कहानी राम मंदिर के लिए बलिदान देने वाले दो सगे भाई रामकुमार व शरद कोठारी (माहेश्वरी ) की

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जिन्हें मुलायम सिंह की पुलिस ने घर से खींच सिर में गोली मारी

माहेश्वरी सभा रायपुर के अध्यक्ष सम्पत काबरा ने आग्रह किया है कि कल 5 अगस्त प्रातः 5.00 बजे एवम संध्या 7.00 बजे दीपकों को प्रज्वलित करें

रायपुर (khabargali) 22 वर्ष के रामकुमार और 20 वर्ष के शरद कोलकाता में अपने घर के करीब बड़ा बाजार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित रूप से जाते थे। दोनों द्वितीय वर्ष प्रशिक्षित थे। कई अन्य स्वयंसेवकों की तरह ही राम और शरद ने भी विहिप की कार सेवा में शामिल होने का फैसला किया। 20 अक्टूबर 1990 को उन्होंने अयोध्या जाने के अपने इरादे के बादे में पिता हीरालाल कोठारी (माहेश्वरी) को बताया। उसी साल दिसंबर के दूसरे हफ्ते में बहन पूर्णिमा की शादी होनी तय थी। पिता ने कहा- कम से कम एक भाई तो घर पर रुको ताकि शादी के इंतजाम हो सके। पर दोनों भाई इरादे से पीछे नहीं हटे। बकौल पूर्णिमा, “आखिर में एक शर्त पर पिता राजी हुए। उनसे हर रोज अयोध्या से खत लिखते रहने को कहा। अयोध्या के लिए निकलने से पहले उन्होंने ढेर सारे पोस्टकार्ड खरीदे ताकि चिट्ठियॉं लिख सके। मुझे जब पता चला कि भाई अयोध्या जा रहे हैं तो मैं दुखी हो गई। उन्होंने वादा किया कि वे मेरी शादी तक जरूर लौट आएँगे।” दिसंबर के पहले हफ्ते में पूर्णिमा को जो चिट्ठी मिली वो इनमें से ही एक पोस्टकार्ड पर लिखा गया था। पूर्णिमा की शादी भी उसी साल दिसंबर में हो गई। लेकिन, बहन से किया वादा पूरा करने दोनों भाई घर लौट नहीं पाए।

राम और शरद ने 22 अक्टूबर की रात कोलकाता से ट्रेन पकड़ी। हेमंत शर्मा ‘युद्ध में अयोध्या’ में लिखते हैं- बनारस आकर दोनों भाई रुक गए। सरकार ने गाड़ियॉं रद्द कर दी थी तो वे टैक्सी से आजमगढ़ के फूलपुर कस्बे तक आए। यहॉं से सड़क रास्ता भी बंद था। 25 तारीख से कोई 200 किलोमीटर पैदल चल वे 30 अक्टूबर की सुबह अयोध्या पहुॅंचे। 30 अक्टूबर को विवादित जगह पहुॅंचने वाले शरद पहले आदमी थे। विवादित इमारत के गुंबद पर चढ़कर उन्होंने पताका फहराई। दोनों भाइयों को सीआरपीएफ के जवानों ने लाठियों से पीटकर खदेड़ दिया। शरद और रामकुमार अब मंदिर आंदोलन की कहानी बन गए थे। अयोध्या में उनकी कथाएँ सुनाई जा रही थी।

दोनों भाइयों के साथ कोलकाता से अयोध्या के लिए निकले राजेश अग्रवाल के मुताबिक वे 30 अक्टूबर को तड़के 4 बजे अयोध्या पहुॅंंचे। वे बताते हैं कि मस्जिद की गुंबद पर भगवा ध्वज फहरा कोठारी बंधुओं ने उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की दावे की हवा निकाल दी थी। मुलायम ने कहा था, “वहॉं परिंदा भी पर नहीं मार सकता।” फिर आया 2 नवंबर का दिन। युद्ध में अयोध्या के अनुसार दोनों भाई विनय कटियार के नेतृत्व में दिगंबर अखाड़े की तरफ से हनुमानगढ़ी की ओर बढ़ रहे थे। जब सुरक्षा बलों ने फायरिंग शुरू की तो दोनों पीछे हटकर एक घर में जा छिपे। सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर ने शरद को घर से बाहर निकाल सड़क पर बिठाया और सिर को गोली से उड़ा दिया। छोटे भाई के साथ ऐसा होते देख रामकुमार भी कूद पड़े। इंस्पेक्टर की गोली रामकुमार के गले को भी पार कर गई। दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। उनकी अंत्येष्टि में सरयू किनारे हुजूम उमड़ पड़ा था। बेटों की मौत से हीरालाल को ऐसा आघात लगा कि शव लेने के लिए अयोध्या आने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके। दोनों का शव लेने हीरालाल के बड़े भाई दाऊलाल फैजाबाद आए थे और उन्होंने ही दोनों का अंतिम संस्कार किया था। भाइयों की याद में पूर्णिमा उनके दोस्त राजेश अग्रवाल के साथ मिलकर ‘राम-शरद कोठारी स्मृति समिति’ नाम से एक संस्था चलाती हैं।

