उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बोले - ‘नींव उखाड़ फेंकेंगे’
MLA हुमांयू कबीर का नया दावा- “अस्पताल, मेडिकल कॉलेज भी बनाएंगे”
मुर्शिदाबाद (खबरगली) पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद शिलान्यास के बाद एक और विवादास्पद बयान दिया है। कबीर ने दावा किया कि बेलडांगा में मस्जिद निर्माण के साथ ही वे कई बड़े इस्लामिक प्रोजेक्ट शुरू करेंगे, जिसमें इस्लामिक अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, होटल-कम-रेस्तरां, पार्क और हेलीपैड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय का समर्थन उनकी ताकत है और यह 300 करोड़ रुपये का मेगा प्रोजेक्ट होगा, जिसमें स्थानीय लोग बड़ा योगदान दे रहे हैं।
300 करोड़ का ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’, रोजगार और सुविधाओं का वादा
कबीर ने शिलान्यास के बाद कहा, “यह मस्जिद के साथ अस्पताल और मेडिकल कॉलेज बनेगा, जिससे हजारों लोगों को रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। यह धार्मिक परियोजना नहीं, बल्कि सामाजिक जरूरत है। क्षेत्र इस्लामिक संस्थानों का नया केंद्र बनेगा।” उन्होंने चरणबद्ध तरीके से प्रोजेक्ट पूरा करने का ऐलान किया। कबीर का दावा है कि यह ‘मुस्लिमों की प्रतिष्ठा की लड़ाई’ है और 1992 के बाबरी विध्वंस की ‘भावनात्मक क्षतिपूर्ति’। कार्यक्रम में 20,000 से अधिक लोग शामिल हुए, 40,000 बिरयानी परोसी गई और सऊदी धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया गया।
शिलान्यास पर विवाद भड़का, टीएमसी ने निलंबित किया
6 दिसंबर को बेलडांगा में ‘बाबरी मस्जिद स्टाइल’ मस्जिद का शिलान्यास होते ही राजनीति गरम हो गई। टीएमसी ने कबीर को ‘सांप्रदायिक राजनीति’ के आरोप में निलंबित कर दिया। कबीर ने कहा, “मुझे जनता का समर्थन है, मैं पीछे नहीं हटूंगा। मुस्लिम समाज का ऐतिहासिक समर्थन मिल रहा है।” उन्होंने ममता बनर्जी पर ‘मुस्लिम विरोधी’ होने का आरोप लगाया और 22 दिसंबर को नई पार्टी बनाने का ऐलान किया। कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया, जिसके तहत 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए गए।
यूपी डिप्टी सीएम का तीखा प्रहार
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कबीर के बयान पर तंज कसते हुए कहा, “टीएमसी ड्रामा कर रही है। बंगाल में बीजेपी की सरकार बनी तो इस नींव को उखाड़ फेंकेंगे।” बीजेपी ने इसे ‘वोट बैंक राजनीति’ करार दिया, जबकि टीएमसी ने कबीर को ‘बीजेपी का एजेंट’ बताया। मुर्शिदाबाद (67% मुस्लिम आबादी) में तनाव बढ़ गया है। कबीर का यह कदम 2026 विधानसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है। अब देखना है कि प्रोजेक्ट पर क्या होता है।
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