बड़ी खबर: लॉकडाउन अवधि में फीस को लेकर देश भर में पालकों का हंगामा..

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बिलासपुर में सिटी मजिस्ट्रेट से भिड़ गए पालक, रायपुर के स्कूल गेट में पोस्टर लगा कर लिखा - कोई भी फीस नहीं देगा

अब राज्यपाल, सीएम का दरवाजा खटखटाएंगे पालक संघ के लोग

पालकों ने अभियान के तहत वाट्सअप ग्रुप बनाया

रायपुर (khabargali) कोरोना काल मे जहाँ मार्च से अब तक स्कूल लगातार बन्द है लोगो के काम धाम छूट गए है और वे गंभीर आर्थिक संकट से घिरे हैं ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन द्वारा लगातार दबाव बना कर पूरे साल भर को फीस मांगी जा रही है । नतीज़न देश भर में लॉकडाउन अवधि की स्कूलों द्वारा फीस मांगने को लेकर कुछ दिनों से लगातार स्कूल प्रबंधन और पालकों के बीच विवाद और हंगामे की खबर आ रही है। अभिभावकों ने कहा जब हाई कोर्ट का विशेष आर्डर है कि कोई भी स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा कोई फीस नही लगा तो उसके बाद भी स्कूल प्रबंधन द्वारा हाई कोर्ट ओर बार बार शासन के आदेशों की अवहेलना की जा रही है ।

छत्तीसगढ़ में भी पालक और प्रबंधन में टकराव

छत्तीसगढ़ की बात करें तो आज बिलासपुर और रायपुर शहर पालक प्रशासनिक अफसरों और स्कूल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते दिखे । बिलासपुर में प्राइवेट स्कूल में अपने बच्चे को पढ़ा रहे पालक कलेक्टोरेट में जमा हो गए। हाथों में फीस का दबाव ना बनाने जैसे नारे लिखे तख्तियां लेकर लोग पहुंचे। सभी ने अपर कलेक्टर डीएस उइके से मिलने की मांग रखी। कहा- बीते साल प्राइवेट स्कूल की मनमानी पर नियंत्रण का जो आदेश दिया था, उस पर आज तक अमल नहीं हुआ। दूसरी तरफ लॉकडाउन अवधि में फीस देने का दबाव स्कूल बना रहे। करीब 6 घंटे तक पालकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। खबर है कि सिटी मजिस्ट्रेट पंकज डहरे से पालक भिड़ गए, अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। शाम हो जाने की वजह से परिजन घरों को लौट गए। जल्द परिजन यहां दोबारा प्रदर्शन के लिए जमा हो सकते हैं।

राजधानी के सभी निजी स्कूलों में हंगामा

राजधानी रायपुर के लगभग सभी निजी स्कूलों में फीस को लेकर पालकों और स्कूल के बीच टकराव की स्थिति निर्मित हो रही है। देशबंधु स्कूल, बैनर बाजार और कापा इलाके के होली क्रॉस स्कूल, मोवा ,आदर्श स्कूल आदि में बड़ी तादाद में परिजन पहुंचे। अभिभावकों ने बताया कि हाई कोर्ट ने प्राइवेट स्कूल को ट्यूशन फीस लेने कहा था, मगर स्कूल जैसे पिछले सालों में फीस वसूलते थे, वैसे ही पूरे पैसे मांग रहे हैं, जबकि सिर्फ ऑनलाइन क्लास चल रही है। स्कूलों का कोई संसाधन इस्तेमाल नहीं हो रहा।

स्कूल के गेट पर पालकों ने लगाया पोस्टर

राजधानी के आदर्श स्कूल के पालकों ने मुख्य द्वार पर पोस्टर लगा दिया है। वहां के पालकों ने कहा कि हमारी माली हालत ठीक नहीं, इसलिए हमनें फीस में रियायत की मांग की मगर स्कूल प्रबंधन सुनने को तैयार नहीं है। अब इन स्कूलों के गेट पर हमने पोस्टर लगा दिया है कि कोई भी पालक फीस के पैसे नहीं देगा। मंगलवार को हम, राज्यपाल, और मुख्यमंत्री से मिलेंगे। इन स्कूलों की शिकायत कलेक्टर से भी करेंगे।

शिक्षा मंत्री सहित अधिकारियों के आदेश की अवहेलना

पालकों ने कहा कि हमने शिक्षा मंत्री जी प्रेम साय टेकाम जी,महापौर एजाज ढेबर,विद्यायक सत्य नारायण शर्मा,संसदीय सचिव विकास उपाध्याय,कुलदीप जुनेजा ने डीइओ चंद्राकर जी से बात कर स्कूल की मनमानी रोकने कहा डीईओ ने तत्काल स्कूल प्रबंधन से बात कर उन्हें साफ शब्दों में कहा कि अभिभावकों पर किसी प्रकार का दबाव न बनाये। अभिभावकों ने ख़बरगली से कहा कि शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में विधायक पारित कर कहा था कि समिति बनाई जाए उसमें अभिभावकों को लिया जाए और आपसी सहमति से विचार विमर्श कर जितने दिन स्कूल लगेगी उतने दिन की फीस ली जाए इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन मानने को तैयार नही है। अभिभावकों ने कहा कि अगर स्कूल जिद पर अड़ा है तो हम सभी अभिभावक विरोध के रूप में धरने पर बैठने को तैयार है । इस कोरोना काल मे हमारे पास काम धाम नही है पूरी साल भर की फीस कैसे ओर कहा से दे।

पालकों का वाट्सअप ग्रुप बना

ख़बरगली की पड़ताल में पता चला कि लगभग सभी निजी स्कूलों के पालकों ने आपस में जुड़ने और फीस के खिलाफ अभियान जारी रखने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। जिसमें सभी पालक अपने विचार रख रहें है और कई सक्रिय पालक स्कूल फीस को लेकर खबरों और सूचनाएं उसमें पोस्ट कर रहे हैं।

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