ऐसे वक्त में जब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है राम और शरद की स्मृतियॉं उस ‘शौर्य’ की पहचान है जिसके कारण यहॉं तक का सफर पूरा हो पाया है। उल्लेखनीय है कि कल 5 अगस्त को राममंदिर के लिए होनेवाले भूमिपूजन में उनकी बहन पूर्णिमाजी (माहेश्वरी) को आंमत्रित किया गया है ।

इधर माहेश्वरी सभा रायपुर के अध्यक्ष श्री सम्पत जी काबरा ने रायपुर के समस्त माहेश्वरी स्वजनों से आग्रह किया है कि वे कल 5 अगस्त 2020 बुधवार को प्रातः 5.00 बजे एवम संध्या 7.00 बजे अपने घर, दुकान, आफिस, कार्यस्थल, फैक्ट्री वगैरह जहां तक सभव हो सके वहां पर ज्यादा से ज्यादा दीपकों को प्रज्वलित कर स्वयं को गौरवशाली पलों को साक्षी बनायें, अपने हिन्दू होने के गौरव को महसूस कीजिए। उन्होंने बतलाया की हम 500 साल की सबसे भाग्यशाली पीढ़ी हैं जो हिन्दू स्वाभिमान की पुनर्स्थापना देखेंगे।

माहेश्वरी सभा के सचिव कमल राठी ने बतलाया की कल का दिन अभूतपूर्व उल्लास का दिन है। यह वह दिन होगा जिस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्म-स्थान सरयू के तट अयोध्या की पावन भूमि पर देश के गणमान्य एवम साधु- संतों को गरिमामय उपस्थिति में भगवान श्रीराम के भव्य राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन होगा।  छत्तीसगढ़ प्रदेश माहेश्वरी सभा के प्रदेश मंत्री सुरेश मूंदड़ा ने कहा कि हिन्दूओं की आन बान शान भगवान राम, भव्य मंदिर में भव्य स्वरूप में फिर से रामराज्य की स्थापना करेंगे.. आईए हम सभी इस पवित्र दिन अपनी सनातन धर्म, संस्कृति आस्था, समर्पण के साथ ही श्री माहेश्वरी समाज के गौरव, मृत्युहन्ता अमर बलिदानी , रामभक्त कोठारी बंधुओं, की स्मृति में बुधवार, 5 अगस्त को ही प्रातः हर माहेश्वरी परिवार में दीप प्रज्वलित और राम मन्दिर के नींव पूजन के समय हर घर के देवालय में शंखनाद करें। छत्तीसगढ़ प्रदेश माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष श्री रामरतन जी मूंदड़ा ने सभी देश - प्रदेश वासियों, रामास्था धर्मावलंबियों को बधाइयां देते हुवे कहा कि यह बहुप्रतीक्षित दिन समस्त देशवासियों को भावविभोर कर देने वाला है। छत्तीसगढ़ प्रदेश माहेश्वरी सभा के सह मंत्री एवम माहेश्वरी सभा रायपुर के प्रचार प्रसार प्रभारी सूरज प्रकाश राठी ने इस पल को रामराज्य लाने वाला दिन बतलाते हुवे कहा कि सनातन धर्म प्रेमियों के लिए आनंदित करने वाला समय होगा। जब श्री रामलला का दरबार सजेगा। रामजन्म भूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले कारसेवकों का स्मरण करते हुवे सादर नमन करते हुवे सूरज प्रकाश राठी ने बतलाया कि कोलकाता निवासी दो माहेश्वरी भाई रामकुमार कोठारी एवम शरद कुमार कोठारी ने मुलायम सरकार की दमनकारी नीत के चलते 2 नवम्बर को अपना बलिदान दिया।

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