छत्तीसगढ़ राज्य के संघर्ष पुरुष और प्रणेता दाऊ आनंद अग्रवाल घोर बदहाली में

Daau anand agarwal khabargali

रायपुर (khabargali ) छत्तीसगढ़ राज्य के संघर्ष पुरुष और प्रणेता दाऊ आनंद अग्रवाल जी, घोर बदहाली और फ़कीरी में जीने में मजबूर है।कांग्रेस सरकार ने मीसा बंदियों का पेंसन बंद करने से बुजर्गो की स्थिति काफी नाजुक है, वहीं दाऊ आनंद अग्रवाल की तो विचारणीय हालत हो गई है जिन्होंने अपना सर्वस्य जीवन धन सृजनशील छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना और निर्माण के लिए समर्पित किया और 1974 से दिल्ली, भोपाल, और रायपुर में निरंतर और अखंड धरना देकर राज्य निर्माण की मांग की ।

गौरतलब है कि मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के जीवित संघर्षशील पुरषो में दाऊ जी ही है, और इनका समर्पण अद्वितीय है, जिन्हें सरकार और समाज से सम्मान और सुविधा मिलनी चाहियें, वो आज फटेहाली में जीवन जीने मजबूर है। आपको बता दें कि रायपुर के कुकुर बड़ा में वर्तमान निवासरत और पर आश्रित दाऊ आनंद सरकार(वर्तमान)द्वारा पूरी उपेक्षा का जीता जागता चित्रण और उदाहरण है।

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