कायस्थों पर भारत के 21 राज्यों में किया गया एक सामुदायिक अनुसंधान जिसमें उनकी उत्पत्ति, इतिहास, प्रवासन, पौराणिक कथा, उप-जातियां, व्यंजन जैसे सभी विषय के विवरण शामिल
नई दिल्ली (khabargali) कायस्थों की गौरवशाली विरासत को संरक्षित करने का इरादा रखती '' कायस्थ- एक एनसाइक्लोपीडिया अनकही कहानियों का'' नामक पुस्तक का प्रकाशन हुआ है। प्रकाशन के पहले ही पुस्तक ने अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, जापान, सिंगापुर, आस्ट्रेलिया, यूएई और भारत के लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। अंग्रेजी और हिंदी में प्रकाशित हो चुकी अपनी तरह की यह पहली पुस्तक है जो भारत के 21 राज्यों में किए गए अनुसंधान का परिणाम है। यह पुस्तक एक सामुदायिक अध्ययन है और यह कई शताब्दियों में फैली यह एक हार्ड-बाउंड पुस्तक है, जो समृद्ध पाठ्य सामग्री, अद्भुत छवियों, और चित्रों के साथ 400 पृष्ठों में भारत के कायस्थ समुदाय के सभी रंगों को यह पुस्तक कैनवास पर उतारती है। पुस्तक के लेखक उदय सहाय हैं जो स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा के प्राधिकारी रह चुके हैं। अमेरिका के क्वीवलैंड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में सेवारत डाॅ. पूनम बाला इस पुस्तक की सहायक लेखिका हैं। पुस्तक का हिंदी में अनुवाद गांधी हिंदी संस्थान के वर्तमान सचिव और प्रतिष्ठित पत्रकार, अशोक कुमार द्वारा किया गया है। इस इनसाईक्लोपीडीया की एक प्रति की कीमत रु 3000 है।
पुस्तक के बारे में
पुस्तक में 13 अध्याय हैं, जिसमें कायस्थों की कानूनी स्थिति, पौराणिक कथा, इतिहास, उप-जाति, राज्य की उपस्थिति, अंतरराज्यीय प्रवास, लिपि, भोजन, पहचान के प्रतीक, सांस्कृतिक प्रथाएं, मंदिर, त्योहार, अनुष्ठान आदि शामिल हैं। यह पुस्तक 21 राज्यों और भारत में एक केंद्र शासित प्रदेश में कायस्थों का पहला सामुदायिक अध्ययन है, जिस पर 2 वर्षों में शोध किया गया है, और इसका उद्देश्य उनकी पहचान को फिर से देखना और उनके तीन प्रकार – चित्रगुप्तवंशीय, चंद्रसेनिया और चित्रसेनित्य – की गौरवशाली सदियों की विरासत को संरक्षित करना है। यह 2500 वर्षों में उनके अंतरराज्यीय प्रवास को सामने लाता है, जिनमें से अधिकांश स्मृति को वे भूल गए हैं। यह चित्रगुप्त मंदिर सर्किट और प्रमुख सूर्य मंदिरों के साथ-साथ उनके भव्य आख्यानों की भी खोज करता है। 400 पृष्ठों में, भारत के कायस्थ समुदाय के सभी रंगों को यह कायस्थ एनसाइक्लोपीडिया एक कैनवास पर उतारता है, जिसमें उनका इतिहास, प्रवासन, पौराणिक कथा, उप-जातियां, व्यंजन, और अन्य सभी विषय के विवरण शामिल है। कायस्थ समुदाय को मोटे तौर पर तीन प्रकारों में बांटा गया है, एक, उत्तर भारत के हिंदी भाषी और दक्षिण राज्यों में चित्रगुप्तवंशीय कायस्थ, दो, चंद्रसेनिया कायस्थ जो महाराष्ट्, मध्य प्रदेश और गुजरात में फैले हैं, और तीसरे बंगाल, असम, त्रिपुरा और ओड़िसा के चित्रसेनिय कायस्थ। कायस्थ केवल प्रशासक और मुनीम नही रहे। उन्होने स्रोताओं को प्राचीन और प्रारंभिक मध्यकालीन भारत के पराक्रमी कायस्थ राजाओं के बारे में बताया जो कश्मीर से तमिलनाडु और गुजरात से महाराष्टृ, और बंगाल से लेकर असम तक एक माला की तरह गुथे हुए थे। चाहे देश की आजादी की लड़ाई हो या फिर देश के लिए नया संविधान लागू करने का सवाल हो अथवा आजादी के बाद नए भारत के निर्माण का प्रश्न हो या फिर देश में तानाशाही पूर्ण शासन को समाप्त करने के लिए 1974 का आंदोलन ही क्यों ना हो सभी में कायस्थ के वीरों, महापुरुषों, प्रतिभा संपन्न मेधावी चित्रगुप्त वंशजों का अप्रतिम योगदान रहा है। कायस्थों के गौरवशाली विरासत और उसके अतीत से वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को अवगत कराने में कायस्थ इनसाइक्लोपीडिया कामयाब होगी।
लेखक के बारे में
उदय सहाय
