम से भारत के नागरिकों को संविधान में प्रदत्त सारे अधिकारों का संरक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आईपीसी में मनुष्य की हत्या से संबंधित अपराध धारा 302 के तहत दर्ज था, जबकि शासन के अधिकारी पर हमला, खजाने की लूट जैसे अपराधों को पहले दर्ज किया गया था।

शाह ने कहा, ‘‘हम इस सोच को बदल रहे हैं। नये कानून में सबसे पहला अध्याय महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध से संबंधित होगा और दूसरे अध्याय में मनुष्य हत्या के अपराध से जुड़े प्रावधान होंगे।’’ उन्होंने बताया कि नये कानून में ‘मॉब लिचिंग (भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या)’ के लिए सात साल या आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने राजद्रोह पर कानून बनाया था लेकिन हम राजद्रोह के कानून को पूरी तरह समाप्त करने जा रहे हैं। शाह ने कहा कि भगोड़े आरोपियों की अनुपस्थिति में उन पर मुकदमा चलाने का ऐतिहासिक निर्णय भी लिया गया है।

उन्होंने कहा कि कई मामलों में दाऊद इब्राहिम वांछित है, वह देश छोड़कर भाग गया, लेकिन उस पर मुकदमा नहीं चल सकता। शाह ने कहा, ‘‘ आज हमने तय किया है कि सत्र अदालत जिसे भगोड़ा घोषित करेगी, उसकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा और सजा सुनाई जाएगी।’’ विधेयकों को पेश किये जाने के दौरान कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट किया।