रायपुर (khabargali) हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। हज एक वार्षिक पवित्र तीर्थयात्रा है जहां मुस्लिम भाईचारा भी प्रदर्शित होता है। हज यात्रा करने के उद्देश्य से सऊदी अरब साम्राज्य (केएसए) जाने से पहले हज यात्रियों का प्रशिक्षण आवश्यक होता है। रायपुर के "खादिम उल हुज्जाज" द्वारा 1999 से 'आजमीने-हज' के लिए रायपुर के Byron बाजार स्थित सामुदायिक भवन में हज पर जाने वाले लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
दिए गए कार्यक्रम के तहत उमरा, हज, हज के 5 दिन, मदीना मुनव्वरा और मुकद्दस मकामत में न्यूनतम कठिनाइयों के साथ उपस्थिति के दौरान आवश्यक विभिन्न अनिवार्य रसम-श्रेष्ठ आचरण के लिए विस्तृत जानकारी और सलाह दी गई। दिन भर के प्रशिक्षण सत्र में 35 महिलाओं (हज्जन) और 36 पुरुषों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण देने के लिए नागपुर से प्रशिक्षक जबाह मौलवी अब्दुल्ला मजहारी, डॉ. शाहिद, जफरुल्लाह साहब आये हुए थे। "खादिम-उल-हुज्जाज" ने हज यात्रियों को मक्का और मदीना की यात्रा के दौरान रसद, हज के (धार्मिक) विधि, स्वास्थ्य मुद्दों, आवास, सुरक्षा प्रशिक्षण और अन्य चुनौतियों यदि कोई हो के बारे में जानकारी दी। हज के अधिकांश धार्मिक क्रिया सिद्धांत असल में सैद्धांतिक (theoretical) के बजाय व्यावहारिक ज्यादा हैं। इसलिए, प्रशिक्षण कार्यक्रम में शंकाओं एवं जिज्ञासा को दूर करने के लिए सवाल-जवाब के सत्र भी हुए। हाजियों से अपने मुल्क में अमन, खुशहाली और तरक्की के लिए दुआ की दरख्वास्त की गयीl
डॉ. अनीस सिद्दीकी, एमडी के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम ने सभी हज प्रशिक्षुओं के लिए कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य जांच की। मास्टर ट्रेनर्स टीम के एक वरिष्ठ सदस्य ओबैद एफ हाफिज ने कहा, "खादिम उल हुज्जाज" के मास्टर ट्रेनर्स को पहले हज कमेटी ऑफ इंडिया मुंबई से विशेष प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र प्राप्त हुए हैं।
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