BIG BREAK: कोरोना चिकित्सा संबंधित सामानों व उपकरणों की जम कर हो रही कालाबाजारी, शासन प्रशासन मौन: डॉ.सोलंकी

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2800 रुपए का रेमडेसिवीर (Remdesvir ) इंजेक्शन 9000/- रुपए में बेचा जा रहा है

आईसीयू में प्रयुक्त होने वाले 4 लाख के मूल्य वाले वेंटिलेटर को 12 लाख में बेचा जा रहा है

तीन रुपए जोड़ी में मिलने वाला Gloves 10 से ₹15 में बिक रहा है

रायपुर (khabargali) जैसे-जैसे कोरोना की तीव्रता बढ़ती जा रही है वैसे वैसे इलाज में लगने वाली वस्तुओं की मांग बढ़ती जा रही है। मांग के साथ साथ इनके दाम भी व्यापारी एवं कंपनियां बढ़ाती जा रही है। ख़बरगली को एक मरीज के परिजन ने बताया कि कोरोना के इलाज में बेहद आवश्यक इंजेक्शन रेमडेसिवीर ( Remdesvir ) जिसका सही मूल्य 2800/-रुपए है को राजधानी के एक बड़े मेडिकल स्टोर्स में 9000/- रुपए में दिया गया। मूल्य को लेकर विरोध करने पर मेडिकल स्टोर्स से कहा गया कि लेना है तो 9000/- रुपए ही देने होंगे। जबकि नियमानुसार इस इंजेक्शन को लेने के लिए मरीज के इलाज की पर्ची उसका पैन कार्ड की प्रतिलिपि भी मेडिकल स्टोर्स से मांगी जाती है। इस दवा का उपयोग सिर्फ इमरजेंसी की स्थिति में किया जा रहा है। अब जब इस जानलेवा महामारी को लेकर लोग वैसे ही ख़ौफ़ में हैं तो वे मजबूरन दवा तीन गुना लेने में विवश हो रहे हैं।

वहीं छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के संयोजक डॉ कुलदीप सोलंकी ने ख़बरगली को चौंकाने वाले तथ्यों से अवगत कराया। डॉ सोलंकी ने बताया कि कोरोना काल के शुरुआती दौर में सैनिटाइजर एवं मास्क की जमकर कालाबाजारी हुई तथा एक डेढ़ रुपए का मास्क व्यापारी लोगों ने 10 -10 से 15- पंद्रह रुपए में बेचा।

यही हाल अभी इलाज में प्रयुक्त होने वाले साधारण gloves का किया जा रहा है। वह तीन रुपए जोड़ी में मिलने वाला Gloves आज 10 से ₹15 में अस्पतालों को मुहैया हो रहा है। जिसकी मुख्य वजह कालाबाजारी है ।

डॉ सोलंकी ने बताया कि यही स्थिति आईसीयू में प्रयुक्त होने वाले वेंटिलेटर की हो गई है। विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों ने चार लाख का वेंटिलेटर 12 लाख में बेचना शुरू कर दिया है तथा उसमें भी तीन से चार हफ्तों की वेटिंग बता रहे हैं। क्योंकि कोविड-19 के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं अतः नए बेड, मॉनिटर पंप इत्यादि की आवश्यकता बढ़ गई है इन सबके भी रेट कंपनियों ने रातो रात बढ़ा दिए हैं ।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि उक्त चिकित्सा संबंधित सामानों व उपकरणों की कालाबाजारी करने वाले लोगों पर जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई करें।

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