
वृन्दावन (खबरगली) वृंदावन में चल रहे प्रेमानंद महाराज के सत्संग और उनसे मिलने वाले सेलेब्रिटीज़ को लेकर लगातार सुर्खियां बनी हुई हैं। राज कुंद्रा से लेकर विराट कोहली जैसी कई बड़ी हस्तियां उनके अनुयायियों में शामिल हैं। हाल ही में राज कुंद्रा ने तो यहां तक कहा कि वे महाराज को अपनी किडनी दान करने को तैयार हैं। इस पर भोजपुरी अभिनेता खेसारी लाल यादव ने इसे “सस्ती पब्लिसिटी स्टंट” करार दिया। इसी विवाद के बीच जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज पर बड़ा बयान दिया।
“चमत्कार विद्वता में है, किडनी डायलिसिस में नहीं” – रामभद्राचार्य
रामभद्राचार्य ने साफ कहा कि वे प्रेमानंद को किसी भी रूप में चमत्कारी नहीं मानते। उन्होंने चुनौती दी कि अगर प्रेमानंद उनके सामने संस्कृत का कोई अक्षर बोल दें या उनके श्लोकों का अर्थ समझा दें तो वे उन्हें मान लेंगे। उन्होंने कहा, “वो मेरे लिए बालक के समान हैं। शास्त्र जानना ही असली चमत्कार है। किडनी डायलिसिस तो होता ही रहता है, इसमें कोई अलौकिक बात नहीं है। सेलेब्रिटी अपनी इमेज चमकाने के लिए उनके पास आते हैं।” “मैं द्वेष नहीं रखता, पर चमत्कारी कहना स्वीकार नहीं” रामभद्राचार्य ने आगे कहा, “मैं प्रेमानंद से कोई द्वेष नहीं रखता। परंतु उन्हें विद्वान या चमत्कारी कहना सही नहीं है। असली चमत्कार शास्त्र की गहरी चर्चा है, न कि लोकप्रियता। उनकी लोकप्रियता क्षणिक है, लेकिन विद्वता स्थायी होती है।”
गांधी जी पर भी साधा निशाना
बातचीत के दौरान रामभद्राचार्य ने गांधी जी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि गांधी जी की गलतियों के कारण ही देश का विभाजन हुआ। “गांधी जी जवाहरलाल नेहरू से अत्यधिक प्रेम करते थे और उनकी हर गलती को नजरअंदाज कर जाते थे। जबकि इतिहास उठाकर देखें तो भारत पर हमेशा आक्रमण मुस्लिम और ईसाई शासकों की ओर से ही हुआ। अकबर ने मीनाबाजार लगाकर हजारों स्त्रियों की इज्जत लूटी। ऐसे प्रसंग भूलना ठीक नहीं है। हां, गांधी जी का स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान था, लेकिन वह मात्र 1% था, जबकि क्रांतिकारियों का योगदान 99% था।”
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