श्री उदय भारत के अग्रणी संवाद सलाहकारों में एक है, जिनकी विशेषज्ञता ‘गंतव्य ब्रांडिंग’ है। वह ONGC, UIDAI, DIMTS, LBSIM, IHD, भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय सहित अन्य संगठनों के संवाद सलाहकार रह चुके हैं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित मीडिया पर उनकी सम्पादित किताब ‘मेकिंग न्यूज’ 2007 की ‘बेस्ट सेलर’ बनी। दिल्ली, अरुणाचल, गया, बोध गया, और कुम्भ पर चर्चित अन्य किताबों के बाद यह उनकी आठवीं किताब है। देश, विदेश में उनकी फोटोग्राफी प्रदर्शनियां लगीं। ‘दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनाॅमिक्स’ और ‘जेएनयू’ में समाज शास्त्र की शिक्षा पाई। सामाजिक स्तर पर अभी वह ‘अखिल भारतीय कायस्थ महासभा’ के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष है।
पूनम बाला
Ph.D.(समाजशास्त्र, यूके), पूर्व विजिटिंग प्रोफेसर, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और प्रोफेसर एमिटी यूनिवर्सिटी। वर्तमान में क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी में विजिटिंग स्काॅलर और नामित फैलो, UNISA (दक्षिण अफ्रीका) उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग से लंदन और एडिनबर्ग विश्वविद्यालयों में पोस्ट-डाॅक्टरल शोध के साथ डाॅक्टरेट की उपाधि प्राप्त की और जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका का और ग्रीस में विजिटिंग प्रोफेसर रहीं। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित डाॅ उपेंद्रनाथ ब्रह्मचारी एंडाॅवमेंट लेक्चर (बर्दवान) में व्याख्यान दिया। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनाॅमिक्स, अमेरिका, कनाडा में संस्थानों में पढ़ाया। उनका पुस्तक लेखन और प्रकाशन का एक प्रतिष्ठित कैरियर है, जिसमें उनकी किताब ‘बंगाल में साम्राज्यवाद और चिकित्साः एक सामाजिक-ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (सेज), चिकित्सा और उपनिवेशवादः ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य भारत और दक्षिण अफ्रीका का (रूटलेज) प्रमुख है। वह प्राचीन यूनानी और भारतीय चिकित्सा (ग्रीस) पर पहले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के अध्यक्ष, और एशियाई भारतीय विरासत परियोजना (ओहियो) के संस्थापक सदस्य थीं।
मशहूर हस्तियों ने किया पूर्वावलोकन
पुस्तक का पूर्वावलोकन विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा किया गया, जैसे अमिताभ बच्चन, शत्रुघ्न सिन्हा, इतिहासकार एंजेला व्लाकॉट, अशोक विश्वविद्यालय के संस्थापक प्रमथ राज सिन्हा, जापान में भारत के राजदूत संजय कुमार वर्मा, पीपी श्रीवास्तव और मंजरी जरुहार जैसे प्रतिष्ठित सिविल सेवक शामिल हैं.
ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के विख्यात इतिहासकार, प्रोफेसर एंजेला वूलाकोट ने लिखा
यह पुस्तक कायस्थ समुदाय की अनकही कहानियों का विस्तृत और सुंदर चित्रण प्रस्तुत करती है। कायस्थों ने राजनीति और विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कानून, साहित्य और कला से लेकर विविध क्षेत्रों में भारतीय इतिहास और विरासत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पाठकों को बहुत रुचिकर लगेगी।
भारतीय सिनेमा और राजनीति के सदाबहार सुपर हीरो, शत्रुघ्न प्रसाद सिन्हा के विचार
बहुप्रतीक्षित पुस्तक ‘कायस्थ, एक एनसाइक्लोपीडिया अनकही कहानियों की’ में अस्तित्व के मुद्दों के साथ-साथ कायस्थ समुदाय के विरासत संरक्षण का प्रश्न भी शामिल हैं, जिसने भारतीय सभ्यता को एक से अधिक तरीकों से सींचा। दो अभूतपूर्व अंदरूनी प्रतिभाओं द्वारा तैयार किया गया एक सामुदायिक दस्तावेज, जिसमें क्षेत्र, भाषाओं और सभ्यता की यादों के विस्मरण के कारण बटे सदस्यों को एक सूत्र में बांधने की क्षमता है। मैं दोनों लेखकों को शुभकामना देता हूँ , खास तौर पर मुख्य लेखक उदय सहाय को, जिनकी पहचान विश्वसनीय और ईमानदार पूर्व आईपीएस की रही है।व्यक्तिगत तौर पर उनकी बौद्धिक हठधर्मिता का वर्षों मैं प्रशंसक भी रहा हूँ ।
