रायपुर (khabargali) सर्वजन कल्याण हेतु रायपुर छत्तीसगढ़ स्थित शिव मंदिर में गायत्री नगर में तीसरे दिवस की कथा में आचार्य श्री शिवानंद जी महाराज ने बताया कि हर मां को ध्रुव की मां सुनीत जैसे अपने बच्चों को संस्कार देना चाहिए तभी हमारे देश की और धर्म की रक्षा हो पाएगी क्योंकि कलयुग और मृत्यु एक साथ मनुष्य के जीवन में बैठे हुए हैं कब जीव को कॉल ग्रसित कर ले उसका कोई निश्चय नहीं है इसलिए अपने हाथों से परोपकार एवं सत्य का मार्ग धारण करें क्योंकि कलयुग में परोपकार और दान की बहुत बड़ी महिमा है एवं महाराज श्री ने ध्रुव वंश की वरना बताते हुए कहा कि यदि मनुष्य अंत काल में भी नारायण का नाम ले लेता है तो वह अपने जीवन से मुक्त हो जाता है जैसे कि अजामिल का अंत समय आया और उन्होंने अपने पुत्र का नाम नारायण रखा उस समय उन्होंने नारायण का स्मरण किया पुत्र तो नहीं आया पर नारायण के पार्षद अजामिल को भगवान से मिला दिए एवं हिरण्याक्ष हिरण कश्यप का वृतांत बताते हुए कहा की पिता असुर स्वभाव के थे परंतु उनके पुत्र प्रहलाद भगवत भक्त थे भगवान की भक्ति करके अपने पिता को भी मोक्ष पद प्रदान किए परिवार में यदि एक व्यक्ति भी धर्मात्मा हो जाता है तो परिवार की 21 पीढ़ियां तर जाती है मोक्ष पद को पाती है हिरण्यकशिपु अपने पुत्र प्रहलाद को बहुत कष्ट दिया पर प्रहलाद को विश्वास था कि हर दुख में भगवान हमारी रक्षा करेंगे प्रहलाद को बचाने के लिए आज भगवान नरसिंह रूप धारण कर प्रहलाद की रक्षा की ऐसी कथा को सुनकर सभी भक्तों ने आनंद का अनुभव किया और अपने ही अंदर सच्चिदानंद के दर्शन किये।
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