EXCLUSIVE :कोरोना को हराने छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी की रिसर्च टीम ने निकाला हवन/यज्ञ का अद्भुत साइंटिफिक डाटा

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छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के डॉ कुलदीप सोलंकी और उनकी रिसर्च टीम ने बताया कि कैसे मॉडर्न साइंस के अनुसार हवन अर्थात यज्ञ से हमारी इम्यूनिटी बढ़ेगी बल्कि यह फेफड़े में होने वाले संक्रमण के इलाज मैं भी अचूक मदद करेगा

रायपुर (khabargali) प्रदेश की छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी की रिसर्च टीम जिसमें वरिष्ठ और नामी चिकित्सक शामिल है ,वे वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को हराने और लॉक डाउन से हो रहे फायदे पर लगातार महत्वपूर्ण जानकारी देने बुलेटिन निकल रही है । इन बुलेटिन को विभिन्न सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर डाला जा रहा है ताकि आम जनता इसका लाभ ले सके। इसी कड़ी में रिसर्च टीम ने साइंटिफिक डाटा निकाला है कि किस प्रकार हवन अर्थात यज्ञ से ना केवल हमारी इम्यूनिटी बढ़ेगी बल्कि यह फेफड़े में होने वाले संक्रमण के इलाज में भी मदद कर सकता है। रिसर्च टीम विभिन्न धार्मिक एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण पर चर्चा नहीं करती बल्कि मॉडर्न साइंस के अनुसार यज्ञ अर्थात हवन से क्या फायदे होते हैं उस पर जानकारी दे रही है। जिसे ख़बरगली यहां बिंदुवार प्रस्तुत कर रही है :

A. हवन/ यज्ञ की विधि अमेरिका में 2007 में ही पेटेंट हो चुकी है ।

पेटेंट का नंबर- WO 2007/ 072500 A2

(पेटेंट की प्रति इस खबर के साथ संलग्न है )

B. हवन (Hawan) के फायदे निम्नलिखित प्रकार के हैं:

1. हवन वायुमंडल के शुद्धिकरण का काम करता है। यह प्रक्रिया आम की लकड़ी जलने से निकलने वाले फॉर्मलडिहाइड नामक गैस से होती हैं जिसकी वजह से वातावरण में व्याप्त कीटाणु एवं विषाणु का नाश होता है।

2. हवन की अग्नि में तापमान 250 से 600 डिग्री तक रहता है इसमें जब हवन सामग्री डाली जाती है तो हाइड्रोजन वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन से मिलकर भाप बन जाता है। यह भाप जब कार्बन डाइऑक्साइड से अत्यधिक हाई ऐनर्जी ( high-energy) के साथ मिलता है तो फॉर्मलडिहाइड गैस बनती है: CO2+H2O+112,000Cal = HCHO+O2 आपको यहां यह जानना जरूरी है कि सारे अस्पतालों के स्टिरलज़ेशन (Sterilization) (हिंदी में जिसे ) के लिए फॉर्मलडिहाइड जैसे गैस का इस्तेमाल नियमित रूप से किया जाता है।

3. विभिन्न हवन सामग्री होम की जाती है तो वह वेपर बन जाता है यह vapors नाक के माध्यम से फेफड़ों तक जाता है एवं चमड़ी के माध्यम से शरीर में पहुंचता है। मॉडर्न साइंस में माना जाता है की दवाई को देने का बेस्ट route Intranasal (रूट इंट्रासनल) या Inhalational है। बहुत सारी दवाइयों की ट्रांसडर्मल पैच भी इस्तेमाल किए जाते हैं तथा वे इंजेक्शन या गोली से बेहतर होते हैं। इस प्रकार Lipid & Aromatic vapors सीधे Blood stream (रक्तधारा) में पहुंच जाते हैं।

4. Lipid +Aromatic Vapours वातावरण एवं फेफड़े में उपस्थित 2 micron (माइक्रोन) से भी छोटे PPM पीपीएम को Adsorb करके उन्हें निष्क्रिय कर देते हैं । कोरोनावायरस का साइज 1.2 माइक्रोन होता है।

5. हवन के वेपर एवं अरोमैटिक कंपाउंड्स स्ट्रांग एंटीऑक्सीडेंट का काम करते हैं ।

6. हवन के वेपर जब नाक से शरीर में प्रवेश करते हैं तो उनकी वजह से हाइपोथैलेमस नामक ग्रंथि अत्याधिक सक्रिय हो जाती है।

7. एक शोध में पता चला है की जब बार-बार मिर्गी के दौरे वाले मरीजों को रोजाना हवन के वातावरण में रखा गया तो उनके अंदर न्यूरोट्रांसमीटर्स बढ़ गए। *GABA* *Serotonin* *Dopamine* ठीक ऐसी ही जानकारी AIDS से पीड़ित मरीजों में भी पाई गई तथा ऐसा पाया गया है कि उनमें सुसाइड करने की एवं डिप्रेशन की टेंडेंसी हवन के प्रभाव से कम हुई।

8. इन सबसे भी महत्वपूर्ण जानकारी कोरोनावायरस के संदर्भ में यह है कोविड-19 में मृत्यु का कारण CYTOKINE STORM की वजह से होने वाला ARDS एवं मायोकारडाइटिस है । मॉडर्न साइंस में Cytokine Storm रोकने का कोई उपाय नहीं है। Cytokine storm T cells के अत्याधिक सक्रिय होने की वजह से संक्रमित मरीज की मृत्यु हो जाती है। रिसर्च टीम के अनुसार हवन से जो न्यूरोट्रांसमीटर्स GABA, Serotonin etc. बढ़ते हैं वे ही T cell activity को अनुशासित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस प्रकार लोगों द्वारा हवन करने से वहाँ मौजूद लोगों को वर्तमान कोरोना वायरस की महामारी में बहुत बड़ा फायदा हो सकता है।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने आम जनता से अनुरोध है कि 1 अप्रैल 2020 को महाअष्टमी के शुभ अवसर पर हम अपने घर में हवन करें। ऐसा करने से ना केवल इस नवरात्रि में हमारे धार्मिक दायित्व पूरे होंगे बल्कि उसके ऊपर सामाजिक एवं राष्ट्रीय दायित्व भी पूरे होंगे। सबसे बड़ी बात महाष्टमी पर हवन करने से हम में से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा। बल्कि हजारों घरों से जब हवन के वेपर वायुमंडल में फैलेंगे तो ना केवल हमारे शरीर को लाभ होगा बल्कि वायुमंडल का भी शुद्धिकरण होगा एवं प्रदेश में तथा देश में कोरोनावायरस का संक्रमण कम होगा। आज किसी कारणवश न कर सकें तो कल रामनवमी के अवसर पर कर सकते है। सोसाइटी का यह भी विनम्र आग्रह है कि हवन किसी दिन विशेष को ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ के लिए कभी भी कर सकते हैं, विशेषकर जब तक कोरोना वायरस का प्रभाव देश मे हैं तब तक इसे किया जाना बेहद लाभदायक है।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई हिदायतों को भी पालन करने का सभी से निवेदन करती है। सभी लोग अपने घरों में रहें और बेहद जरूरी हो तभी मास्क लगा कर घर से निकले , बाहरी लोगों से दूरी बना कर रहें और घर जाकर अपने हाथों को अच्छे से साफ करें।

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अमेरिका द्वारा 2007 में हवन की विधि पेटेंट हो चुकी है

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