
मोबाइल नम्बर 98271 43060 पर रहेंगे उपलब्ध
रायपुर (khabargali) दीवाली मे चिकित्सकों की अनुपलधता व मरीजों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए प्रदेश के सर्वप्रथम व निजी बर्न सेंटर कालडा प्लास्टिक कॉस्मेटिक एवं बर्न सेंटर के संचालक तथा अंचल के सुविख्यात प्लास्टिक कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. सुनील कालडा ने दीवाली में पटाखों से जलने पर 2 दिन नि:शुल्क प्राथमिक उपचार व सलाह की व्यवस्था डॉ. सुनील कालडा ने अपने पचपेढी नाका, धमतरी रोड, कलर्स माल के पास व जी. ई. रोड, राजकुमार कॉलेज के सामने स्थित अस्पताल में की है.
लापरवाही से बचें: डॉ कालड़ा
डॉ. कालडा ने आम जनता से अपील की है दीवाली मे पटाखों को लापरवाही से न चलावें बल्कि अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें. ज्यादातर दुर्घटना लापरवाही और अज्ञान कि वजह से होते है. अगर हम ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी ले तो कई दुर्घटनाओ को टाला जा सकता है. बम, अनारदाना, राकेट आदि चलाते समय पर्याप्त दूरी व सावधानी रखें. पटाखे जलाकर सडक पर न उछाले. छोटे बच्चों को जलते हुए दिए व मोमबत्ती के पास अकेला न छोडे. बच्चो को अकेले पटाखे न चलाने दे. पटाखो को अधिक झुककर न चलावें, क्योंकि पटाखे कई बार अपेक्षाकृत जल्दी फूट जाते है. व बचाव के लिए समय नही मिलता. पटाखा शरीर के नजदीक फटने से सिर के बाल एवं शरीर के अन्य हिस्से गंभीर रुप से झुलस सकते है. क्योंकि पटाखा बनाने मे गंधक, पोटाश, कोयला, कंकड, सुतली, कपडे एवं कागज का उपयोग होता है.
पटाखों से जलने के बाद शरीर पर स्याही या कॉलगेट का प्रयोग नहीं करना चाहिए. जलने के स्थान पर नल का पानी तब तक डालना चाहिए, जब तक जलन कम न हो जाए। जलने पर चूड़ियां व अंगूठियां जल्दी से उतार देना चाहिए, क्योंकि सूजन आने के बाद ये चीजें नहीं उतरती हैं। डा. कालड़ा ने यह भी बताया कि आंख में पटाखा या धुआं चले जाने पर रगड़ना नहीं चाहिए, आंख को दस मिनट तक पानी से धोना चाहिए.
उन्होंने बताया कि पटाखों से निकलने वाला धुआं काफी हानिकारक होता है, इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है. हृदय रोगियों को ज्यादा आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए, वहीं सांस की बीमारी वाले मरीजों को धुंए से परहेज करना चाहिए.
यह भी याद रखें
1.दीपावली पर पटाखे, कैंडल और दीया जलाते समय सिंथैटिक और खुले कपड़े ना पहनें.
2. पटाखे, कैंडल और दीया जलाते समय एक हाथ की दूरी बनाकर रखें.
3. चाइनीज पटाखे जलाने से बचें.
4. पैरों को चोट से बचाने के लिए पटाखे को रेत या पानी की बाल्टी में फेंके.
5. पटाखे जलाते समय जूते पहनें.
6.पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ ही बालू-मिट्टी का इंतजाम करें.
7. जो पटाखा न फूटे तो तुरंत पटाखे के पास न जाए. थोड़ा रुककर उसपर पानी या मिट्टी डाल दें.
8. पटाखे जलाने के लिए लंबी अगरबत्ती या फुलझड़ी का इस्तेमाल करे.
9. पटाखे जलाते समय और जलते दीये से दुपट्टा और साड़ी का पल्लू न जले इसका ध्यान रखें.
10. किसी भी ज्वलनशील पदार्थ से पटाखे दूर रखे जैसे दिया, मोमबत्ती या रसोईघर के पास।
11. छोटे बच्चों व बुजुर्गो का भी ख्याल रखें.
30 वर्षों से पटाखो से झुलसे लोगो का कर रहे नि:शुल्क इलाज

ज्ञातव्य है कि डॉ. सुनील कालडा विगत वर्षो से लगातार दीपावली में पटाखो से झुलसे लोगो का नि:शुल्क इलाज कर रहे है.
मिठाईयां की जगह पौधे देने की अपील
पर्यावरण के मद्देनजर जनहित में डॉ. कालड़ा ने आम जनता से अपील की है कि दीवाली में मिठाईयां की जगह पौधे देवें।
इस नम्बर पर डॉ. सुनील कालडा से होगा संपर्क
डॉ. सुनील कालडा से उनके मोबाइल 9827143060 नम्बर पर आप चिकित्सा संबंधी सलाह ले सकते हैं, यही उनका व्हाट्सएप नम्बर भी है ।
- Log in to post comments