जापान में भारत के वर्तमान राजदूत, महामहिम संजय कुमार वर्मा, IFS ने यह व्यक्त किया
यह किताब कायस्थ की उत्पत्ति, इतिहास और प्रवास पर अनादि काल से रोशनी डालती है तथा भारत की विविधता और समृद्धि को देखने के लिए एक खिड़की प्रदान करती है। इस तरह के महत्वपूर्ण समाजशास्त्रीय पदचिन्हों पर उपुक्त तथ्यों और सबूतों के साथ, “कायस्थ, एक एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ अनटोल्ड स्टोरीज” यह ‘ग्रेटर इंडिया’ के इतिहास को दर्शाता है, जिससे वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को कई सीख मिले।
भारतीय सिनेमा उद्योग के महानायक, अमिताभ बच्चन ने सराहा
अंग्रेजी और हिंदी दोनों में प्रकाशित “कायस्थ, एक एनसाइक्लोपीडिया अनकही कहानियों की” पुस्तक इतिहास के गलियारों में ले जाकर आपको भारत के निर्बाध अतीत और कायस्थ समुदाय की वर्तमान स्थिति से रूबरू कराती है। यह आध्यात्मिकता, शासन, प्रशासन, शिक्षा, कला और साहित्य से लेकर विज्ञान तक विभिन्न क्षेत्रों में कायस्थों की महत्वपूर्ण भूमिका का एक विश्वसनीय विवरण देती है। मैं इस पुस्तक की सफलता और मान्यता की कामना करता हूँ, जो उसकी योग्यता पर आधारित है पुस्तक के प्रमुख लेखक, उदय सहाय और इसकी सह-लेखिका, सुश्री पूनम सक्सेना को मेरी बधाई।
भारत में सर्वाधिक प्रतिष्ठित सिविल सेवकों में से एक, पी.पी. श्रीवास्तव, IAS ने यह टिप्पणी की
उदय सहाय की सराहनीय पहल और कायस्थ समुदाय द्वारा किए गए मूल्यवान, लेकिन अनकहे योगदान को खोजने, संकलित करने और प्रकाशित करने के लिए सुश्री पूनम बाला के साथ उनके निरंतर प्रयासों ने इस स्मारकीय प्रकाशन का नेतृत्व किया है। कायस्थ समुदाय हर काल में, भौतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक स्तर पर महान विचारकों और कर्ताओं के उत्पादन करने के लिए जाना जाता है। यह महान पुस्तक आने वाले समय में हमारी युवा पीढ़ियों को महिमा और एकता की बुलंदियों को छूने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
बिहार कैडर की पहली महिला IPS अधिकारी, मंजरी जरूआर ने लिखा
मैंने कायस्थों की समृद्ध विरासत पर इस विश्वकोश को संकलित करने के लिए उदय सहाय द्वारा की गई लंबी और कठिन यात्रा का बारीकी से परखा है। कायस्थ इतिहास के इतने सारे किस्में समेटने में उनका श्रमसाध्य प्रयास पूरे भारत और दुनिया में फैली कायस्थों की सभी भावी पीढ़ियों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत होगा। अपनी तरह का पहला, यह ईमानदार पुस्तक कायस्थों को यह जानने के लिए बाध्य करेगी कि हम कौन हैं, और शायद यह उन्हें अन्य पहलुओं को प्रकाश में लाने के लिए प्रोत्साहित करें।
निजी क्षेत्र में अग्रणी शिक्षाविदों में से एक, संस्थापक ‘अशोक विश्वविद्यालय,’ के प्रमथ राज सिन्हा ने यह प्रतिक्रिया दी
किसी ने एक बार मुझसे कहा था, “नेतृत्व कभी नहीं भूलता है कि आप कहा से आते हैं। “ बिहार में पलते-बढ़ते हुए, एक कायस्थ के रूप में नहीं पहचाना जाना मुश्किल था। स्पष्ट प्रभाव के अलावा, मुझे कभी नहीं पता था कि इसका गूढ़ मतलब क्या है। कायस्थ विश्वकोश उस अर्थ को खोजने के प्रयासरत दिखा। एक समुदाय, उसकी उत्त्पत्ति उसकी संस्कृति और उसके मूल्यों को क्या परिभाषित करता है? इसे समझने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि इसके इतिहास और इसके लोगों के बारे में जाना जाए। इस कार्य का निर्वाह यह संकलन बड़ी भव्यता और एकाग्रता से करता है।
पुस्तक कैसे खरीदें?
नीचे दी गई वेबसाइट के होम पेज पर जाएं और BUY Now बटन दबाएं। बाकी प्रक्रिया ई-मार्केट में किसी भी उत्पाद के लिए ऑनलाइन ऑर्डर देने जैसा है:
www.kayasthencyclopedia.com
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अगर किसी सज्जन को उक्त पुस्तक लेनी हो तो इस दूरभाष नम्बर पर संपर्क कर सकते है: 9303508176
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