GOOD NEWS: अंबाला में 5 बाहुबली " राफेल " की गरजते हुए हुई लैंडिंग

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नई दिल्ली / अंबाला (khabargali) आज का दिन भारतीयों के लिए और भारतीय वायुसेना के लिए काफी अहम है क्योंकि अचूक और दुश्मनों को पलभर में खाक करने वाले बाहुबली 5 मल्‍टी-रोल फाइटर जेट राफेल का आज ग्रह प्रवेश हो गया है। लड़ाकू विमान राफेल फ्रांस से 7000 किलोमीटर की दूरी तय कर आज भारत की सरजमीं पर उतर चुका है। अंबाला में राफेल की लैंडिंग के बाद उन्‍हें वाटर सैल्‍यूट दिया गया। उनको वाटर कैनन से Water salute दिया गया। इन्हें रिसीव करने के लिए खुद वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया मौजूद थे। यह दूसरा मौका है जब बड़े फाइटर विमान को अंबाला एयरबेस पर भारत में सबसे पहले लैंडिंग हुई है। इससे पहले जगुआर फाइटर प्‍लेन की अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन पर लैंडिंग हुई थी।  गौरतलब है कि भारतीय वायु सेना के पायलटों ने इन विमानों को फ्रांस से लेकर आएं है।

राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं: पीएम

राफेल का भारत मे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर स्वागत किया । पीएम मोदी ने संस्कृत के श्लोक में ट्वीट किया कि 'राष्ट्ररक्षासमं पुण्यं, राष्ट्ररक्षासमं व्रतम्,राष्ट्ररक्षासमं यज्ञो, दृष्टो नैव च नैव च।। नभः स्पृशं दीप्तम्...स्वागतम्! #RafaleInIndia'। इसका अर्थ है कि राष्ट्र रक्षा के समान कोई व्रत नहीं है। इस ट्वीट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें राफेल भारत की धरती में लैंड होता दिखाई दे रहा है।

दो सुखोई 30 एमकेआई ने अपने घेरे में लिया

फ्रांस से सात हजार किलोमीटर का हवाई सफर तय करके पांच राफेल विमान बुधवार की दोपहर तीन बजे अंबाला एयरबेस पहुंच गए। इन विमानों ने सोमवार को फ्रांसीसी शहर बोडरे में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी। बेड़े में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीट वाले विमान शामिल हैं। भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद राफेल विमानों को दो सुखोई 30 एमकेआई ने अपने घेरे में ले लिया और इन्हें अंबाला एयरबेस तक लेकर आए।

लेह में तैनात होगा राफेल

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इन विमानों के मिलने के बाद भारत की चीन और पाकिस्तान बड़ी बढ़त हासिल हो गई है। एकसाथ कई तरह के अचूक काम को अंजाम देने वाले राफेल लेह में तैनात किया जाएगा।

भारत की ताकत बढ़ी

राफेल को चीन और पाकिस्तान दोनों पर बड़ी बढ़त बताया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के पास फिलहाल इस टक्कर का कोई विमान नहीं है। मल्टी रोल फाइटर जेट राफेल एकसाथ कई लक्ष्यों पर निशाना लागने में माहिर है। विशेषज्ञों के अनुसार, राफेल पाकिस्तान के F-16 और चीन के J-20 के मुकाबले काफी क्षमतावान है। भारतीय वायुसेना को इस विमान के कारण बड़ी ताकत मिलेगी। भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था जिसकी पहली किश्त 5 राफेल भारत को आज मिला। पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच राफेल मौजूदा परिदृश्य में भारत के लिए एक गेम चेंजर होगा। कहा जा रहा है कि यह भारत की वायुशक्ति को कई गुना बढ़ा देगा। राफेल 4.5 जेनरेशन का विमान है और इसमें नवीनतम हथियार व बेहतरीन सेंसर लगे हैं।

राफेल लड़ाकू विमानों को खासतौर पर भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है। इसमें भारतीय परिस्थितयों को ध्यान में रखते हुए हेल्मेट माउंटेड साइट, रडार चेतावनी रिसीवर, फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर, इंफ्रारेड सर्च और ट्रैक सिस्टम, जैमर, उच्च ऊंचाई वाले ठिकानों से संचालन के लिए कोल्ड इंजन जैसे फीचर्स लगाए गए हैं।

ये जाबांज पायलट सवार थे राफेल में

राफेल लाने वाले इंडियन एयरफोर्स के जाबांज पायलटों की टीम का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह को मिली थी। उनकी विंग कमांडर पत्‍नी अभी अंबाला एयरफोर्स स्‍टेशन में ही कायर्रत हैं। कैप्टन हरकीरत की टीम में दक्षिण कश्मीर से एयर कमोडोर हिलाल अहमद राथर, यूपी के बलिया से कोमोडोर मनीष सिंह, राजस्थान के जालोर से विंग कमांडर अभिषेक त्रिपाठी भी शामिल थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लैंडिग का वीडियो ट्वीट कर ये लिखा

5 राफेल लड़ाकू विमानों की अंबाला में लैंडिंग पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा कि भारत में राफेल लड़ाकू विमान का टच डाउन हमारे सैन्य इतिहास में एक नए युग की शुरुआत है। ये मल्टीरोल विमान भारतीय वायु सेना की क्षमताओं में क्रांति लाएंगे। भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नजर रखने की चाहत वालों को इससे चिंता होनी चाहिए। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, 'राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद सिर्फ इसलिए हो पाई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के साथ अंतरसरकारी समझौते के तहत इन विमानों को खरीदने का सही फैसला किया। इनकी खरीद का मामला काफी लंबे वक्त से लंबित था और इसमें प्रगति नहीं हो पाई थी। मैं उन्हें इस साहस और निर्णय क्षमता के लिए धन्यवाद देता हूं।' अंबाला में राफेल फाइटर जेट के लैंडिग का वीडियो भी ट्वीट किया है।

गोल्डेन एरो का स्वागत है

भारतीय वायु सेना ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर राफेल की तस्वीरों को भी शेयर किया। वायु सेना ने अपने ट्वीट में लिखा, गोल्डेन एरो का स्वागत है। राफेल विमानों का सुखोई ने स्वागत किया। बता दें कि राफेल विमानों के बेड़े को वायु सेना ने 'गोल्डेन एरो' नाम दिया है। इन्हें भारतीय वायुसेना में इसके 17वें स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जाएगा, जिसे अंबाला एयर बेस पर 'गोल्डन एरो' के रूप में भी जाना जाता है।

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